

कोलकाता में एक 45 वर्षीय महिला में ह्यूमन कोरोना वायरस (Human Coronavirus) का पहला मामला सामने आया है. महिला पिछले 15 दिनों से बुखार, खांसी और सर्दी से परेशान थी. फिलहाल महिला अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज किया जा रहा है.
क्या है HKU1 वायरस?
ह्यूमन कोरोना वायरस कोरोना वायरस की एक प्रजाति है. ह्यूमन कोरोना वायरस को HKU1 के नाम से भी जाना जाता है. एचकेयू1 आमतौर पर श्वसन संबंधी बीमारी का हल्का रूप है. HKU1 की पहचान पहली बार 2005 में हुई थी. HKU1 कोई नया वायरस नहीं है और ज़्यादातर लोग अपने जीवन में कभी न कभी इसके संपर्क में जरूर आए होंगे.
यह वायरस सांस लेने वाली नली को प्रभावित करता है और इसके लक्षण सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे ही होते हैं. खांसी, नाक बहना, गले में खराश, साइनस बंद होना, सिरदर्द, बुखार, थकान. कई मामलों में, संक्रमण से निमोनिया या ब्रोंकाइटिस हो सकता है.
HKU1 वायरस को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट
HKU1 वायरस को लेकर पद्मश्री डॉक्टर मोहसिन वली कहते हैं, कोरोना वायरस हर दिन अपने स्ट्रक्चर में बदलाव कर रहा है. इस वायरस के लक्षण बहुत हल्के हैं. जो भी मरीज इस वायरस से संक्रमित हैं, उन्हें बायोफायर टेस्ट कराना चाहिए. नहीं तो लंबे समय तक वायरस के अटैक की वजह से लोगों को निमोनिया हो सकता है. जिन लोगों को कोरोना वायरस हुआ था उनके फेफड़े अभी भी कमजोर हैं. इसलिए उन्हें इसका खास ख्याल रखना चाहिए. ज्यादातर लोग सर्दी जुकाम या फ्लू होने पर भी मास्क नहीं पहन रहे हैं. ऐसे लोग हेल्दी लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं.
डॉ. वली कहते हैं, इस साल सर्दियां देर से आईं, अचानक बारिश और बदलते मौसम में इंफ्लूएंजा के कई केस देखने को मिले. यह जल्दी ठीक होने वाली बीमारियां नहीं थीं. किसी को 15-15 दिन तक लगातार खांसी होती रही तो किसी को कफ की समस्या थी. लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों के पीछे किसी न किसी तरह का वायरस जरूर होता है. ये जो नया वायरस आया है कोरोना का ही एक रूप है लेकिन उतना खतरनाक नहीं है. लेकिन कुछ मामलों में यह निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस जैसी गंभीर फेफड़ों की बीमारियों का कारण बन सकता है. इसलिए मास्क जरूर पहनें. अपने हाथों को नियमित तौर पर धोएं.
कैसे फैलता है ये वायरस
ये वायरस भी दूसरे कोरोना वायरस की तरह ही फैलता है, जिसमें संक्रमित व्यक्ति के साथ खांसने या छींकने, सतहों को छूने और फिर चेहरे, मुंह या नाक को छूने जैसे तरीके शामिल हैं.
किन लोगों को इसका खतरा ज्यादा है?
ह्यूमन कोरोना वायरस hku1 से सर्वाधिक खतरा 60 साल से अधिक उम्र वाले बुज़ुर्ग व्यक्तियों नवजात व छोटे बच्चों अस्थमा सीओपीडी जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग और डायबिटीज या दिल संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को होता है.
HKU1 वायरस से बचाव
नियमित तौर पर हाथ धोएं
भीड़भाड़ वाली जगहों में मास्क पहनें
संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखें
बार-बार छूई जाने वाली सतहों को सैनिटाइज़ करें
छींकते या खांसते समय मुंह और नाक को ढकें
इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
2019 में मिला था कोरोना का पहला केस
कोरोना वायकस का पहला मामला 2019 में चीन के वुहान शहर में मिला था. ये सार्स-कोव-2 वायरस से फैला था. 30 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ग्लोबल पेंडेमिक घोषित किया था. दुनिया भर में कोविड के 70 करोड़ से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे. कोरोना की वजह से 70 लाख से ज्यादा मौतें दर्ज की गई थीं.