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Heart Disease Silent Epidemic: संक्रामक रोग से नहीं… दिल की बीमारियों से हो रही हैं ज्यादा मौतें, कैसे रखें खुद को सुरक्षित

भारत में हाल के दशकों में हार्ट डिजीज, विशेष रूप से इस्केमिक हार्ट डिजीज तेजी से बढ़ रही है. आलसी लाइफस्टाइल, खराब डाइट, ज्यादा स्ट्रेस और ट्रीटमेंट के प्रति कम जागरूकता जैसी समस्याओं ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है.

Heart disease Heart disease
हाइलाइट्स
  • दिल की बीमारियों से हो रही हैं ज्यादा मौतें

  • रखें खुद को सुरक्षित

संक्रामक बीमारियों या फैलने वाली बीमारी का खतरा हर किसी को सताता है. लेकिन दुनिया में होने वाली अधिकतर मौतों के लिए ये जिम्मेदार नहीं है. गैर-संक्रामक रोगों में सबसे ज्यादा मरीज दिल की बीमारी के हैं. हार्ट डिजीज आज भी दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी बनी हुई है. गैर-संक्रामक रोगों में से करीब 65% मौतें दिल की बीमारी से ही होती हैं.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट की मानें, तो इस्केमिक हार्ट डिजीज ही वैश्विक स्तर पर 13% मौतों के लिए जिम्मेदार है. 2021 में, इस बीमारी के कारण 9.1 मिलियन लोगों की मौत हुई थी. वैश्विक स्तर पर, 2021 में मौतों के 10 प्रमुख कारणों में 7 गैर-संक्रामक बीमारियां थीं. 

2021 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों से पता चला कि गैर-संक्रामक रोगों (NCDs) ने विश्व भर में 38% मौतों में योगदान दिया है. इस्केमिक हार्ट डिजीज और क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) का खतरा और मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. हार्ट अटैक इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक है.

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भारत में हार्ट डिजीज के मामले 
भारत में हाल के दशकों में हार्ट डिजीज, विशेष रूप से इस्केमिक हार्ट डिजीज तेजी से बढ़ रही है. आलसी लाइफस्टाइल, खराब डाइट, ज्यादा स्ट्रेस और ट्रीटमेंट के प्रति कम जागरूकता जैसी समस्याओं ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है. भारत में, हृदय रोग का बोझ शहरी क्षेत्रों में ज्यादा बढ़ा है, जहां प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा स्ट्रेस वाली नौकरियों और फिजिकल एक्टिविटी का न होना इस महामारी को बढ़ावा दे रहा है.

भारत में जागरूकता और रोकथाम जरूरी 
हालांकि इस बीमारी से पूरी तरह नहीं बचा जा सकता है! लेकिन हार्ट डिजीज के जोखिम को कम जरूर किया जा सकता है. इसके लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:

1. नियमित व्यायाम: मीडियम एरोबिक एक्सरसाइज जैसे तेज चलना, जॉगिंग या स्विमिंग, सप्ताह के ज्यादा दिनों में कम से कम 30 मिनट करना आपके वजन को सही रखता है. इसके अलावा, इससे आपका ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है. 

2. हेल्दी डाइट: ट्रांस फैट और शुगर भी दिल की बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकता है. इसके लिए आपको ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, और दिल के लिए हेल्दी फैट जैसे नट्स, सीड्स और ओलिव ऑइल डाइट में शामिल करें.
 
3. रूटीन चेकअप: ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और ब्लड शुगर के लेवल के लिए नियमित जांच करें. इससे आप दिल की बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं. अगर आप 30 साल से ज्यादा उम्र के हैं तो सप्ताह में कम से कम 3 बार ऐसा जरूर करें.

4. स्ट्रेस मैनेजमेंट: ध्यान, योग, और गहरी सांस लेने वाले व्यायाम करें.

5. स्मोकिंग छोड़ें और शराब न पिएं: सिगरेट पीना हार्ट के लिए सबसे खतरनाक है. इसे छोड़ने की कोशिश करें और शराब जितनी हो कम पिएं.

6. नींद लें: अच्छी नींद लेना दिल के लिए काफी अच्छा होता है. नींद की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और हार्ट अटैक का जोखिम हो सकता है. हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लें. 

इसके अलावा, हार्ट अटैक के संकेतों के बारे में जागरूक रहना और इमरजेंसी में कैसे रियेक्ट करना है या तब आपको क्या उपाय करने हैं, इसके बारे में जरूर जानें.

बता दें, भारत में  हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में जागरूकता की कमी के कारण मेडिकल हेल्प लेने में देरी होती है. हार्ट अटैक के बाद का "गोल्डन ऑवर" जीवित रहने के लिए सबसे जरूरी समय होता है. अगर इस वक्त सही ट्रीटमेंट किया जाए तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है.