बढ़ते तापमान का असर लोगों की मेंटल हेल्थ और फिसिकल हेल्थ पर भी पड़ सकता है. हीटवेव उन लोगों में लक्षणों को बढ़ा सकता है जिनकी मेंटल हेल्थ पहले से अच्छी नहीं है. हीटवेव से लोगों को और ज्यादा चिंता हो सकती है साथ ही लोग उदास महसूस कर सकते हैं.
बोस्टन यूनिवर्सिटी की स्टडी से पता चला है कि जो लोग हीटवेव के दौरान बिना एयर कंडीशनिंग वाले कमरों में थे, उन्होंने कॉग्निटिव टेस्ट अपने साथियों की तुलना में 13 प्रतिशत खराब किए और उनके रिएक्शन टाइम में 13 प्रतिशत की कमी देखी गई.
अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन (APA) के अध्यक्ष, विवियन पेंडर ने बताया कि कई लोग अभी भी महामारी के कारण मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. गर्मी के दौरान इन लोगों को और परेशानी का सामना करना पड़ा. क्लाइमेट चेंज और हीटवेव के कारण मेंटल हेल्थ पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है.
स्टडी से यह भी पता चला है कि गर्मी के कारण psychosis के सिम्टम्स भी बढ़ सकते हैं. गर्मी के समय में लोग ज्यादा संख्या में मेंटल हेल्थ को लेकर अस्पताल पहुंचे. तापमान में बढ़ोतरी के कारण फ्रसट्रेशन और एग्रेशन बढ़ता है, जिससे हिंसक अपराध भी बढ़ते हैं.
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