वैज्ञानिकों ने सुअर के भ्रूण में इंसानी किडनी डेवलप की है, ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए ये बेहद जरूरी रिसर्च है. ये किडनी 50 प्रतिशत से ज्यादा मानव कोशिकाओं से बनी है. इसे 28 दिनों तक सूअर के एम्ब्रियो में रखा गया. यह लोगों में आगे चलकर किडनी और दूसरे अंगों का प्रत्यारोपण करने के लिए महत्वपूर्ण रिसर्च है.
जानवर और मानव की कोशिकाओं से बना अंग विकसित किया गया
ट्रांसप्लांट इम्यूनोलॉजिस्ट मास्सिमो मंगियोला के अनुसार ये शोध एक महत्वपूर्ण और दिलचस्प कदम है क्योंकि देश की 10% आबादी का लिवर डैमेज है और इनमें से लगभग 2 लाख लोग हर साल किडनी फेलियर के कारण जान गवाते हैं. इनमें से केवल 5 से 10 हजार लोग ही किडनी ट्रांसप्लांट करा पाते हैं. हालांकि अभी भी हम जेनोट्रांसप्लांट से कई कदम दूर हैं. ये पहली बार है जब किसी अन्य प्रजाति के अंदर जानवर और मानव दोनों की कोशिकाओं से बना अंग विकसित किया गया है.
5 साल का लगा समय
सेल स्टेम सेल जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक शोधकर्ताओं ने सुअर के ऐसे भ्रूण तैयार करना शुरू किया जो अपने आप किडनी नहीं बना सकते थे. इसके बाद अंगों के विकास के लिए जिम्मेदार दो जीनों को निष्क्रिय कर दिया. वैज्ञानिकों को ऐसा करने में 5 साल का समय लगा. वैज्ञानिकों ने पहले सुअर में जेनेटिक रूप से कुछ बदलाव किए जिससे कि इंसानी कोशिकाओं को विकसित होनी की जगह मिल सके. इसके बाद इंसानी कोशिकाओं को भी एक अलग माहौल में अस्तित्व बनाए रखने के लिए बदला गया. इससे जानवर के भीतर अधिकांश इंसानी कोशिकाओं वाली किडनी तैयार हो गई. वैज्ञानिकों का कहना है कि पहली बार किसी अन्य प्रजाति के भीतर इंसानी अंग को विकसित किया गया है.