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Bird Flu Vaccination: फिनलैंड में होने जा रहा बर्ड फ्लू वैक्सीनेशन, ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना

फिनलैंड देश के कुछ वर्कर्स पर बर्ड फ्लू वैक्सीनेशन शुरू करने जा रहा है. फिनलैंड ऐसा करने वाला पहला देश होगा. फिनलैंड के कुछ हिस्सों में टीकाकरण अगले सप्ताह की शुरुआत में शुरू हो सकता है.

Bird Flu ( Representative image) Bird Flu ( Representative image)
हाइलाइट्स
  • अमेरिका में तेजी से फैल रहा वायरस

  • फिनलैंड में होने जा रहा बर्ड फ्लू वैक्सीनेशन

फिनलैंड देश के कुछ वर्कर्स पर बर्ड फ्लू वैक्सीनेशन शुरू करने जा रहा है. फिनलैंड ऐसा करने वाला पहला देश होगा. फिनलैंड के कुछ हिस्सों में टीकाकरण अगले सप्ताह की शुरुआत में शुरू हो सकता है. फिनलैंड ने वैक्सीन निर्माता कंपनी सीएसएल सेकिरस से 15 देशों के लिए 40 मिलियन डोज मंगवाए हैं, जोकि 10 हजार लोगों को लगाए जाएंगे. इसकी दो खुराक लगाई जाएगी.

अमेरिका में तेजी से फैल रहा वायरस
ये वैक्सीन रोल आउट करने वाला पहला देश होगा. ये उन लोगों को लगाई जाएगी जिन्हें काम के दौरान Avian influenza का रिस्क सबसे ज्यादा है और 18 साल से ऊपर हैं. बर्ड फ्लू के H5N1 स्ट्रेन से हाल के सालों में लाखों मुर्गियों की मौत हुई है. अमेरिका में ये वायरस गायों और कुछ मामलों में मनुष्यों में भी तेजी से फैल रहा है.

जल्द होगा वैक्सीनेशन
फिनलैंड में इंसानों में बर्ड फ्लू का एक भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन जोखिम को देखते हुए फार्म में काम करने वाले लोगों का वैक्सीनेशन करने जा रही है. फिनलैंड में फर फार्म की संख्या ज्यादा है, जहां जानवर इस वायरस के संपर्क में आ सकते हैं. फिनलैंड के फर फार्मों में मिंक और लोमड़ियों के बीच बर्ड फ्लू के व्यापक प्रकोप के कारण पिछले साल लगभग 485,000 जानवरों को मार दिया गया था ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके.

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फिनलैंड ने कहा कि देश में उन लोगों के लिए टीके खरीदे गए हैं जिन्हें बर्ड फ्लू का जोखिम ज्यादा है. पक्षियों की देखभाल करने वाले लोग, फार्मों की सफाई करने वाले और प्रोसेसिंग प्लांट में काम करने लोगों को भी टीके लगाए जाएंगे. अगर एवियन इन्फ्लूएंजा का मानव संक्रमण होता है, तो संदिग्ध या पुष्टि किए गए मामले के करीबी संपर्कों को भी टीका लगाया जाएगा.

क्या है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहते हैं, जो एक वायरल इन्फेक्शन है. ये पक्षियों से पक्षियों में फैलता है और ज्यादातर पक्षियों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है. वैसे तो ये जंगली पक्षियों से पालतू पक्षियों में फैलता है लेकिन कभी-कभी यह मनुष्यों में भी फैल सकता है. ये वायरस अपने आप में लगातार बदलाव करता रहता है.