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हीट बैग्स से लेकर हीटेड कार और गोद में रखा लैपटॉप पहुंचा रहा आपकी स्किन को नुकसान, बढ़ा रहा टोस्टेड स्किन सिंड्रोम का खतरा

टोस्टेड स्किन सिंड्रोम भले ही खतरनाक न लगे, लेकिन इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है. ये एक ऐसी स्किन से जुड़ी समस्या है जो लंबे समय तक हल्की गर्मी के संपर्क में रहने से होती है. यह इतनी तेज नहीं होती कि जलन या फफोले पैदा कर सके, लेकिन यह स्किन के स्ट्रक्चर में बदलाव ला सकती है. अगर आप अक्सर गर्म चीजों के संपर्क में रहते हैं, तो सावधान रहें और जरूरी एहतियात बरतें. 

टोस्टेड स्किन सिंड्रोम टोस्टेड स्किन सिंड्रोम

सर्दियों में गर्माहट का सुखद अहसास किसे पसंद नहीं होता? ठंड के मौसम में कार की हीटेड सीट्स पर बैठने का मजा या पेट दर्द के दौरान गर्म पानी की बोतल से राहत पाना बहुत ही सुखद लगता है. लेकिन क्या आपको पता है कि यह आरामदायक गर्मी आपकी स्किन के लिए खतरा बन सकती है? इससे आपको टोस्टेड स्किन सिंड्रोम हो सकता है. 

क्या है टोस्टेड स्किन सिंड्रोम? 
टोस्टेड स्किन सिंड्रोम, जिसे मेडिकल भाषा में 'एरिथेमा एब इग्ने' (Erythema ab Igne) कहा जाता है, एक ऐसी स्किन से जुड़ी समस्या है जो लंबे समय तक हल्की गर्मी के संपर्क में रहने से होती है. यह इतनी तेज नहीं होती कि जलन या फफोले पैदा कर सके, लेकिन यह स्किन के स्ट्रक्चर में बदलाव ला सकती है.

द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, स्किन डिजीज एक्सपर्ट डॉ. अनिल शर्मा बताते हैं, "इस सिंड्रोम में स्किन पर लाल-भूरे रंग के चकत्ते या जालीदार पैटर्न में डिस्कलरेशन (रंग बदलना) दिखने लगता है. कुछ लोगों को प्रभावित हिस्से में खुजली या जलन भी महसूस हो सकती है."

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कैसे होती है यह समस्या? 
टोस्टेड स्किन सिंड्रोम किसी जलन या चोट के कारण नहीं होता, बल्कि यह शरीर के किसी हिस्से पर बार-बार हल्की गर्मी लगने से धीरे-धीरे होती है. 43 से 47 डिग्री सेल्सियस के तापमान में बार-बार स्किन के कॉन्टैक्ट में रहने से इसकी इलास्टिसिटी (लचीलापन) कम हो सकती है और स्किन की सतह के छोटे ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंच सकता है.

डॉ. अनिल कहते हैं, "यह तापमान भले ही जलन पैदा करने के लिए काफी न हो, लेकिन यह स्किन की सेल्स को उसी प्रकार डैमेज कर सकता है, जैसे सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें हैं. 

टोस्टेड स्किन सिंड्रोम के लक्षण 
इस समस्या की पहचान करने के लिए निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान दें:

  • त्वचा पर लाल-भूरे रंग के चकत्ते
  • जालीदार या मछली के जाल जैसा पैटर्न
  • प्रभावित हिस्से में हल्की खुजली या जलन
  • स्किन का रूखापन या रंग में कुछ बदलाव

अक्सर यह लक्षण तब नजर आते हैं जब स्किन लंबे समय तक किसी गर्म चीज के संपर्क में रहती है. अगर समय रहते इसे नहीं रोका गया तो यह स्थायी रूप से त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है.

किन कारणों से होता है यह सिंड्रोम? 

टोस्टेड स्किन सिंड्रोम होने के कई कारण हो सकते हैं. इनमें सबसे आम कारण हैं:

  1. गर्म पानी की बोतल: पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए या सर्दियों में खुद को गर्म रखने के लिए गर्म पानी की बोतल का ज्यादा इस्तेमाल.
  2. हीटेड कार सीट्स: कार की हीटेड सीट्स का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से यह समस्या हो सकती है.
  3. लैपटॉप: अगर आप गोद में रखकर लैपटॉप इस्तेमाल करते हैं, तो उससे निकलने वाली गर्मी त्वचा को प्रभावित कर सकती है.
  4. इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट: ठंड के दिनों में इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का ज्यादा इस्तेमाल करने से त्वचा पर प्रभाव पड़ सकता है.

क्या यह सिंड्रोम खतरनाक हो सकता है? 

हालांकि यह सिंड्रोम ज्यादातर मामलों में गंभीर नहीं होता, लेकिन अगर त्वचा लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहती है, तो यह परमानेंट डैमेज पहुंचा सकता है. कुछ दुर्लभ मामलों में, यह स्किन कैंसर जैसी स्थितियों को जन्म दे सकता है, जैसे कि: बेसल सेल कार्सिनोमा (Basal Cell Carcinoma), न्यूरोएंडोक्राइन कार्सिनोमा (Neuroendocrine Carcinoma), लो-ग्रेड लिम्फोमा (Low-Grade Lymphoma). इसलिए अगर आपकी स्किन पर रंग बदलने या कुछ दाने दिख रहे हैं और ये लंबे समय तक बने रहते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.

इससे बचाव कैसे करें? 
टोस्टेड स्किन सिंड्रोम से बचाव के लिए कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • गर्म पानी की बोतल का सीधा संपर्क न रखें: इसे हमेशा तौलिये या किसी कपड़े से ढककर इस्तेमाल करें.
  • लैपटॉप को सीधे गोद में न रखें: लैपटॉप स्टैंड या कूलिंग पैड का इस्तेमाल करें.
  • कार हीटेड सीट्स का सीमित उपयोग करें: जरूरत से ज्यादा हीटिंग न करें और बीच-बीच में ब्रेक लें.
  • इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का सावधानीपूर्वक उपयोग करें: इसे अधिक तापमान पर लंबे समय तक न रखें.

क्या है इसका इलाज? 
अगर आपको टोस्टेड स्किन सिंड्रोम हो गया है, तो सबसे पहला उपाय यह है कि आप उस गर्मी के सोर्स से दूरी बना लें जो इस समस्या को बढ़ा रहा है.
इसके अलावा, कुछ उपाय किए जा सकते हैं:

  1. प्रभावित स्किन को ठंडा करें.
  2. हल्के मामलों में हाइड्रोकार्टिसोन 1% क्रीम या रेटिनॉल वाली क्रीम मदद कर सकती हैं.
  3. अगर त्वचा की रंगत स्थायी रूप से बदल गई हो, तो लेजर ट्रीटमेंट एक विकल्प हो सकता है.

अगर आपको संदेह हो कि यह किसी अधिक गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, तो तुरंत स्किन डॉक्टर से संपर्क करें.

टोस्टेड स्किन सिंड्रोम भले ही खतरनाक न लगे, लेकिन इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है. अगर आप अक्सर गर्म चीजों के संपर्क में रहते हैं, तो सावधान रहें और जरूरी एहतियात बरतें.