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Health Insurance: हेल्थ बीमा कराने वालों के लिए अच्छी खबर! अब इलाज के लिए नहीं करना होगा इंतजार, 1 घंटे में कैशलेस ट्रीटमेंट और 3 घंटे के भीतर होगा क्लेम सेटल, IRDAI ने बदले ये नियम 

Health Insurance Rule Change: IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिया है कि उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों को कैशलेस ट्रीटमेंट को लेकर 1 घंटे के अंदर फैसला लेना होगा. हॉस्पिटल से मरीज के डिस्चार्ज रिक्वेस्ट मिलने के 3 घंटे के अंदर क्लेम सेटल करना होगा.

Health Insurance Rule Change Health Insurance Rule Change
हाइलाइट्स
  • इंश्योरेंस कंपनियों की मनमानी पर लगेगा लगाम

  • हेल्थ इंश्योरेंस धारकों को क्लेम सेटलमेंट में होगी सहूलियत

Cashless Payment Rule: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance Policy) धारकों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें इलाज के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इतना ही नहीं डिस्चार्ज क्लेम क्लियर भी चंद घंटों में हो जाएगा.

बीमाधारकों को राहत देते हुए बीमा नियामक Insurance Regulatory and Development Authority (IRDAI) ने हेल्थ इंश्योरेंस को आसान बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस पर 55 सर्कुलरों को रद्द कर एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है. यह इंश्योरेंस कंपनियों की मनमानी पर लगाम लगाने की दिशा में एक अहम कदम है. 

तुरंत पैसे जुटाने की समस्या से मिलेगा छुटकारा
बीमा नियामक इरडा ने 1 और 3 घंटे का नया रूल लागू किया है, जो कैशलेस इलाज (Cashless Insurance) में बीमाधारकों के बड़े काम आएगा. इरडा ने  इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिया है कि उन्हें कैशलेस ट्रीटमेंट को लेकर 1 घंटे के अंदर फैसला लेना होगा. दरअसल, पहले कई मामलों में देखने को मिलता है कि मरीज के परिजनों को हॉस्पिटल में इलाज की शुरुआत में अस्पातल के कहने पर तुरंत पैसे जुटाने की जरूरत पड़ती है और वो परेशान होते हैं, लेकिन अब ये समस्या नहीं आएगी.

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क्लेम सेटलमेंट के लिए नहीं करनी पड़ेगी मशक्कत
अब हॉस्पिटल से मरीज के डिस्चार्ज रिक्वेस्ट मिलने के 3 घंटे के अंदर इंश्योरेंस कंपनियों को मंजूरी पर फैसला लेना होगा. अब तक कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस के तहत इलाज कराने का बावजूद लोगों को क्लेम सेटलमेंट के लिए मशक्कत करनी पड़ती थी. लेकिन अब इस समस्या से मरीज को छुटकारा मिल जाएगा. IRDAI ने कहा है कि बीमा कंपनी को अस्पताल से डिस्चार्ज अनुरोध प्राप्त होने के 3 घंटे के भीतर मामला निपटना होगा.

कागजी कार्रवाई जल्द करनी होगी पूरी 
यदि पॉलिसीधारक की मौत हो जाती है तो बीमा कंपनी को जल्द से जल्द कागजी कार्रवाई पूरी करके क्लेम सेटलमेंट करना होगा ताकि परिजनों को शव तुरंत मिल सके. IRDAI ने कहा कि सभी कंपनियां 100 फीसदी कैशलेस क्लेम सेटेलमेंट का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में जल्द से जल्द कार्रवाई करें. इमरजेंसी की स्थिति में उन्हें एक घंटे के अंदर मंजूरी पर फैसला लेना होगा.

क्लेम सेटलमेंट के लिए अब बीमाधारक को किसी भी तरह का कोई डॉक्यूमेंट सबमिट नहीं कराना होगा, बल्कि बीमा कंपनियां इन्हें संबंधित अस्पताल से खुद ही कलेक्ट करेंगी. इरडा ने इन नियमों के पालन के लिए बीमा कंपनियों को 31 जुलाई, 2024 की डेडलाइन तय की है. बीमा कंपनियों को हॉस्पिटल के अंदर भी हेल्प डेस्क बनाने होंगे.

पॉलिसी की देनी होगी हर जानकारी
IRDAI ने सभी कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वो सारी सुविधाओं के साथ हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट निकालें. इससे बीमा कंपनियां अब ग्राहक को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बेचते समय किसी भी जरूरी बात को छिपा नहीं सकेंगी. उन्हें हर एक जानकारी उनके साथ शेयर करनी होगी. IRDAI के सर्कुलर के मुताबिक इंश्योरेंस कंपनियों को ग्राहकों को एक कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट देनी होगी.

इसमें बिल्कुल आसाना भाषा में उसे दी गई पॉलिसी के बारे में सभी जानकारी, जैसे ये कैशलेसहै, बीमा राशि कितनी है, कवरेज की डिटेल, क्लेम के दौरान होने वाले डिडक्शन समेत बीमा कवरेज के अलावा भी संबंधित सभी जानकारियां शामिल होंगी. कई पॉलिसी होने पर कस्टमर को चुनने की आजादी होगी. क्लेम न लेने वाले पॉलिसी धारकों को ऑफर देने होंगे. पॉलिसी बीच में ही खत्म करने वालों को कंपनी को पैसा वापस करना पड़ेगा.