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Explainer: फेक लैब टेस्ट के मामलों में मोहल्ला क्लीनिकों पर उठे सवाल, LG ने की CBI जांच की सिफारिश, जानिए पूरा मामला

Aam Admi Mohalla Clinic Scam: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक (एएएमसी) में फर्जी लैब टेस्ट और 'घोस्ट मरीजों' से जुड़े मामलों में CBI जांच की सिफारिश की है.

Aam Admi Mohalla Clinic Aam Admi Mohalla Clinic
हाइलाइट्स
  • लैब्स में किए गए फेक टेस्ट 

  • स्टडी में सामने आए ये रिकॉर्ड्स

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने सात मोहल्ला क्लीनिक की इम्पैक्ट-असेसमेंट स्टडी की और इस स्टडी में कई खामियां मिलने के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राज्य संचालित मोहल्ला क्लीनिकों में निर्धारित मुफ्त लैब परीक्षणों की सीबीआई जांच की सिफारिश की है. बताया जा रहा है कि यह स्टडी तब की गई जब कुछ क्लीनिकों के डॉक्टरों को अटेंडेंस में धोखाधड़ी करते पाया गया. बहुत से डॉक्टर पहले से अपना विडियो रिकॉर्ड करके स्टाफ को दे देते थे जो इस विडियो को अटेंडेंस एप में फीड करते थे. 

लैब्स में किए गए फेक टेस्ट 
डॉक्टरों की अनुपस्थिति में दूसरे कर्मचारी मरीजों को दवाएं और लैब टेस्ट का प्रिस्क्रिप्शन दे रहे थे जो गलत है. दक्षिण-पश्चिम, शाहदरा और उत्तर-पूर्व जिलों के सात क्लीनिकों - जाफर कलां, उजवा, शिकारपुर, गोपाल नगर, ढांसा, जगजीत नगर और बिहारी कॉलोनी - में परीक्षणों के रिकॉर्ड की रैंडम जांच से "फेक" रिकॉर्ड होने का संदेह हुआ क्योंकि मरीजों के फोन नंबर गलत थे. कई मामलों में, मरीज़ों के फोन नंबर पूरी तरह से गायब थे. 

एक अधिकारी ने कहा, "ऐसा लगता है कि हजारों घोस्ट पेशेंट्स (Ghost Patients) को फ्री लैब टेस्ट की सिफारिश की गई, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है." सितंबर 2023 में डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी और उन्हें पैनल से हटा दिया गया था. साथ ही, इन मोहल्ला क्लीनिकों में तीन महीने, जुलाई से सितंबर 2023 का लैब टेस्ट डेटा निकलवाया गया. यह डाटा उन दो लैब सर्विस प्रोवाइडर - एगिलस डायग्नोस्टिक्स और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर से लिया गया था जहां पर मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टर मरीजों को जरूरत होने पर टेस्ट के लिए रेफर करते हैं. लेकिन जब यह डेटा एनालाइज किया गया तो बहुत चौंकाने वाले रिकॉर्ड्स सामने आए. 

स्टडी में सामने आए ये रिकॉर्ड्स
रिपोर्ट के मुताबिक, इन सात मोहल्ला क्लीनिकों में 11,657 रिकॉर्ड ऐसे थे जहां मरीजों के मोबाइल नंबर 'शून्य' बताए गए थे. 8,251 मामलों में, मोबाइल नंबर का कॉलम खाली था और 3,092 मामलों में मोबाइल नंबर '9999999999' के रूप में दर्ज किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि 400 एंट्री ऐसी भी थीं जिनके फोन नंबर की शुरुआत 1, 2, 3, 4, या 5 नंबर से हो रही थी और ये नंबर अस्तित्व में नहीं हैं और 999 मामलों में, 15 या अधिक मरीजों के खिलाफ एक ही मोबाइल नंबर लिखा गया था. 

लेकिन मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टरों ने फर्जी अटेंडेंस दर्ज की, तो सवाल यह है कि मरीजों को ये परीक्षण और दवाएं किसने लिखीं? नॉन-मेडिकल कर्मचारी? दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2022 में सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में दी जाने वाली मुफ्त लैब परीक्षणों की संख्या 212 से बढ़ाकर 450 कर दी थी और सेवा को दो निजी डायग्नोस्टिक फैसिलिटीज को आउटसोर्स कर दिया था. सूत्रों ने कहा कि एलजी ने प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए सरकार को पिछले तीन सालों के लैब टेस्ट की क्वालिटी के लिए प्रभाव-आकलन अध्ययन (Impact-Assessment Study) कराने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मरीजों का ऑनलाइन पंजीकरण और आधार-आधारित बायोमेट्रिक ट्रैकिंग की जाए. 

इस मामले के सामने आने के बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की मांग की है. इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. बीजेपी ने आम आदम पार्टी पर तंज कसना शुरू कर दिया है तो वहीं आप पार्टी ने जांच का स्वागत किया. 

आम आदमी पार्टी की सफाई
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस स्कैम का दोष ब्यूरोक्रेसी पर मढ़ा और कहा कि पिछले साल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर प्रकाश डाला था. उन्होंने कहा कि जहां तक ​​स्वास्थ्य विभाग का सवाल है, चाहे वह मोहल्ला क्लीनिक में कर्मचारियों की उपस्थिति हो या दवाओं की गुणवत्ता, इन मुद्दों की निगरानी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी है और कुल मिलाकर, DGHS स्वास्थ्य सचिव के साथ इसे देखता है. 

उन्होंने आगे कहा कि इन अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे अपने स्तर पर आकस्मिक जांच करें. डीजीएचएस की नियुक्ति किसने की है? स्वास्थ्य सचिव किसे नियुक्त किया गया है? आप पार्टी ने उन्हें नियुक्त नहीं किया है. उनके (केंद्र) द्वारा चुने गए अधिकारी गड़बड़ी में लगे हुए हैं और वे सीबीआई जांच की सिफारिश कर रहे हैं. वे अपने चुने हुए लोगों के खिलाफ जांच शुरू कर रहे हैं, हमारे खिलाफ नहीं.