Heatwave Alert: देश के कई राज्यों में आसमान से आग बरस रही है. तापमान का रिकॉर्ड टूट रहा है. कई जगहों पर पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR), यूपी-बिहार (UP-Bihar), पंजाब-हरियाणा (Punjab-Haryana) सहित अन्य मैदानी राज्य भीषण गर्मी और लू की चपेट में हैं. भारतीय मौसम विज्ञान (IMD) ने कई जगहों के लिए हीटवेव का रेड अलर्ट जारी किया है. दिल्ली समेत कई राज्यों के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. आइए लू लगने के लक्षण और इससे बचने के उपायों के बारे में जानते हैं.
क्या है हीटवेव
हीटवेव (Heatwave) को लू भी कहा जाता है. इसको पैमाना एक पैमाना है. मैदानी इलाकों में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय इलाकों में 37 डिग्री और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है तो मौसम विभाग हीटवेव की घोषणा कर देता है.
इसी तरह अलग-अलग जगहों पर एक सामान्य तापमान होता है. जब किसी जगह पर सामान्य से 4.5 से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस तापमान ज्यादा रहता है तो भी हीटवेव की घोषणा कर दी जाती है. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के मुताबिक हीटवेव असामान्य रूप से उच्च तापमान की अवधि है, जिसमें अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक होता है
कैसे मापा जाता है तापमान
तापमान को दो तरह के थर्मामीटर ड्राई बल्ब थर्मामीटर और वेट बल्ब थर्मामीटर के जरिए मापा जाता है. ड्राई बल्ब थर्मामीटर से हवा का तापमान मापा जाता है जबकि वेट बल्ब थर्मामीटर से हवा की नमी या उमस को मापा जाता है. किसी भी व्यक्ति के शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है. वहीं, हमारी त्वचा का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस होता है.
अलग-अलग तापमान की वजह से ही पसीना आता है. जब पसीना भाप बनकर उड़ता है, तो वो शरीर के अंदर की गर्मी भी ले उड़ता है. अब ऐसे में अगर वेट बल्ब थर्मामीटर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक है, तब तक तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अगर ये ज्यादा है तो फिर मुश्किल हो सकती है.
क्या है हीट स्ट्रोक
आम बोलचाल की भाषा में हीट स्ट्रोक को लू लगना बोला जाता है. ये तब होता है जब हमारा शरीर अपने बढ़ते तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता. शरीर को ठंडा करने में मदद करने वाले पसीने का मैकेनिज्म भी फेल हो जाता है. ऐसे में खास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. हीट स्ट्रोक की चपेट में आने पर 10 से 15 मिनट के अंदर शरीर का तापमान 106°F या इससे अधिक हो सकता है. समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो इंसान की मौत या ऑर्गन फेल भी हो सकता है.
हीट स्ट्रोक के कारण
1. अधिक गर्म जगह पर लंबे समय तक रहना.
2. यदि कोई ठंडे मौसम से गर्म जगह पर जाता है तो उसे भी हीट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है.
3. गर्मी के मौसम में अधिक एक्सरसाइज करना भी हीट स्ट्रोक का कारण बन सकता है.
4. गर्मी में अधिक पसीना आने के बाद पर्याप्त पानी नहीं पीने से भी हीट स्ट्रोक हो सकता है.
5. यदि आप गर्मी में ऐसे कपड़े पहनते हैं जिनसे पसीना और हवा पास नहीं हो रही है तो यह भी हीट स्ट्रोक का कारण हो सकता है.
हीट स्ट्रोक के लक्षण
1. सिरदर्द होने के साथ उल्टी.
2. तेज बुखार.
3. त्वचा का लाल होना.
4. हार्ट रेट बढ़ना.
5. त्वचा का सूखना.
6. पेट एवं मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना.
7. ब्लड प्रेशर कम हो सकता है.
8. बेचैनी होने के साथ सोचने-समझने में परेशानी.
लू लगने से कैसे करें बचाव
1. आपको प्यास न लगी हो तब भी पानी पिएं.
2. जूस एवं और अन्य तरल पदार्थों का खूब सेवन करें.
3. दोपहर में घर से निकलने से बचें.
4. धूप में कड़ी मेहनत करने से बचें.
5. धूप से बचने के लिए छाता, तौलिया, हैट का इस्तेमाल करें.
6. अचानक ठंडे से गर्म तापमान में या गर्म से ठंडे तापमान में न जाएं.
7. हल्के रंग के पतले, ढीले और सूती कपड़े पहनें.
8. सीधी धूप और हीटवेव को घरों में आने से रोकें. इसके लिए दिन के समय खिड़की, दरवाजें और पर्दे बंद रखें.
9. हाई प्रोटीन वाले भोजन से परहेज करें और बासी खाना न खाएं.
10. गर्मी और हीटवेव के दौरान स्वीमिंग न करें.
11. ताजे फल, सलाद, दही और पनीर का सेवन करें.
12. बहुत ज्यादा तेल और मसालेदार भोजन से बचें.
लू लगने पर क्या करें
1. लू लगने के बाद डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही दवा का सेवन करें.
2. जिस व्यक्ति को लू लगी है उसे धूप में न रखें.
3. कपड़ों की मोटी लेयर को हटा दें और हवा लगने दें.
4. शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए कूलर या पंखे में बैठाएं.
5. ठंडे पानी से नहलाएं, शरीर को ठंडे पानी के कपड़े से पोछें.
6. सिर पर आइस पैक या कपड़े को ठंडे पानी से गीला करके रखें और ठंडे पानी में भीगे तौलिये को सिर, गर्दन, बगल और कमर पर रखें.