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कोविड-19 के लक्षणों को कम करेगा ये कंपाउंड

वैज्ञानिकों ने एक ऐसे यौगिक (compound) की पहचान की है जो प्रयोगशाला और जानवरों में कोविड-19 संक्रमण के लक्षणों को कम करने की क्षमता रखता है. यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी के पैसिफिक नॉर्थवेस्ट नेशनल लेबोरेटरी (PNNL)और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना (UNC)की टीम ने उस वायरस का अध्ययन किया, जिसकी वजह से मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम होता है, जोकि एक कोरोनावायरस के कारण होता है.

Compound that can potentially ease Covid-19 symptoms identified Compound that can potentially ease Covid-19 symptoms identified
हाइलाइट्स
  • चूहों पर किया गया अध्ययन

  • पत्रिका mBio में प्रकाशित अध्ययन

वैज्ञानिकों ने एक ऐसे यौगिक (compound) की पहचान की है जो प्रयोगशाला और जानवरों में कोविड-19 संक्रमण के लक्षणों को कम करने की क्षमता रखता है. यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी के पैसिफिक नॉर्थवेस्ट नेशनल लेबोरेटरी (PNNL)और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना (UNC)की टीम ने उस वायरस का अध्ययन किया, जिसकी वजह से मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम होता है, जोकि एक कोरोनावायरस के कारण होता है. MERS बहुत आम नहीं है, लेकिन कोविड -19 की तुलना में बहुत अधिक घातक है.

पत्रिका mBio में प्रकाशित अध्ययन ने प्रोटीन, molecular messenger और संक्रमण के बाद होने वाले अन्य संकेतों को लेकर प्रयोगशाला में हजारों मापों का विश्लेषण किया. शोधकर्ताओं ने एक आणविक (molecular)प्रक्रिया को प्वाइंट किया, जो शरीर की क्वालिटी कंट्रोल मशीनरी का हिस्सा है और कोरोनोवायरस संक्रमण से नुकसान पहुंचाने में केंद्रीय भूमिका निभाता है.

चूहों पर किया गया अध्ययन
इसके बाद वैज्ञानिकों ने कंपाउंड्स के एक विशाल डेटाबेस की खोज की और एएमजी पर्क 44 (AMG PERK 44) के रूप में जाने जाने वाले एक की पहचान की, जिसने प्रयोगशाला में ह्यूमन टीसू में वायरस के प्रजनन को रोक दिया. टीम ने यह भी पाया कि वायरस से संक्रमित चूहों में कंपाउंड का मजबूत प्रभाव पड़ता है. शोधकर्ताओं के अनुसार कंपाउंड ने फेफड़ों के कार्य को बढ़ावा दिया और चूहों में फेफड़ों की क्षति और वजन घटाने को कम किया, जिसमें विशेष रूप से नर चूहों में ऐसा ज्यादा देखा गया.

PNNL पेपर के पहले दो सह-लेखकों में से एक वायरोलॉजिस्ट एमी सिम्स (Amy Sims)ने कहा, "इस तरह के अध्ययन से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि घातक रेसपिरेटरी वायरस कैसे काम करता है, क्या काम करता है और अन्य को छोड़ फेफड़ों के कुछ हिस्सों पर ही हमला क्यों करता है." इस अध्ययन में उनके साथ ह्यूग मिशेल भी शामिल थे. 

मनुष्यों पर अभी नहीं हुआ इसका प्रयोग 
वैज्ञानिकों ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या कंपाउंड रोगियों की मदद कर सकता है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वर्तमान में इसका उपयोग दवा के रूप में नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अध्ययन के परिणाम रेसपिरेटरी रोगों के बारे में अधिक जानने के व्यापक प्रयास के हिस्से के रूप में सबसे उपयोगी हैं. यूएनसी के राल्फ बारिक (Ralph Baric)ने कहा, "कोरोनावायरस संक्रमण जटिल रोग फेनोटाइप का कारण बनता है और इसे सुलझाने के लिए नई रणनीतियों की आवश्यकता होती है, जिसकी वजह से जान को खतरा होने वाली गंभीर बीमारियां पैदा होती हैं."