वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को बजट पेश करने वाली है. इस बार, पिछले दो साल से कोरोना महामारी के चलते स्थगित की गई हलवा सेरेमनी की परंपरा को फिर से शुरू किया गया है. 26 जनवरी को परंपरा के मुतबिक वित्त मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को हलवा बांटा.
हालांकि, देशवासियों की ज़िंदगियों में भी मिठास कायम रहे, इसके लिए हेल्थ सेक्टर को बजट से बहुत उम्मीदें है. कोरोना के प्रकोप से भले हुए ही भारत फिलहाल राहत महसूस कर रहा है. लेकिन इस महामारी के चलते देश में लाखों लोगों ने जिंदगियां गंवाई हैं. महामारी ने हमारे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, जीवन रक्षक दवाओं, मेडिकल स्टाफ की कमी को उजागर किया. ऐसे में हेल्थ सेक्टर से जुड़े जानकारों से लेकर आम लोगों तक को उम्मीद है कि इस बार का बजट ऐसी महामारी से लड़ने में हमारी तैयारियों को मज़बूत करेगा.
हेल्थ बजट में इज़ाफ़ा हो
एसएस इनोवेशंस के प्रबंध निदेशक और संस्थापक, डॉ सुधीर पी श्रीवास्तव का कहना है कि पिछले एक दशक के आंकड़ों को हम देखे तो हेल्थ सेक्टर में पिछले एक दशक से इजाफा ही हुआ है. लेकिन इसके बावजूद सच्चाई यह है कि दूसरे देशों की तुलना में हमारी अपनी जीडीपी के मुताबिक हेल्थ बजट बहुत कम है.
ऐसे में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से उम्मीद की जा रही है कि इस बार के हेल्थ बजट में ज़्यादा इज़ाफा हो. आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे, इसके लिए ज़रूरी है कि बड़े पैमाने पर हेल्थ केयर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाए और आधुनिक तकनीक के जरिए मेडिकल सुविधाओं को लोगों तक पहुंचाया जाए.
आयुष्मान भारत स्कीम का दायरा बढ़ाया जाए
भारत की बड़ी आबादी के पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है. लेकिन आयुष्मान भारत स्कीम से हालात ज़रूर बदले है. देश में रोबोटिक सर्जरी अब भी एक महंगा काम है. डॉक्टर सुधीर पी श्रीवास्तव का कहना है कि आयुष्मान भारत जैसी स्कीम के जरिये आम आदमियों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ज़रूर मिला है. लेकिन सवाल है कि क्या हमारा हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक तकनीक का फायदा आम लोगों तक पहुंचाने में कामयाब रहा है? अभी की स्थिति देखकर ऐसा नहीं लगता है.
हमे रोबोटिक सर्जरी को बढ़ावा देने की ज़रूरत है. SSI जैसी कंपनियों ने सर्जिकल रोबेटिक सिस्टम और टेलिमेडिसन जैसी किफायती तकनीक ईजाद की हैं, जिन्हें आम आदमियों को उपलब्ध कराने की ज़रूरत है. इसके लिए ज़रूरत है कि इन आधुनिक तकनीक को आयुष्मान भारत स्कीम के दायरे में लाया जाए. कुल मिलाकर हेल्थ फंड को बढ़ाकर, निजी- सार्वजनिक हिस्सेदारी को प्रोत्साहित करके और आयुष्मान भारत जैसी स्कीम के दायरे को बढाकर हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को विस्तार देना इस बजट का उद्देश्य होना चाहिए ताकि कोरोना जैसी कोई दूसरी महामारी भी आये, तो हमारी तैयारी पूरी हो.
1 फरवरी को पेश होगा बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करेंगी. ये केंद्रीय बजट 2023-24 इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि मोदी सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपना आखिरी पूर्ण बजट पेश करेगी. मतलब इस बार के बजट में 2024 के चुनाव की झलक भी देखने को मिल सकती है. बजट सेशन शुरू होने के दूसरे दिन पेश किया जाएगा. बजट सेशन 31 जनवरी को शुरू होगा. 31 जनवरी के दिन वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी. इसके बाद 1 फरवरी को सुबह 11 बजे बजट पेश किया जाएगा.