चाय भारतीयों की पसंदीदा ड्रिंक है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक कई भारतीयों के लिए चाय लाइफलाइन है, लेकिन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने लोगों को इसके खिलाफ चेतावनी दी है.
काउंसिल ने भारतीयों के लिए विशेष तौर पर जारी की गई 17 गाइडलाइन्स में से एक में कहा है कि चाय और कॉफी को कम मात्रा में पिया जाए क्योंकि इनमें मौजूद कैफीन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
कितनी पीनी चाहिए चाय-कॉफी?
मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशियन (NIN) के साथ जारी की गई गाइडलाइन्स में चाय और कॉफी के खिलाफ लोगों को चेतावनी दी है. संयुक्त पैनल ने कहा है कि एक दिन में 300 मिलीग्राम से ज्यादा कैफीन का उपभोग नहीं करना चाहिए.
रिपोर्ट में बताया गया कि ड्रिप कॉफी (Brewed Coffee) में 80-120 मिलीग्राम तक कैफीन मौजूद होता है जबकि इंस्टेंट कॉफी में 50-65 मिलीग्राम कैफीन होता है.
चाय में हालांकि 30-65 मिलीग्राम कैफीन ही मौजूद होता है. इस हिसाब से देखा जाए तो एक व्यक्ति को दिनभर में चाय या इंस्टेंट कॉफी 5-6 कप से ज्यादा नहीं पीनी चाहिए. ड्रिप कॉफी तीन कप से ज्यादा नहीं पी जानी चाहिए.
कब और कैसे पीनी चाहिए चाय?
पैनल ने यह भी कहा है कि खाना खाने के एक घंटे पहले और बाद में चाय-कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए. पैनल ने कहा है, "चाय-कॉफी में टैनिन (Tannins) मौजूद होता है. ये खाने में मौजूद आयरन से लग जाता है जिसकी वजह से हमारा शरीर आयरन को खींच नहीं पाता. इससे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है. अनेमिया भी हो सकता है. जरूरत से ज्यादा कॉफी पीने से ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है और दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं."
इसके अलावा खाने के साथ पेय पदार्थ पीने से पेट में मौजूद एसिड भी पतला हो सकता है. यह ऐसिड खाना पचाने के लिए बेहद जरूरी होता है इसलिए चाय-कॉफी का सेवन खाने से एक घंटे पहले या एक घंटे बाद तक नहीं किया जाना चाहिए. पैनल ने यह भी कहा कि चाय को अगर बिना दूध के पिया जाए तो वह सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है.
टैनिन्स की तरह दूध भी आयरन जैसे कुछ पोषक तत्वों के अवशोषण को रोक कर सकता है. बिना दूध की चाय पीने से न सिर्फ ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, बल्कि इंसान पेट के कैंसर से भी बचा रह सकता है.
इसके अलावा आईसीएमआर के पैनल ने फल, सब्जियां, अनाज, कम फैट वाला गोश्त और सी फूड (sea food) खाने की सलाह दी है. जबकि तेल, चीनी और नमक अत्यधिक मात्रा में खाने से बचने के लिए कहा है. आप आईसीएमआर की पूरी गाइडलाइन्स यहां पढ़ सकते हैं.