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Corona के इलाज की अनोखी तकनीक, घोड़े के ब्लड सीरम से ठीक होगा Covid 19

CRI के  डायरेक्टर डिम्पल कसाना ने बताया कि  एंटीसेरा एक तरह का ब्लड सीरम है जिसमें किसी खास रोगाणु से लड़ने की क्षमता रखने वाले एंटीबॉडी की मात्रा ज्यादा होती है और किसी भी खास संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को तत्काल बढ़ाने के लिए मनुष्य को यह इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • एक तरह का ब्लड सीरम है एंटीसेरा

  • घोड़े के एंटीसेरा में ज्यादा होता है एंटीबॉडी

अब कोरोना का इलाज घोड़े की मदद से हो सकता है. सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRI) कसौली के अधिकारियों का कहना है कि घोड़े के एंटिसेरा को इंसानों के शरीर में इंजेक्ट करने से कोरोना के इलाज में बेहतरीन रिजल्ट पाए जा सकते हैं. 

ब्लड सीरम का इस्तेमाल 

CRI के डायरेक्टर डिम्पल कसाना के मुताब‍िक एंटीसेरा एक तरह का ब्लड सीरम है जिसमें किसी खास रोगाणु से लड़ने की क्षमता रखने वाले एंटीबॉडी की मात्रा ज्यादा होती है और किसी भी खास संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को तत्काल बढ़ाने के लिए मनुष्य को यह इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है. इस एंटीबॉडी को बीमारी से लड़ने के लिए 7 से 14 दिनों का समय लगता है. डिम्पल कसाना कहती हैं क‍ि हालांकि कोरोना के इलाज के लिए अभी तक ऐसी किसी भी तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया गया है, इसलिए ये कह सकते हैं कि ये ट्रीटमेंट पूरी तरह से उस इंसान के इम्युनिटी सिस्टम पर निर्भर करेगा.

ICMR ने भी खोजी ये तकनीक 

CRI इस तकनीक के आगे के परीक्षण के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहा है. आपको बता दें कि CRI से पहले आईसीएमआर (ICMR) हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी के साथ मिलकर ‘एंटीसेरा (horse derived antibodies antisera treatment)  बनाया था. 

भारत के औषधि महानियंत्रक ने कोविड-19 के संभावित इलाज ‘एंटीसेरा (horse derived antibodies antisera treatment) का इंसानों पर परीक्षण करने के पहले चरण की अनुमति दे दी है. आईसीएमआर (ICMR) के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड के साथ मिलकर हमने घोड़ों का ‘एंटीसेरा विकसित किया है और हमें अभी-अभी उसका क्लीनिकल परीक्षण करने की अनुमति मिल गई है.