एक तरफ कोरोना का कहर बरकरार है. वहीं, दूसरी तरफ अब मंकीपॉक्स और मारबर्ग ने भी दुनियाभर के लोगों की टेंशन बढ़ा दी है. घाना में मारबर्ग वायरस से दो लोगों की मौत हुई है. वहीं, मंकीपॉक्स के मामले अब भारत में भी सामने आने लगे हैं. अब तक केरल में दो मंकीपॉक्स के मरीज मिल चुके हैं.
मारबर्ग वायरस रोग क्या है ?
मंकीपॉक्स की तरह ही मारबर्ग वायरस भी एक जूनोटिक वायरस या जानवरों से पैदा होने वाला वायरस है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने घाना में मारबर्ग वायरस का पहला प्रकोप घोषित किया, जब पिछले महीने दो संक्रमित रोगियों की बीमारी से मौत हो गई थी. पहला मामला एक 26 वर्षीय पुरुष का था जिसने 26 जून को अस्पताल में जांच की और 27 जून को उसकी मृत्यु हो गई. दूसरा 51 वर्षीय पुरुष था जो 28 जून को अस्पताल गया था और उसी दिन उसकी मौत हो गई थी.
मंकीपॉक्स से कैसे अलग है मारबर्ग वायरस
मारबर्ग वायरस एक दुर्लभ लेकिन, गंभीर रक्तस्रावी बुखार (Hemorrhagic Fever)है, जो इंसानों और जानवरों दोनों को संक्रमित कर सकता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इसमें 88 प्रतिशत तक मौत दर का मामला है, लेकिन अच्छी देखभाल और इलाज के साथ इसे कम किया जा सकता है.
मंकीपॉक्स आमतौर पर मध्य और पश्चिम अफ्रीका के ट्रोपिकल रेन फॉस्ट एरिया में होता है. यह वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली से संबंधित है, जिसमें शरीर में चेचक होते हैं.
क्या भारत में पहुंच सकता है मारबर्ग वायरस?
बैंगलोर में नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज और तमिलनाडु में शास्त्र विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा 2019 में पब्लिश एक रिसर्च स्टडी में पाया गया कि नागालैंड और अन्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में चमगादड़, मारबर्ग वायरस के जलाशय हैं. हालांकि अभी तक इस वायरस के फैलने की सूचना नहीं मिली है.
लेकिन ग्लोबलाइज ट्रैवल और कोरोना के बाद प्रतिबंधों में ढील के साथ, मंकीपॉक्स के अनएक्सपेक्टेड स्प्रेडिंग की तरह ही मारबर्ग वायरस के फैलने की संभावना है.
मारबर्ग वायरस के लक्षण क्या हैं?
हाई फीवर
ज्यादा सरदर्द
इल फिलिंग
मांसपेशियों में दर्द
पानी जैसा दस्त
पेट दर्द और ऐंठन
ज्यादा थकान होना
ब्लीडिंग होना
मंकीपॉक्स और मारबर्ग वायरस में से कौन सा घातक है?
मंकीपॉक्स की तुलना में मारबर्ग वायरस कहीं अधिक घातक है, जबकि मंकीपॉक्स 2-4 सप्ताह तक चलने वाले लक्षणों के साथ एक आत्म-सीमित बीमारी है. दूसरी ओर, मारर्बग वायरस में मौत दर 88 प्रतिशत तक होती है, लेकिन अच्छी देखभाल और उपचार के साथ इसे कम किया जा सकता है.
क्या मारबर्ग वायरस के लिए कोई वैक्सीन है?
मारबर्ग वायरस के लिए कोई वैक्सीन या एंटीवायरल इलाज नहीं है. बीमारी का इलाज करने का एकमात्र तरीका लीकवीड के साथ रिहाइड्रेशन है.
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