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Hand, Foot and Mouth Disease: तेजी से बढ़ रहे हैं हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज के मामले, पहले ही जान लें लक्षण और बचाव के उपाय

ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे हेल्थकेयर प्रोफेशनल में चिंता पैदा हो रही है. हालांकि, यह इंफेक्शन अक्सर गंभीर नहीं होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह बढ़ सकता है, जिससे अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है.

Hand, Foot and Mouth Disease Hand, Foot and Mouth Disease
हाइलाइट्स
  • बच्चों को रखें बचाकर

  • कोई निश्चित उपचार नहीं है 

कोलकाता हैंड फुट माउथ डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ये एक तरह का हल्का लेकिन फैलने वाला वायरल इंफेक्शन है, जो छोटे बच्चों, शिशुओं और बच्चों को प्रभावित कर रहा है. हालांकि, इसके लक्षण आम तौर पर हल्के होते हैं, लेकिन कुछ मामले गंभीर हो सकते हैं, जिसके लिए तत्काल चिकित्सा की जरूरत पड़ सकती है. ये बीमारी  कॉक्ससैकीवायरस की वजह से होती है, जिसका कोई निश्चित इलाज नहीं है.

मानसून आते ही मामलों में बढ़ोतरी

मानसून के मौसम के आने के साथ, कोलकाता में डॉक्टरों ने शहर भर में हैंड फुट माउथ डिजीज के मामलों को बढ़ते हुए देखा है. ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे हेल्थकेयर प्रोफेशनल में चिंता पैदा हो रही है. हालांकि, यह इंफेक्शन अक्सर गंभीर नहीं होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह बढ़ सकता है, जिससे अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है. ये न फैले इसके लिए डॉक्टर माता-पिता को सलाह दे रहे हैं कि वे आगे फैलने से रोकने के लिए अपने बच्चों को कम से कम एक सप्ताह के लिए स्कूल न भेजें और उन्हें घर पर ही रखें. 

क्या हैं इसके लक्षण?

हैंड फुट माउथ डिजीज के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, कुछ रोगियों में ये ज्यादा दिखें तो अधिकतर में हल्के लक्षण हो सकते हैं- 

1. गले में खराश.

2. बुखार.

3. अस्वस्थ महसूस करना.

4. जीभ, मसूड़ों और गालों के अंदर दर्दनाक, छाले जैसे घाव. 

5. शरीर पर दाने, जो हथेलियों, तलवों पर दिखाई दे सकते हैं. दाने में खुजली हो भी सकती है और नहीं भी लेकिन छाले पड़ सकते हैं. दाने का रंग व्यक्ति की त्वचा के रंग के आधार पर अलग-अलग हो सकता है, जो लाल, सफेद, भूरे या छोटे उभार के रूप में दिखाई देता है.

6. शिशु और छोटे बच्चे सामान्य से अधिक चिड़चिड़े हो सकते हैं और उन्हें भूख में कमी का लग सकती है. 

कोई निश्चित उपचार नहीं है 

वर्तमान में, हैंड फुट माउथ डिजीज का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है. हालांकि, हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स इंफेक्शन के जोखिम को कम करने के लिए उचित स्वच्छता अपनाने और एहतियाती कदम उठाने की सलाह देते हैं. इसमें संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचना, बार-बार हाथ धोना और बच्चों को इन निवारक कदमों के बारे में शिक्षित करना शामिल है.

गौरतलब है कि कोलकाता में बढ़ते मामलों के मद्देनजर, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और इस संक्रामक वायरल इंफेक्शन को फैलने से रोकने के लिए मार्गदर्शन कर रहे हैं.