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High BP Control: दिल द मामला! ज्यादा नमक से बचें, रेगुलर एक्सरसाइज़ करें... जानिए बीपी कंट्रोल के धांसू टिप्स

झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा के दौरान हुई अभ्यर्थियों की मौत की वजह हाइपरटेंशन और हार्ट अटैक सामने आई है. इस संबंध में GNT Digital ने फॉर्टिस अस्पताल के डॉ विनीत बंगा और गुरुगाम की न्यूट्रिशनिस्ट, डॉ अर्चना बत्रा से बातचीत करके जाना कि क्या है इसके कारण और कैसे करें बीपी कंट्रोल.

High Blood Pressure (Photo: Pexels) High Blood Pressure (Photo: Pexels)
हाइलाइट्स
  • Dehydration से बढ़ सकता है Blood Pressure

  • Sodium Levels को करें मैनेज

  • High BP से बढ़ सकती हैं दिल की बीमारियां

झारखंड सिपाही भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा के दौरान हुई अभ्यर्थियों की मौत ने सबको चौंका दिया है. इस भर्ती परीक्षा के फिजिकल टेस्ट के दौरान 60 मिनट में 10 किलोमीटर दौड़ लगाने का लक्ष्य था. इस दौड़ के दौरान इन 12 अभ्यर्थियों की मौत हो गई. यह मामला चौंकाने वाला है और साथ ही, यह घटना हम सबके लिए एक अलार्म की तरह है. अब हम सबको यह सोचना है कि अपनी लाइफस्टाइल में आखिर हम ऐसी क्या गलती कर रहे हैं जो कुछ किमी की दौड़ भी हमारे लिए जानलेवा बन रही है. 

इस घटना के बारे में फरीदाबाद के फॉर्टिस अस्पताल में न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर, डॉ. विनीत बंगा ने बताया कि इन अभ्यर्थियों की मौत का कारण हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक था. 

अचानक बीपी हाई होने के लक्षण
डॉ विनीत का कहना है कि हाई बीपी होने पर कोई भी अपने शरीर में कुछ बदलाव महसूस करेगा. अगर आप जरा-सा गौर करेंगे तो लक्षणों को पहचान सकते हैं और जानकारी होने से कई जानें बच सकती हैं. अचानक हाई बीपी के लक्षण हैं:

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  • बहुत ज्यादा सिरदर्द
  • छाती में दर्द
  • चक्कर आना
  • सांस लेने में तकलीफ
  • मतली होना 
  • आंखों के सामने अंधेरा छाना 
  • एंग्जायटी आदि
डॉ विनीत बंगा, फॉर्टिस अस्पताल, फरीदाबाद

क्या दौड़ने से बढ़ता है बीपी?
नहीं. 
डॉ विनीत का कहना है कि सिर्फ दौड़ने से बीपी नहीं बढ़ता है. हालांकि, सही से ट्रेनिंग न होना, या खुद को ज्यादा थकाना और डिहाइड्रेशन जैसी स्थितियां आपको इस कंडीशन तक ले जा सकती हैं. झारखंड के मामले में सही फिटनेस न होना, सेहत की ठीक से जांच न होना या बहुत ज्यादा थकान जैसे फैक्टर्स कुछ कारण हो सकते हैं. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सही तरह से स्क्रीनिंग और ट्रेनिंग प्रोटोकॉल्स जरूरी हैं. 

क्या बिना प्रैक्टिस दौड़ना हानिकारक है? 
हां.
डॉक्टर विनीत कहते हैं कि बिना प्रैक्टिस गंभीर फिजिकल एक्टिविटी करने से आपको कार्डियोवस्कुलर सिस्टम पर असर पड़ता है. खासतौर पर जिन लोगों को पहले से कोई सेहत संबंधी परेशानी है, उन्हें दिक्कत हो सकती है. ऐसा करने से बीपी बढ़ सकता है या दिल से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं. हेल्थ रिस्क को कम करने और एक सुरक्षित एक्सरसाइज रूटीन सुनिश्चित करने के लिए सही वॉर्म-अप और रेगुलर एक्सरसाइज करना जरूरी है. 

अगर अचानक बीपी बढ़ जाए तो क्या करें? 
अगर अचानक बीपी बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए. इसके दौरान, बिल्कुल शांत रहें, कोई भी गंभीर एक्टिविटी करने से बचें और बीपी मॉनिटर करते रहें. जब तक प्रोफेशनल हेल्प न मिले तब तक खुद को हाइड्रेटेड रखें, नमक कम से कम लें और कुछ रिलैक्सेशन टेक्निक जैसे मेडिटेशन, योग या स्ट्रेचिंग करने की ट्राई करें. 

हम सब जानते हैं हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन बहुत सी कार्डियोवस्कुलर बीमारियों (स्ट्रोक, एंजिना, मायकोर्डियल इनफ्रक्शन, रीनल बीमारी और दूसरी बीमारियां) के लिए बड़ा रिस्क है. Indian Dietetic Association के मुताबिक, दुनिया में 1.13 बिलियन लोगों को हाइपरटेंशन है और एक अनुमान है कि साल 2025 तक यह संख्या 1.5 बिलियन हो जाएगी. 10 में से 3 मौतें कार्डियोवस्कुलर बीमारियों से होती हैं और कार्डियोवस्कुलर बीमारियों से होने वाली मौतों में से 50% का कारण है हाइपरटेंशन. 

ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम हाइपरटेंशन के बारे में अच्छे से समझें और जानें. इसके लिए GNT Digital ने गुरुग्राम बेस्ड न्यूट्रिशनिस्ट और सर्टिफाइड डायबिटीज एजुकेटर, डॉ. अर्चना बत्रा से बातचीत की. डॉ अर्चना ने बताया कि हाई बीपी आज के जमाने में सबसे कॉमन समस्या है जिससे लोग जूझ रहे हैं. सबसे चिंताजनक बात यह है कि अब बहुत कम उम्र में लोगों को हाई बीपी की शिकायत होने लगी है. 

डॉ अर्चना बत्रा, न्यूट्रिशनिस्ट, गुरुग्राम

किन कारणों से होता है हाई बीपी?
डॉ अर्चना: हाइपरटेंशन के कई कारण हो सकते हैं लकिन सभी कारण हमारी लाइफस्टाइल से जुड़े हैं. 

  • सबसे बड़ा कारण है हमारा गलत खान-पान. अगर आप बहुत ज्यागा पैकेज्ड और प्रोसेस्ड चीजें खाते हैं तो इससे सोडियम लेवल्स बढ़ते हैं जो हाइपरटेंशन का कारण है. पैकेज्ड फूड्स में प्रिजर्वेटिव के तौर पर सोडियम सॉल्ट का इस्तेमाल होता है जिससे ब्लड में इसका लेवल बढ़ता है. 
  • एक अहम कारण है एक्सरसाइज न करना. बहुत से लोगों का कोई एक्सरसाइज रूटीन नहीं होता है जिस कारण बॉडी पर गलत असर पड़ता है और यह हाई बीपी के भी कारणों में से एक है. 
  • रेगुलर एल्कोहल लेना या स्मोकिंग करना भी हाई बीपी के कारणों में से एक है. अगर आप बहुत ज्यादा स्ट्रेस में रहते हैं तो भी आपका बीपी बढ़ता है.  
  • इसके अलावा, बहुत से लोगों के लिए यह अनुवांशिक हो सकता है तो ऐसे में कम उम्र से ही बीपी मॉनिटर करें और अपनी खान-पान की आदतों पर ध्यान दें. 

लाइफस्टाइल में बदलाव से कंट्रोल करें बीपी 
डॉ अर्चना कहती हैं कि अगर आपका बीपी बहुत ज्यादा हाई रहता है तो आपको मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए. इसमें आपको दवाओं के साथ-साथ अपने लाइफस्टाइल पर ध्यान देना होगा. हालांकि, अगर आपकी समस्या ज्यादा नहीं बढ़ी है तो आप सिर्फ लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी बीपी को कंट्रोल कर सकते हैं. डॉ अर्चना का कहना है कि सभी युवाओं को अपनी लाइफस्टाइल को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए ताकि बीपी की परेशानी न हो. 

सबसे पहले अपनी दिनचर्या में रेगुलर एक्सरसाइज जैसे योग, वॉक या जॉगिंग आदि को शामिल करें. इसके अलावा, नियमित रूप से समय निकालकर ध्यान यानी मेडिटेशन करें. 

आप हर दिन कितना नमक खा रहे हैं इस पर ध्यान देना बहुत ज्यादा जरूरी है. डॉ अर्चना का कहना है कि नमक सिर्फ उतना नहीं है जो आप रोटी, सब्जी या दाल आदि में लेते हैं बल्कि सबसे ज्यादा नमक पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट्स जैसे नमकीन, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक आदि में होता है. अक्सर इन चीजों का सेवन लोग स्नैक्स के रूप में करते हैं लेकिन इनसे शरीर में सोडियम लेवल हाई होते हैं. इसलिए किसी भी तरह का पैकेज्ड या प्रोसेस्ड फूड और ड्रिंक लेने से बचें. 

इसके बाद, अपने खान-पान पर ध्यान दें. आप दिनभर में क्या खाते हैं, कितनी मील लेते हैं इस पर ध्यान दें. डॉ अर्चना का कहना है कि आपको एक बैलेंस्ड मील लेनी चाहिए. बैलेंस्ड मील में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, टोटल फैट, सैचुरेटेड फैट, फाइबर और डाइटरी कॉलेस्ट्रोल शामिल होना चाहिए. 

बैलेंस्ड मील का सेवन करें (फोटो: पिक्साबे)

इन चीजों को शामिल करें खाने में 

  • कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट्स जैसे साबुत अनाज खाने में शामिल करें. रिफाइंड फूड खाने से बचें. 
  • प्लांट प्रोटीन जैसे दाल, मटर, बीन्स और लो फैट मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट्स शामिल करें 
  • एग व्हाइट, मछली, लीन चिकन शामिल करें. ऑर्गन और रेड मीट खाने से बचें. 
  • हेल्दी फैट्स जैसे वेजिटेबल ऑइल, राइस ब्रान ऑइल, कॉल्ड प्रेस्ड ऑलिव ऑइल आदि शामिल करें. 
  • फाइबर रिच खाने जैसे ओट्स, सीरियल्स, बीन्स, फल और सब्जियां आदि शामिल करें. 

इन चीजों को खाने से बचें 

  • पैकेज्ड, प्रिजर्व्ड और प्रोसेस्ड जैसे नूडल्स, चिप्स, चीज़ और बटर आदि न खाएं. 
  • मार्केट का अचार, सॉल्टी स्नैक्स, सोया सॉस, कैचअप आदि न खाएं. 
  • लाल मांस, ऑर्गन मीट, और प्रोसेस्ड मीट खाने से बचें.
  • बेकरी फूड जैसे ब्रेड, पिज़्ज़ा, पास्ता, केक और पेस्ट्री आदि खाने से बचें. 
  • पैक्ड जूस या कोल्ड ड्रिंक न पिएं. 
  • चावल, लस्सी, फ्रूट, सलाद आदि में नमक न मिलाएं. 

कैसे कम कर सकते हैं सोडियम लेवल्स
डॉ अर्चना ने बताया कि सोडियम लेवल्स को कम करने के लिए पोटेशियम रिच फूड लेना चाहिए. आप अपने खाने में पोटेशियम रिच फ्रूट्स शामिल कर सकते हैं. पोटेशियम रिच फूड हैं- केला, संतरा, आलू, एवैकाडो, बीन्स, पालक और अंजीर आदि. 

क्या है DASH Diet 
डॉ. अर्चना का कहना है कि हाइपरटेंशन के लिए DASH डाइट फॉलो कर सकते हैं. DASH- Dietary Approaches to Stop Hypertension. यह खासतौर पर हाई बीपी से परेशान लोगों के लिए है. इसके मुताबिक, सबसे ज्यादा फल और सब्जियां, बीन्स और नट्स, मछली, पॉल्ट्री, साबुत अनाज, और लो फैट या नॉनफैट डेयरी, और कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स आदि का सेवन करना चाहिए. 

DASH डाइट (फोटो: X/@@Dr_AustinOmondi)
  • ज्यादा खाएं: फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, नट्स और फलियां. 
  • कम खाएं: सैचुरेटेड फैट, कोलेस्ट्रॉल, ट्रांस फैट, लाल मांस, मिठाई और शुगर ड्रिंक. 
  • हेल्दी फैट चुनें: जैतून का तेल, एवोकाडो और नट्स. 
  • डेयरी चुनें: कम फैट या फैट फ्री दूध, दही और पनीर. 
  • साबुत अनाज चुनें: ब्राउन चावल, क्विनोआ, साबुत गेहूं पास्ता, और साबुत अनाज की ब्रेड. 
  • लीन प्रोटीन चुनें: पोल्ट्री, मछली, बीन्स, दाल और टोफू. 
  • फल चुनें: ताजे फल जैसे सेब, केला, जामुन, खट्टे फल और खरबूजे. 
  • सब्जियां चुनें: सभी प्रकार की सब्जियां, विशेषकर हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, केल आदि. 
  • मेवे और बीज चुनें: बादाम, मूंगफली, पिस्ता, सूरजमुखी और कद्दू के बीज. 
  • फलियां चुनें: दाल और चना.