बढ़ती भागदौड़ और अलग-थलग रहने से पैदा हो रहे अकेलेपन की वजह से लोगों में तनाव भी बढ़ रहा है. हर 10 में से 6 इंसान तनाव और डिप्रेशन जैसी स्थिति से गुजर रहे हैं. आये दिन हम अखबार और खबरों में सुसाइड के मामले पढ़ते हैं. ऐसे में इन घटनाओं को रोकने के लिए 'जिंदगी' नाम की पहली सुसाइड रोकथाम हेल्पलाइन कश्मीर में लॉन्च की गई है. दरअसल, तीन दशक लंबे संघर्ष और दो साल की कोविड-19 महामारी के कारण लोग मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं.
हेल्पलाइन नंबर किया गया है लॉन्च
कश्मीर के इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेन्टल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस और SRO एनजीओ ने मिलकर इस हेल्पलाइन नंबर को लॉन्च किया है. ये नंबर है- 18002701008. ये हेल्पलाइन नंबर 19 मई से शुरू हो चुका है. ये रोजाना शाम 6 बजे से 11 बजे तक काम करती है. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, इन घंटों में लोग ज्यादा मानसिक तनाव का सामना करते हैं. और इसी दौरान वे सबसे ज्यादा अकेलापन महसूस करते हैं.
क्या-क्या मिलेगी सुविधा?
‘ज़िंदगी’ नाम की हेल्पलाइन सुसाइड प्रिवेंशन काउंसलिंग, फर्स्ट ऐड, साइकोलॉजिकल सपोर्ट, डिस्ट्रेस मैनेजमेंट, मेन्टल वेल-बीइंग और सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देती है. न्यू इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से IMHANS में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ जोया मीर कहती हैं सुसाइड 100 प्रतिशत रोकी जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि वे इस सुसाइड प्रिवेंशन हेल्पलाइन को शुरू करने के लिए महीनों से योजना बना रहे हैं और हेल्पलाइन में शामिल सभी क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइकेट्रिस्ट को मुंबई में एक्सप्रेत द्वारा ट्रेन्ड किया गया है.
डॉ जोया के मुताबिक, अभी हेल्पलाइन में 14 साइकेट्रिस्ट की एक टीम काम कर रही है. हेल्पलाइन अंग्रेजी, उर्दू और कश्मीरी भाषा में उपलब्ध है.
24 घंटे के लिए जल्द होगी शुरू
रिपोर्ट में डॉ जोया आगे कहती हैं की इस हेल्पलाइन का नाम ज़िन्दगी इसलिए रखा गया है तो क्योंकि वे इसमें लोगों की जान बचाने पर फोकस कर रहे हैं. इसे हेल्पलाइन को आगे चलकर 24 घंटे के लिए शुरू किया जाएगा. इसके अलावा वे लोग इसका भी प्रावधान करने पर विचार कर रहे हैं कि अगर किसी व्यक्ति की स्थिति काफी ख़राब है तो उसे सीधा हॉस्पिटल ट्रांसफर किया जा सके.