
यूपी में हमीरपुर जिले में ज्यादा मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटाप का प्रयोग करने वाले लोगों की आंखे बहुत खराब हो रही हैं. इस जिले में हर तीसरा व्यक्ति आंखों में थकान, चुभन व आंसू सूखने की समस्या से परेशान हो रहा है. हमीरपुर जिले के जिला अस्पताल के डाक्टरों ने यह बड़ा खुलासा किया है. डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना काल के बाद डिजिटल उपकरणों पर लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है. ऐसे में आंखों पर 'डिजिटल स्ट्राइक' हो रही है.
क्या हो सकती हैं समस्याएं?
नेत्र विशेषज्ञों का कहना है कि हर तीसरा व्यक्ति आंखों में थकान, चुभन के साथ-साथ दर्द से परेशान है. ऑनलाइन पढ़ने व मोबाइल गेम खेलने के बाद कई बच्चों में आंसू सूखने की समस्या देखी गई है. लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या फिर कंप्यूटर देखने पर आंखों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है. जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सीपी गुप्ता के मुताबिक लगातार गैजेट्स देखने से नजरें कमजोर होती हैं. डिजिटल आई स्ट्रेन की भी समस्या हो जाती है, जिससे आंखों की नजर में धुंधलापन, भारीपन, थकान, लालिमा और चुभन होने लगती हैं.
गड़बड़ा सकता है हार्मोन सिस्टम
वहीं कई लोग कमरे की लाइट बंद करके मोबाइल या लैपटॉप पर काम करते हैं. इससे आंखों पर तनाव बढ़ता है. डिजिटल गैजेट्स से नीली रंग की रोशनी निकलती है, जो आंखों के लिए काफी नुकसानदेह होती है. हार्मोन सिस्टम भी गड़बड़ा जाता है. ऐसे में अनिद्रा, चिड़चिड़ापन होने लगता है. वहीं, जिला अस्पताल के नेत्र परीक्षण अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि ओपीडी में 30 फीसदी मरीज ड्राई आंख की समस्या लेकर आ रहे हैं. इसमें ज्यादातर किशोर और युवा होते हैं. उन्होंने बताया कि हमारी आंखों में आंसुओं की परत होती है, जो आंखों में नमी बनाए रखती है और उनके सुरक्षा कवच के रूप में काम करती है.
हमीरपुर जिला अस्पताल के डाक्टरों ने आंखो की बीमारियों से बचने के लिय निम्न उपाय बताए है जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपनी आंखों का ख्याल रख सकते हैं.
- हर 20 मिनट में 20 सेकेंड के लिए 20 फीट दूर देखें.
- एक मिनट में पांच से दस बार पलक झपकाएं.
- मोबाइल में ब्लू लाइट फिल्टर लगाकर काम करें.
- आंखों और स्क्रीन के बीच कम से कम एक फीट की दूरी जरूर रखें.
- पर्याप्त रोशनी में ही डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करें.
- सोने से एक घंटे पहले डिजिटल उपकरणों का प्रयोग न करें.
- स्मार्ट फोन को भी बिस्तर से दूर रखें.
- साल में एक बार आंखों की जांच कराएं.
(हमीरपुर से नाहिद अंसारी की रिपोर्ट)