कोरोना का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट भारत में तेजी से फैल रहा. हर दिन आने वाले मरीजों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है, हालांकि पिछले साल के डेटा से अगल तुलना करें तो अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और होने वाली मौतों की संख्या अभी भी कम है.
अमेरिका और दुनिया ने 5 जनवरी को क्रमशः 5.85 लाख और 18.95 लाख नए संक्रमण रिकॉर्ड किए जोकि लगभग 250% और 165% का 14-दिन का परिवर्तन है. लेकिन उस दिन होने वाली मौतों की संख्या लगभग 1,300 और 6,100 थीं जोकि14 दिन पहले होने वाली मौतों की तुलना में लगभग 3% और 9% कम हैं.
अस्पताल जाने की जरूरत नहीं
24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन का पहला केस मिला था, जिसमें स्पाइक प्रोटीन पर 32 म्यूटेशन देखे गए थे. इनमें से कई में हाई ट्रांसमिसिबिलिटी देखी गई थी जिस वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर दिया गया था.दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन पेसेंट्स की संख्या में काफी तेजी देखी गई लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी देखी गई.
डेल्टा वैरिएंट था अधिक खतरनाक
जामा नेटवर्क में प्रकाशित दक्षिण अफ्रीका के एक अध्ययन में बताया गया है कि अस्पताल की आपात स्थिति में आने वाले कोविड-पॉजिटिव लोगों में से केवल 41.3% को ओमिक्रॉन वेव के दौरान हॉस्पिटल जाने की जरूरत पड़ी, जबकि डेल्टा लहर के दौरान यह 68-69 फीसदी थी. ओमिक्रॉन वेव में ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता का अनुपात 17.6% था, जोकि डेल्टा वेव से 74% कम था. बीएमजे में प्रकाशित यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के डेटा की एक बड़ी मात्रा के विश्लेषण में कहा गया है कि डेल्टा से संक्रमित लोगों की तुलना में ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्तियों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 50-70% कम थी.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
नई दिल्ली के सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा, "यूके और दक्षिण अफ्रीका के आंकड़ों के आधार पर ओमिक्रॉन के साथ बीमारी की गंभीरता 66-80% कम प्रतीत होती है. दक्षिण अफ्रीका का अनुभव यह भी आश्वासन देता है कि भारत जैसा देश जो पहले से ही उच्च स्तर के संक्रमणों को देख चुका है और यहां पर टीकाकरण भी बहुत कम हुआ है तो हो सकता है कि यहां उतनी दिक्कत न आए.” उन्होंने आगे कहा कि इसका ये मतलब नहीं कि इससे खतरा नहीं है लोग अभी भी आईसीयू में भर्ती हो रहे हैं.
मरीजों में हल्के लक्षण
भारत की बात करें तो भले ही मामले तेजी से बढ़ रहे है लेकिन यहां पिछले 10 दिन पहले केवल 6,358 मामलों की तुलना में गुरुवार (पिछले 24 घंटों) में लगभग 91,000 नए मामले दर्ज किए गए. देश भर के डॉक्टरों का कहना है कि लगभग सभी रोगी हल्के लक्षणों के साथ आ रहे हैं जैसे हल्का बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, शरीर में दर्द और थकान. कुछ रोगियों को दस्त, मतली और चक्कर भी आ रहे हैं.
ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के बीच अंतर
Delta | Omicron |
लक्षण : 10 दिन तक रहते हैे | लक्षण: 4-5 दिन रहते हैं |
बुखार: 101F - 103F | बुखार: 99.5F-100F, अत्यधिक थकान |
फेफड़ों को इंफेक्शन पहुंचाना | चक्कर आना और मतली |
सांस लेने में तकलीफ, सीन में दर्द | नार्मल ऑक्सीजन लेवल |
ज्यादतर लोगों को वैक्सीन नहीं लगी थी, हेल्थ वर्कर्स इसकी चपेट में आए | ज्यादातर लोग वैक्सीनेटेड हैं,फिर भी इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है |