हंता वायरस (Hantavirus) की वजह से अमेरिका में 4 लोगों ने अपनी जान गवां दी. ये बीमारी चूहों से फैलती है. एचपीएस एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है जो फेफड़ों को प्रभावित करती है. एचपीएस के लक्षण आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क के 1 से 8 सप्ताह बाद दिखना शुरू होते हैं.
कैसे फैलती है ये बीमारी
हंता वायरस चूहों फैलने वाली बीमारी है. अगर कोई इंसान चूहों के मल-मूत्र को छूने के बाद अपने चेहरे या शरीर पर हाथ लगाता है तो हंता संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है. हंता वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं जाता है लेकिन ये वायरस दुनिया के किसी भी हिस्से में फैल सकता है.
हंता वायरस के लक्षण
हंता के संक्रमण का पता लगने में एक से आठ हफ्तों का समय लग सकता है. बीमारी के शुरुआती लक्षण थकान, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, खास तौर पर जांघों, कूल्हों, पीठ और कभी-कभी कंधों में होती है. इसके अलावा खांसी और सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है. कुछ मरीजों को छाती में जकड़न का अनुभव हो सकता है, क्योंकि फेफड़े लिक्विड से भर जाते हैं.
गंभीर मामलों में लो ब्लडप्रेशर, सदमा और किडनी फेल तक हो सकती है. इस बीमारी से ठीक होने में हफ्ते से लेकर महीनों लग सकते हैं.
हंता वायरस से बचाव के उपाय
हंता वायरस में मृत्युदर 38 फीसदी होती है और इस बीमारी का कोई खास इलाज नहीं है. अगर संक्रमित की पहचान जल्दी कर ली जाए तो मेडिकल केयर में उसे जल्दी ठीक किया जा सकती है.
कुछ सावधानियां बरतकर इस बीमारी को रोका जा सकता है.
रोडेंट से कम से कम संपर्क करने की कोशिश करें, खासकर चूहों से क्योंकि हंतावायरस खास तौर से चूहों के मूत्र या लार के संपर्क के जरिए फैलता है.
सुनिश्चित करें कि घरों और कार्यस्थलों को साफ-सुथरा और चूहों से मुक्त रखा जाए.
घरों में चूहों को घुसने से रोकने के लिए दरवाजे, खिड़कियां बंद कर रखें. कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
धूल के सीधे संपर्क से बचने के लिए दस्ताने, मास्क और चश्मा पहनें. साफ सफाई के बाद हाथों को अच्छी तरह धो लें.