
पिछले एक साल से कैंसर से जूझ रही प्रिंसेस ऑफ वेल्स केट मिडलटन ने अपनी एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें वो जंगलों के बीच खड़ी होकर आसमान की तरफ देख रही हैं. प्रिंसेस केट की यह तस्वीर फॉरेस्ट बाथिंग की तरफ इशारा करती है. प्रिंसेस केट अक्सर इंस्टाग्राम पर अपनी बीमारी और हीलिंग के बारे में बात करती नजर आती हैं.
क्या होती है फॉरेस्ट बाथिंग
फॉरेस्ट बाथिंग का मतलब जंगल में नहाना नहीं है. फॉरेस्ट बाथिंग प्रकृति में शांत रहने और जंगल का अनुभव करने की एक जापानी प्रथा है. जापान में इसे 'शिनरिन योकू' के नाम से भी जाना जाता है. यह तकनीक 1980 के दशक से दुनिया भर में लोकप्रिय है. प्रकृति के बीच जंगलों में समय बिताने से मन को शांति और दिल को सुकून मिलता है.
कैसे कर सकते हैं फॉरेस्ट बाथिंग?
फॉरेस्ट बाथिंग में आप किसी भी जंगल में जा सकते हैं. वहां शांति से बैठकर प्रकृति की आवाज सुन सकते हैं, पेड़ों को छू सकते हैं और ताजी हवा में सांस ले सकते हैं. ऐसा करने से तनाव दूर होता है. इस दौरान आपको अपने फोन, लैपटॉप से दूर रहना चाहिए.
फॉरेस्ट बाथिंग के फायदे क्या हैं?
फॉरेस्ट बाथिंग के कई मेंटल हेल्थ बेनिफिट्स हैं. लंबी पैदल यात्रा से उलट आप इसमें जंगलों के बीच एक जगह बैठकर ध्यान लगा सकते हैं. यह प्रैक्टिस आपकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ दोनों के लिए फायदेमंद है. स्ट्रेस से जूझ रहे लोगों के लिए फॉरेस्ट बाथिंग उनके नर्व सिस्टम को शांत कर सकता है क्योंकि उनका ध्यान परेशानियों से हटकर अपने चारों ओर के प्राकृतिक तत्वों पर ध्यान देने लगता है. वैज्ञानिक तौर पर भी फॉरेस्ट बाथिंग के कई फायदे बताए गए हैं.
फॉरेस्ट बाथिंग के दौरान पेड़ों से निकलने वाले फाइटोनसाइड्स जैविक परिवर्तन का कारण बनते हैं और नेचुरल किलर सेल्स के प्रोडक्शन को बढ़ाते हैं, जो वायरस और ट्यूमर से लड़ने में मदद करता है.
जापान की इस तकनीक पर किए गए कई अध्ययनों के अनुसार, जंगलों के दृश्यों का आनंद लेने और उनमें तीन या छह किलोमीटर की सैर करने से शुगर का लेवल कम होता है.
फॉरेस्ट बाथिंग लोगों के लिए काम से समय निकालने, आराम करने और प्रकृति से जुड़ने का एक अवसर है. सिर्फ 20 मिनट की फॉरेस्ट बाथिंग आपको अनेकों फायदे दे सकती है.