क्या आपको भी कभी ऐसा महसूस होता है कि आपके आस पास सबकुछ घूम रहा है. हो सकता है कभी ऐसे अनुभव को आपने हल्का चक्कर समजकर इग्नोर कर दिया हो. लेकिन ये वर्टिगो का लक्षण भी हो सकता है. भारत में 9.9 मिलियन से ज्यादा लोग वर्टिगो का अनुभव करते हैं. लगभग हर कोई अपने जीवन में कभी न कभी चक्कर का अनुभव करता है. हालांकि वर्टिगो इससे अलग है. यह एक संतुलन विकार है जो अचानक हो सकता है. इससे व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है जैसे दुनिया घूम रही है. कई बार यह परेशान करने वाला भी हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि इसे केवल चक्कर आना समझकर इन्नोर न किया जाए.
दुनिया में 10 में से 1 इंसान वर्टिगो से पीड़ित
जिन चीजों को ज्यादातर लोग हल्के में लेते हैं, चाहे वो रोजाना के काम हों या किराने की खरीदारी, ट्रैवलिंग, काम करना, दोस्तों और परिवार से मिलना, छुट्टियों पर जाना, ये सभी काम वर्टिगो से पीड़ित लोगों के लिए बहुत मुश्किल भरे हो सकते हैं. वर्टिगो दुनिया भर में 10 में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करता है. इसका इलाज भी लंबा है. इसके उच्च प्रसार के बावजूद, रोगियों के बीच जागरूकता की कमी है लेकिन एक बार जब किसी का सही निदान हो जाता है, तो इसका इलाज किया जा सकता है.
किन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है वर्टिगो
अक्सर वर्टिगो वाले लोग सही इलाज नहीं करा पाते हैं. वर्टिगो एपिसोड किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर बुजुर्गों में ज्यादा देखा जाता है. 60 साल से ज्यादा उम्र के लगभग 30% लोग और 85 साल से ज्यादा की उम्र के 50% लोग वर्टिगो और चक्कर का अनुभव करते हैं. भारत की बुजुर्ग आबादी (60 वर्ष और उससे अधिक) में यह 2031 तक 194 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है.
वर्टिगो अटैक ज्यादातर महिलाओं को
हालांकि वर्टिगो खतरनाक नहीं है लेकिन अचानक गिरने से फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है, कभी कभी ये जानलेवा भी साबित हो सकता है. गिरने का डर चिंता और अवसाद को भी ट्रिगर कर सकता है. महिलाओं में वर्टिगो ज्यादा आम है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं के वर्टिगो से पीड़ित होने की संभावना दो से तीन गुना ज्यादा होती है.
हालांकि इसका कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन डॉक्टर्स का मानना है कि इसके पीछे हार्मोनल एक्टिविटी जिम्मेदार हो सकती है. वर्टिगो एक महिला के जीवन के विभिन्न चरणों में बढ़े हुए हार्मोनल उतार-चढ़ाव का परिणाम हो सकता है. कुछ महिलाओं को पीरियड्स से पहले वर्टिगो का अनुभव होता है जोकि माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है. इसके अलावा शरीर में ब्लड की सप्लाई कम होने से ब्लड प्रेशर गिरने लगता है जिस वजह से वर्टिगो का अटैक आ सकता है. वर्टिगो का प्रभाव थोड़ी देर के लिए भी रह सकता है और बहुत ज्यादा देर तक भी
क्या है वर्टिगो के लक्षण
अचानक चक्कर आना
दुनिया घूम रही है ऐसा महसूस होना
केंद्रित करने में समस्या
एक कान से कम सुनाई देना
कान में घंटी सुनाई देना
पसीना आना
उल्टी और मितली