scorecardresearch

वजन के कारण ट्रोल हो रही हैं हरनाज संधू, जानें किस बीमारी से बढ़ रहा है weight

सीलिएक रोग पाचन से जुड़ी एक आम समस्या है. इस बीमारी में छोटी आंत (small intestine) में सूजन आ जाती है और आंत पोषक तत्वों को अब्जॉर्ब नहीं कर पाती है.

हरनाज संधू हरनाज संधू
हाइलाइट्स
  • सीलिएक रोग से ग्रस्त हैंं हरनाज

  • इस रोग से आ जाती है आंतों में सूजन

पिछले कुछ दिनों से मिस यूनिवर्स हरनाज संधू अपने बढ़ते वजन के कारण काफी चर्चा में हैं. वजन के कारण हरनाज काफी ज्यादा ट्रोल भी हो रही है. लेकिन अब अपनी बीमारी को लेकर हरनाज ने चुप्पी तोड़ी है. हरनाज ने बताया है कि उन्होंने सीलिएक नाम की एक बीमारी है. तो चलिए आज आपके बताते है कि आखिर ये बीमारी कौन सी है. 
 
सीलिएक रोग क्या है?
सीलिएक रोग पाचन से जुड़ी एक आम समस्या है. इस बीमारी में छोटी आंत (small intestine) में सूजन आ जाती है और आंत पोषक तत्वों को अब्जॉर्ब नहीं कर पाती है. इस बीमारी के कारण दस्त (diarrhoea), पेट में दर्द (abdominal pain) और ब्लोटिंग (bloating) सहित कई लक्षण नजर आते हैं. सीलिएक रोग ग्लूटेन के कारण होता है. 

दरअसल ग्लूटेन एक खाद्य प्रोटीन (dietary protein) है जो गेहूँ (wheat), जौ (barley), राई में पाया जाता है. इन अनाजों से बने खाद्य पदार्थों में ग्लूटेन (gluten) पाया जाता है. जैसे पास्ता, केक, नाश्ते में उपयोग किए जाने वाले सीरियल, ब्रेड, 
कुछ तरह के सॉस, पहले से तैयार खाद्य पदार्थ.

क्या है सीलिएक रोग के लक्षण?
ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पेट से जुड़े कई लक्षण नजर आ सकते हैं. जैसे दस्त, पेट में दर्द, ब्लोटिंग यानी पेट फूलना, अपच, और कब्ज. इसके अलावा कई सामान्य लक्षण भी महसूस हो सकते हैं. जैसे कुपोषण के कारण थकान, वजन घटना या बढ़ना, खुजली वाले रैश इसके अलावा गर्भधारण में भी परेशानी हो सकती है.

क्या है इस रोग के कारण
सीलिएक रोग ऑटोइम्यून से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें इम्यून सिस्टम गलती से स्वस्थ टिशू पर हमला करने लगते हैं. सीलिएक रोग में इम्यून सिस्टम ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ को गलती से शरीर के लिए हानिकारक समझ उस पर हमला कर देता है. इससे छोटी आंत की परत को नुकसान पहुंचता है और शरीर द्वारा भोजन से पोषक तत्वों को अब्जॉर्ब करने की क्षमता बाधित हो जाती है.

क्या है इस रोग का इलाज?
इस रोग का कोई सटीक इलाज नहीं है लेकिन ग्लूटेन मुक्त आहार का सेवन करने से इस समस्या के लक्षण नियंत्रित रहते हैं और लंबे समय तक इस बीमारी से बचाव हो सकता है. अगर आपके शरीर में हल्के लक्षण भी दिखते हों तो आपको अपने आहार में बदलाव करने की जरूरत है.