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Explainer: Cortisol Face क्या है? जानिए कैसे वजन बढ़ा सकता है यह Stress Hormone

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बहुत से लोगों के वजन बढ़ने का कारण हार्मोनल डिस्बैलेंस होता है. जैसे Cortisol Hormone का लेवल ब्लड में बढ़ने से वजन बढ़ने लगता है. इसलिए जरूरी है कि आप इस हार्मोन को बैलेंस करें.

Weight Gain (Representative Image/Unsplash) Weight Gain (Representative Image/Unsplash)
हाइलाइट्स
  • स्ट्रेस के कारण जमा होता है फैट

  • कोर्टिसोल हार्मोन की है जरूरी भूमिका

अक्सर हम देखते हैं कि हमारा चेहरा फूला-फूला सा लगता है. मेडिकल साइंस की भाषा में इसे कोर्टिसोल फेस (Cortisol Face) कहते हैं. बताया जाता है कि ऐसा तब होता है जब तनाव यानि स्ट्रेस के कारण फैट (वसा) जमा होने लगता है. और यह कोई नई बीमारी नहीं है, इसे कुशिंग सिंड्रोम (Cushing's syndrome) कहते हैं, जो स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के ज्यादा उत्पादन के कारण होता है, जिससे ब्लड में इसका स्तर बढ़ जाता है. लेकिन सिर्फ इससे ही आपके चेहरे पर सूजन नहीं आती, बल्कि और भी कई वजहें इसमें अपनी भूमिका अदा कर सकती हैं. लेकिन आपको पता होना चाहिए कि स्ट्रेस हार्मोन आपके शरीर पर क्या असर डाल सकता है. 

कोर्टिसोल क्या है?
कोर्टिसोल (Cortisol) हमारे शरीर में स्थित अधिवृक्क ग्रंथि यानि एडरनल ग्लांड (adrenal gland) से पैदा होने वाला हार्मोन है, जो हमारी हर एक किडनी के टॉप पर होता है और आसान शब्दों में कहें तो हर एक ऑर्गन को बताता है कि उन्हें कैसे काम करना है क्योंकि यह ब्लडस्ट्रीम के जरिए शरीर के सभी अंगों तक पहुंचता है. कोर्टिसोल का सही बैलेंस होना हमारी सेहत के लिए जरूरी है, और इसका बहुत ज्यादा या बहुत कम उत्पादन सेहत से जुड़ी परेशानियों का कारण बन सकता है. 

मानव शरीर में क्या है इसका रोल 
कोर्टिसोल आपके शरीर को मुश्किल स्थितियों से निपटने में मदद करता है. आपका शरीर एड्रेनलाइन जैसे दूसरे 'फाइट या फ्लाइट' हार्मोन को एकटिव करने के बाद कोर्टिसोल रिलीज करता है. संयुक्त रूप से, ये दोनों हार्मोन शरीर को हाई अलर्ट मोड में रहने में मदद करते हैं. इसके अलावा, कोर्टिसोल फास्ट एनर्जी के लिए लिवर से ग्लूकोज रिलीज को ट्रिगर करता है. यह कार्बोहाइड्रेट और फैट मेटाबॉलिज्म में भूमिका निभाता है. 

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जब कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, तो यह हार्मोन ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, इंसुलिन बढ़ाता है और इम्यून सिस्टम को दबा देता है. इसके लेवल में पूरे दिन उतार-चढ़ाव होता रहता है, सुबह अलर्टनेस के लिए यह पीक पर होता है और रात में अच्छी नींद को बढ़ावा देने के लिए सबसे कम लेवल पर पहुंच जाता है. 

क्यों होती है कोर्टिसोल से परेशानी 
कोर्टिसोल एक सेफ्टी मैकेनिज्म है. लेकिन अगर आपके शरीर में कोर्टिसोल का लेवल लगातार हाई रहता है, तो आपका शरीर इसका आदी होने लगता है, जिससे सूजन बढ़ जाती है. इसलिए शरीर के अंगों में सूजन जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं. लगातार हाई कोर्टिसोल लेवल होने से लगातार ब्लड शुगर हो सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है.

सामान्य परिस्थितियों में, शाम को जब आप सोने जाते हैं तो कोर्टिसोल का स्तर कम होता है और सुबह उठने से ठीक पहले इसका स्तर पीक पर होता है. इसलिए, लगातार हाई लेवल कोर्टिसोल होने से आपकी स्लीपिंग सायकल डिस्टर्ब होती है. और आपकी फैट और शुगर जैसे फूड प्रोडक्ट्स के लिए क्रेविंग बढ़ा सकते हैं, जिससे पेट के आसपास वजन बढ़ सकता है.

जब कोर्टिसोल का लेवल हाई होता है, तो यह ब्रेन में न्यूरोट्रांसमीटर के बैलेंस को बिगाड़ सकता है. जिससे चिंता और चिड़चिड़ापन का स्तर बढ़ सकता है. इससे आपको चीजों पर ध्यान केंद्रित करने और याद रखने में परेशानी हो सकती है.

कोर्टिसोल लेवल और वजन को कम करने के तरीके
ऐसे कोई जादुई फूड नहीं हैं जो कोर्टिसोल के स्तर को कम कर सकें. फिर भी, बैलेंस्ड डाइट लें और चीनी और कैफीन के सेवन पर विशेष ध्यान दें क्योंकि दोनों कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाते हैं. लोग ज्यादा मछली और सी फूड भी खा सकते हैं.

प्लांट-बेस्ड विकल्पों के लिए, अलसी और चिया सीड्स शामिल कर सकते हैं क्योंकि वे ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं. सादा दही और एप्पल साइडर सिरका जैसे फर्मेंट्ड प्रोडक्ट्स को शामिल करने से कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है.

लंबे समय तक नींद की कमी ब्लडस्ट्रीम में कोर्टिसोल के लेवल को बहुत प्रभावित करती है. इसलिए सोने का एक शेड्यूल बनाए रखें और ब्रेक लेते रहें. स्ट्रेचिंग पर ध्यान देते हुए एक्सरसाइज करें. वॉकिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसे कम प्रभाव वाली एक्सरसाइज, हाई कोर्टिसोल लेवल वाले लोगों के लिए मददगार हो सकते हैं.