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भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर की चेतावनी के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय का महत्वपूर्ण कदम, जारी किए होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइंस

Covid Home Isolation Guidelines India: गंभीर स्थिति होने पर रोगी और देखभाल करने वाले को तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए. इनमें तीन दिनों से अधिक समय तक 100° F से अधिक बुखार, सांस लेने में कठिनाई, ऑक्सीजन कंसंट्रेशन में गिरावट, छाती में लगातार दर्द और गंभीर थकान और मायलगिया शामिल हो सकते हैं.

होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद दोबारा परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है. होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद दोबारा परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है.
हाइलाइट्स
  • रोगी को पल्स ऑक्सीमीटर के जरिए खून में ऑक्सीजन कंसंट्रेशन की निगरानी करते रहनी चाहिए

  • कंट्रोल रूम होम आइसोलेशन के तहत मरीजों की स्थिति की निगरानी के लिए आउटबाउंड कॉल भी करेंगे

Latest Home Isolation Guidelines 2022: हालांकि दुनिया और भारत में ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इनमें से अधिकतर मामलों में लोगों की स्थिति गंभीर नहीं हुई है और उन्हें अस्पताल जाने की जरुरत नहीं पड़ी है. यहां तक ​​​​कि इससे पहले के डेल्टा जैसे अधिक गंभीर वेरिएंट के मामले में भी अधिकतर संक्रमणों के लिए सरकार ने होम आइसोलेशन का सहारा लिया था. इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “यह विश्व स्तर पर और साथ ही भारत में भी देखा गया है कि कोविड-19 के अधिकांश मामले या तो एसिम्पटोमेटिक हैं या बहुत हल्के लक्षण हैं. ऐसे मामले आमतौर पर न्यूनतम हस्तक्षेप के साथ ठीक हो जाते हैं और उसके बाद मेडिकल गाइडेंस और उचित निगरानी के तहत घर पर ही रोगी की देखभाल की जा सकती है.”

भारत में बढ़ रहे दैनिक कोविड -19 मामलों और एक 'तीसरी लहर' की चेतावनी के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हल्के और बिना लक्षण वाले COVID-19 मामलों को होम आइसोलेशन (home isolation guidelines for covid) में रखने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं. दिशानिर्देशों के अनुसार, 

1. कोविड रोगी को खुद को घर के अन्य सदस्यों से अलग करना चाहिए, चिन्हित कमरे में रहना चाहिए और घर के अन्य लोगों, विशेषकर बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों से दूर रहना चाहिए.
 
2. रोगी को पल्स ऑक्सीमीटर के जरिए खून में ऑक्सीजन कंसंट्रेशन की निगरानी करते रहनी चाहिए.
 
3. गंभीर स्थिति होने पर रोगी और देखभाल करने वाले को तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए. इनमें तीन दिनों से अधिक समय तक 100° F से अधिक बुखार, सांस लेने में कठिनाई, ऑक्सीजन कंसंट्रेशन में गिरावट, छाती में लगातार दर्द और गंभीर थकान और मायलगिया शामिल हो सकते हैं.

4. देखभाल करने वाले को ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क पहनना चाहिए और बीमार व्यक्ति या उसके तत्काल वातावरण के संपर्क में आने के बाद हाथ को तुरंत सैनिटाइज करना चाहिए.

5. दिशानिर्देशों में कहा गया है कि मरीजों को इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी के संपर्क में रहना चाहिए और होम आइसोलेशन के दौरान किसी भी तरह की गिरावट के मामले में तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए.

6. इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी द्वारा चिकित्सकीय रूप से माइल्ड या एसिम्पटोमैटिक पाए गए मामलों को होम आइसोलेशन दिया जाना चाहिए और उनके आवास पर सेल्फ-आइसोलेशन के लिए जरूरी सुविधाएं होनी चाहिए.

7. 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग रोगियों और उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, पुरानी फेफड़े और गुर्दे की बीमारी और सेरेब्रोवास्कुलर रोग सहित को मॉर्बिडिटी वाले लोगों को इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारियों द्वारा उचित मूल्यांकन के बाद ही घर में आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी. 

8. एचआईवी, ट्रांसप्लांट प्राप्तकर्ताओं, कैंसर चिकित्सा सहित इम्युनिटी कम्प्रोमाइज़्ड स्थिति से पीड़ित मरीजों के लिए होम आइसोलेशन का प्रावधान नहीं है. 

9. दिशानिर्देशों में कहा गया है कि होम आइसोलेशन के तहत और कम से कम सात दिन सकारात्मक परीक्षण और लगातार तीन दिनों तक बुखार नहीं होने के बाद आइसोलेशन समाप्त हो जाएगा और मरीजों को छुट्टी दे दी जाएगी. 

10. होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद दोबारा परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है. 

11. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिला और उप-जिला नियंत्रण कक्षों को चालू किया जाएगा और उनके टेलीफोन नंबरों को सार्वजनिक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए ताकि होम आइसोलेशन के दौरान लोग घरों से ही कोविड कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकें. 

12. ये कंट्रोल रूम होम आइसोलेशन के तहत मरीजों की स्थिति की निगरानी के लिए आउटबाउंड कॉल भी करेंगे. 

13. जिला प्रशासन होम आइसोलेशन के तहत सभी मामलों की दैनिक आधार पर निगरानी भी करेगा.