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Tips to control Sugar Cravings: बढ़ रहा है ब्लड शुगर? जानिए शुगर क्रेविंग को रोकने के तरीके

बहुत से लोग अपना मीठा खाना कंट्रोल करना चाहते हैं लेकिन अपनी शुगर क्रेविंग से हार जाते हैं और मीठा खाते रहते हैं. इस आर्टिकल में पढ़ें शुगर क्रेविंग्स होने का कारण.

How to control sugar cravings How to control sugar cravings
हाइलाइट्स
  • नींद की कमी से भी होती है शुगर क्रेविंग

  • कम पानी पीना भी है एक कारण

सिर्फ डायबिटीज ही नहीं, शुगर के सेवन से मोटापा, फैटी लीवर, लिपिड असामान्यताएं (विशेषकर ट्राइग्लिसराइड्स), इंसुलिन रेजिस्टेंस, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी आदि का खतरा बढ़ जाता है. ऐसा माना जाता है कि गन्ने से बनने वाली चीनी का उपयोग सबसे पहले पोलिनेशिया में किया गया था, लेकिन क्रिस्टलीय केन शुगर के इस्तेमाल की प्रोसेस भारत में विकसित की गई थी.  क्या इसीलिए हमें मीठा खाने की क्रेविंग होती है?

क्या है शुगर की क्रेविंग का कारण 
हमारी शुगर क्रेविंग को बढ़ाने में कई कारक भूमिका निभा सकते हैं. चीनी के सेवन से डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज होते हैं, जिससे एक अच्छी फीलिंग आती है और इस कारण मिठाई खाने की इच्छा होती है. सेरोटोनिन लेवल अगर कम हो तो डिप्रेशन, मूड डिसऑर्डर्स, मैनोपॉजल या प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोंम और शराब पीने से शुगर क्रेविंग हो सकती हैं.

तनाव, अवसाद, चिंता या यहां तक ​​कि साधारण बोरियत - साथ ही उनके ट्रीटमेंट के लिए ली जाने वाली दवाएं - कुछ मीठा खाने की इच्छा को तीव्र कर सकती हैं. ऐसी स्थितियों में शुगर एक साइकोलॉजिकल सपोर्ट बन जाती है जो थोड़ी देर के लिए ही सही लेकिन तुरंत आराम दे सकती है. 

यहां तक ​​कि पर्याप्त नींद की कमी भी शुगर क्रेविंग से जुड़ी हुई है, जिसका ग्रेलिन और लेप्टिन जैसे हार्मोन के माध्यम से भूख और तृप्ति पर प्रभाव पड़ता है. शुगर क्रेविंग सिर्फ एक आदत भी हो सकती है. मिठाइयां बचपन से ही हर अच्छी चीज़ से जुड़ी होती हैं और अक्सर इसका इस्तेमाल इनाम के रूप में और उत्सवों में खुशियां मनाने के रूप में किया जाता है. यह कनेक्शन शुगर की आदत को बना सकता है, और अगर कभी ऐसे मौकों पर मीठा न हो तो खालीपन जैसा एहसास होता है. 

डायबिटीक लोगों को करता है प्रभावित 
जिन लोगों के शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव होता है, जैसे कि डायबिटीक लोगों में, शुगर की क्रेविंग बढ़ सकती है. ब्लड शुगर का लेवल कम होने से मीठा खाने की इच्छा हो सकती है. इसके बाद शुगर का लेवल बढ़ेगा और इंसुलिन रिलीज होगा और फिर से लेवल कम होगा. इस तरह की साइकिल बने रहने से वजन बढ़ सकता है और ब्लड शुगर कंट्रोल बिगड़ सकता है. इसलिए, मीठा खाने से आपकी क्रेविंग बढ़ेगी और आपकी सेहत के लिए यह सही नहीं है. 

आपको शुगर इनटेक कम से कम रखना  चाहिए. निश्चित रूप से शुगर का इनटेक एक दिन में पांच से छह चम्मच (25-30 ग्राम) से अधिक नहीं होना चाहिए. शुगर क्रेविंग को कंट्रोल करना कहने में जितना आसान है, करने में उतना ही मुश्किल. लेकिन यह नामुमकिन नहीं है. 

1. हाइड्रेशन: अगर आप कम पानी पीते हैं तो आपको शुगर क्रेविंग हो सकती है. इसलिए जब आपको मीठा खाने की इच्छा महसूस हो तो एक गिलास पानी पिएं. 

2. समय पर खाएं और संतुलित आहार लें: पर्याप्त प्रोटीन कटेंट वाला हेल्दी फाइबर रिच डाइट, सही समय पर खाया जाए तो यह आपको लंबे समय तक फुल रहने में मदद करता है, मतलब आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है. रिफाइंड कार्ब्स को बाजरा, साबुत अनाज, सब्जियों और फलों जैसे कॉम्पलेक्स कार्ब्स से बदलें जो शुगर स्पाइक को धीमा करते हैं. सही समय पर भोजन करने और लंबे अंतराल से बचने से मदद मिलती है.

3. ध्यानपूर्वक खाना: खाना खाते समय खाने पर ध्यान दें. टीवी देखते हुए या फोन में ध्यान देते हुए खाना न खाएं. 

4. पर्याप्त नींद और तनाव कम करने से मदद मिलती है. आराम से खाने की आदत से बचें. 

5. शुगरी फूड्स घर न लाएं. आप मिठाई छोड़कर शुरुआत कर सकते हैं. अगर आपको इसकी जरूरत महसूस हो तो इसे फलों से बदलें. आर्टिफिशियल स्वीटनर मीठे की क्रेविंग को कम नहीं करता है. 

6. अपनी ड्रिंक चॉइस बदलें: शुगर रिच कोला और फ्रूट जूस पीना छोड़ दें. इनकी बजाय ताजा नीबू, नारियल पानी या सिर्फ सादा पानी पिएं. 

7. शुगर स्नैक के लिए 150 कैलोरी की सीमा निर्धारित करें या इसे किसी हेल्दी फूड प्रोडक्ट्स के साथ मिलाकर शुरुआत करें, जिससे आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होगा.

8. जब आपको मीठा खाने की इच्छा महसूस हो तो बस अपने दिमाग को डायवर्ट करें, जैसे फोन कॉल करना या टहलने जाना, इससे आपका दिमाग डायवर्ट हो जाएगा.

9. कुछ लोग च्युइंग गम को क्रेविंग दूर करने का अच्छा तरीका मानते हैं.