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Omicron के खिलाफ सुरक्षा पाने के लिए ICMR ने बताया बूस्टर डोज को जरूरी, स्टडी में हुआ चौकाने वाला खुलासा   

आईसीएमईआर के वैज्ञानिकों के मुताबिक, सभी तीन ग्रुप ने ओमिक्रॉन की तुलना में बी.1, बीटा और डेल्टा वेरिएंट को ज्यादा प्रभावी ढंग से न्यूट्रलाइज किया है.

Vaccination Vaccination
हाइलाइट्स
  • ओमिक्रॉन के खिलाफ कम प्रभावी है वैक्सीन  

  • दूसर सभी वेरिएंट्स को करती है न्यूट्रलाइज 

देश भर में बूस्टर डोज लगनी शुरू हो गई हैं. कई राज्यों ने लोगों के इसे फ्री भी कर दिया है. अब इसी कड़ी में एक नई रिसर्च के खुलासा हुआ है कि जिन लोगों को ओमिक्रॉन संक्रमण नहीं हुआ होता है उनपर कोविशील्ड वैक्सीन ज्यादा असर नहीं करती है. बजाय उनके जो वायरस से रिकवर कर चुके हैं. ये खुलासा आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (ICMR-NIV) की एक नई स्टडी में हुआ है. इसमें बूस्टर डोज की जरूरत के बारे में बताया गया है. 

तीन ग्रुप्स पर की गई रिसर्च 

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक,  इस रिसर्च के लिए, कोविशील्ड की दूसरी डोज देने के लिए 24 कोविडनाइव लोगों को इसमें शामिल किया गया. ये वो लोग थे जिन्हें 180 दिन पहले कोविशील्ड की दूसरी डोज दी गई थी.  इसके बाद 17 ऐसे लोगों के सैंपल लिए गए जो पहले कोविड संक्रमित थे और फिर बाद में उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज दी गई थी. इसके अलावा तीसरा ग्रुप वो था, जिन्हें कोविशील्ड की दोनों डोज देने के बाद भी कोविड-19 संक्रमण हो गया था. इसमें 46 लगूँ को शामिल किया गया था.

टीओआई ने बताया कि तीसरे ग्रिप के सीरम सैंपल उनके संक्रमण के 14-30 दिनों के बाद इकठ्ठा किए गए थे.

ओमिक्रॉन के खिलाफ कम प्रभावी है वैक्सीन  

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एनआईवी ने अपनी एक स्टडी में पाया था कि कोविशील्ड, कोवैक्सिन और दोनों को मिक्स करके जो वैक्सीन लगाई गई थी, उससे जो एंटीबॉडी बनी थी वे 6 महीने बाद ही बेअसर हो गई थीं. हालांकि, एनआईवी की एक वैज्ञानिक डॉ प्रज्ञा यादव के अनुसार, कोविशील्ड की पहली डोज और उसके बाद कोवैक्सीन की दूसरी डोज डेल्टा वेरिएंट और दूसरे वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न के खिलाफ ज्यादा कारगर है. लेकिन ओमिक्रॉन वाले केस में ये कम प्रभावी है. 

दूसर सभी वेरिएंट्स को करती है न्यूट्रलाइज 

कोविशील्ड स्टडी के लिए, वैज्ञानिकों ने सभी के खिलाफ वैक्सीन की न्यूट्रलाइजिंग पावर को चेक किया, इसमें उन्होंने इस वैक्सीन की जांच बी.1, डेल्टा, बीटा और ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ की. आईसीएमईआर के वैज्ञानिकों के मुताबिक, "सभी तीन ग्रुप ने ओमिक्रॉन की तुलना में बी.1, बीटा और डेल्टा वेरिएंट को ज्यादा प्रभावी ढंग से न्यूट्रलाइज किया.”