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क्या सर्दी, बुखार और दूसरी बीमारियों की तरह हमें कोरोना के साथ भी जीना होगा? जानिये क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

डॉ. गगनदीप का कहना है कि वायरस है और आगे भी लोगों के बीच रहेगा. जिस तरह से वायरस पूरी दुनिया में फैला और समय बीता उससे यह कहा जा सकता है कि अब वो स्टेज आ चुका है कि वायरस लोगों के बीच लंबे समय तक रहेगा. कोरोना के केस आएंगे और बीच-बीच में इसकी लहर भी आ सकती है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड के नए वेरिएंट मिलने पर लहर आने की आशंका है एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड के नए वेरिएंट मिलने पर लहर आने की आशंका है
हाइलाइट्स
  • वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि कोरोना के केस आगे भी आते रहेंगे

  • बीच-बीच में कोरोना की लहर भी आ सकती है

  • नया वेरिएंट आने पर लहर की आशंका है

पूरी दुनिया में जब कोरोना फैला तब शुरुआती चरण में इसको लेकर कई बातें कही गई. एक्सपर्ट्स की इस पर अलग-अलग राय थी. शुरुआत में स्थिति काफी भयावह लग रही थी लेकिन धीरे-धीरे इसके केस कम हुए और जब वैक्सीन तैयार हुई तब उम्मीद जगी कि कोरोना खत्म हो जाएगा. जब दूसरी लहर आई तब इसके बारे में फिर स्टडी की गई. अब इसको लेकर ये बात कही जा रही है कि सर्दी, बुखार, मेलरिया, टायफॉयड जैसी बीमारियों के साथ हमें कोरोना के साथ भी जीना होगा. कोरोना को लेकर आगे क्या स्थिति बनेगी इस पर देश के प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कंग ने टाइम्स ऑफ इंडिया को एक इंटरव्यू दिया है.

डॉ. गगनदीप कंग का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि देश में कोविड एंडेमिक(Endemic) स्टेज में पहुंच गया है. एंडेमिक मतलब कोई ऐसी बीमारी जिससे छुटकारा मिलना मुश्किल है. मतलब आपको कोविड के साथ ही आगे भी जीना पड़ सकता है. एंडेमिक(Endemic) और पैंडेमिक(pandemic) के अंतर को कुछ तरह से समझा जा सकता है कि एंडेमिक यानि स्थानिक रोग एक फिक्स पैटर्न पर कुछ क्षेत्रों में नियमित रूप से होते हैं जबकि महामारी एक बहुत बड़े क्षेत्र या फिर कहा जाए तो पूरी दुनिया में फैलती है और यह किस हद तक बीमार करेगी इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है. उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो मौसमी बुखार, फ्लू, डेंगू और ऐसी कई बीमारियों को एंडेमिक माना जाता है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) और दूसरी स्वास्थ्य निकाय भी इसे एंडेमिक मान लेते हैं जब कोई आबादी वायरस के साथ रहना सीख जाती है.

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आते रहेंगे कोरोना के केस, वायरस के साथ जीना सीखना होगा
डॉ. गगनदीप का कहना है कि वायरस है और आगे भी लोगों के बीच रहेगा. जिस तरह से वायरस पूरी दुनिया में फैला और समय बीता उससे यह कहा जा सकता है कि अब वो स्टेज आ चुका है कि वायरस लोगों के बीच लंबे समय तक रहेगा. कोरोना के केस आएंगे और बीच-बीच में इसकी लहर भी आ सकती है. अचानक से कोरोना के केस तेजी से बढ़ने शुरू हो सकते हैं. कोई नया वेरिएंट आएगा तो ऐसी स्थिति बन सकती है. कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन में भी ऐसा ही देखने को मिला. हां, ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सुविधाओं पर काफी असर पड़ सकता है लेकिन दुनिया की बड़ी आबादी को कोविड के साथ ही आगे बढ़ना होगा. यह भी संभव है कि आगे कोविड की वजह से कोई लॉकडाउन या कड़े नियम लागू नहीं हों. लेकिन, जब इसे एंडेमिक मान लिया जाएगा तभी ऐसा किया जा सकेगा.