देश में मंकीपॉक्स के मामले धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बीमारी से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें की एक लिस्ट जारी की है. मंत्रालय ने यह भी बताया है कि अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति, संक्रमित व्यक्ति के बार-बार संपर्क में आ रहा है तो उसे भी इन्फेक्टेड हो सकता है. मंत्रालय ने संक्रमित व्यक्ति को दूसरों से अलग रहें की सलाह दी ताकि बीमारी न फैले.
इसके अलावा हैंड सैनिटाइटर का उपयोग, या साबुन और पानी से हाथ धोना, मास्क के साथ मुंह को ढंकना और रोगी के पास डिस्पोजेबल दस्ताने के साथ हाथ, और आसपास के वातावरण को साफ करने के लिए सैनिटाइजर का उपयोग बताया है. मंत्रालय ने लोगों को बीमारी से जुड़ी किसी भी अफवाह से बचने की भी सलाह दी है.
इस तरह के लक्षण हों तो जाएं चेकअप के लिए
केंद्र द्वारा जारी 'मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश' में कहा गया है कि अगर किसी भी उम्र के किसी भी व्यक्ति ने पिछले 21 दिनों के भीतर कोई ऐसे देश की यात्रा की है जहां मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं और उस व्यक्ति में लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसे चेकअप करवाना चाहिए. इन लक्षणों में दाने और सूजन लिम्फ नोड्स, बुखार, सिरदर्द शामिल है. इसके अलावा अगर किसी में शरीर में दर्द और कमजोरी जैसे सिम्प्टम भी हैं तो उसे मंकीपॉक्स का 'संदिग्ध मामला' माना जाना चाहिए.
क्या न करें?
-इंफेक्टेड व्यक्ति के कपड़ों को धोते वक्त किसी स्वस्थ व्यक्ति के कपड़ों के साथ न मिलाएं. इसके साथ उनकी द्वारा इस्तेमाल में लाई जा रही बेडशीट, चादर आदि सामान को भी अलग रखें.
-किसी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें. आधिकारिक सोर्स द्वारा जारी दिशानिर्देशों का ही पालन करें.
-पिछले 21 दिनों में अगर मंकीपॉक्स से जुड़े लक्षण दिख रहे हैं तो खुद को आइसोलेट करें और चेकअप करवाएं.
-जो लोग संक्रमित हैं लेकिन उनमें लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं तो वे ब्लड, सेल, टिश्यू, ऑर्गन डोनेट न करें.
-प्री-स्कूल के बच्चों को डे केयर, नर्सरी या अन्य समूह सेटिंग से बाहर रखा जाए.
मंकीपॉक्स है ग्लोबल इमरजेंसी
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी करार दिया है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस है. एक वायरस जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है. जिसमें चेचक के समान लक्षण होते हैं, हालांकि चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर होते हैं. मंकीपॉक्स में आमतौर पर मरीज को बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स होने लगते हैं. यह आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक रहने वाली बीमारी है.