योग हर उम्र के व्यक्ति के लिए फायदेमंद होता है. फिर चाहे वो बच्चा हो या बड़ा हर किसी को अपनी सेहत और तंदरुस्ती का खास ख्याल रखना चाहिए. बचपन में आपका शरीर वैसे भी लचीला होता है इसलिए इस समय बनाई गई आदत को आप आसानी से अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं. साथ ही ये आपको स्वस्थ रहने में भी मदद करेगा. हालांकि योग शुरू करने से पहले कुछ टिप्स फॉलो करने बहुत जरूरी हैं खासतौर पर उन लोगों के लिए जो पहली बार इसे कर रहे हैं.
आज हम आपको बच्चों के लिए कुछ खास योगा पोज बताएंगे जिन्हें वो आसानी से कर सकते हैं. बच्चों को इन योग आसन को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए.
प्राणायाम
प्राणायाम श्वास संबंधी योग है. इसमें सांस छोड़ने और लेने की क्रिया की जाती है. प्राणायाम को योगिक ब्रीथिंग भी कहा जाता है. इसमें श्वसन के साथ ही हृदय और तंत्रिका तंत्र की एक्सरसाइज होती है. इसे करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों घुटनों को मोड़कर (पद्मासन, सुखासन या वज्रासन में) बैठ जाएं.फिर अपने दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर रखें. ध्यान रहे कि इस दौरान आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए. अब ध्यान लगाएं और हल्की-हल्की लंबी सांस लें. फिर सांस को धीरे-धीरे छोड़ें.करीब 5 से 10 मिनट इस प्रक्रिया को करें.
बालासन
यह आसन मन को शांत करने वालों में से है. इसे चाइल्ड पोज भी कहा जाता है. यह बॉडी को रिलेक्स करता है और चिंता, तनाव को कम करने में भी मदद करता है. इसको करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं. अच्छे से बैठने के बाद गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सीधे आसमान की तरफ ऊपर उठाएं. अब सांस को छोड़ते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाएं.शरीर को झुकाने के बाद माथे से फर्श छूने की कोशिश करें और हाथों से जमीन को छुएं. ध्यान रहे कि कोहनी जमीन पर छूनी चाहिए.इस दौरान आंखें बंद रखें और सामान्य गति से सांस लेते रहें.कुछ देर के लिए इस मुद्रा में बने रहें और फिर रिलेक्स करें.
ब्रिज पोज़
यह योगासन बच्चों के लिए बहुत ही लाभप्रद है. यह करने से पहले स्ट्रेच, कंधों, जांघों, कूल्हों और छाती, पीठ और हैमस्ट्रिंग को मजबूत बनता है. यह रीढ़ के लचीलेपन को बढ़ाता है. सबसे पहले सीधे पीठ के बल लेट जाएं.फिर घुटनों को मोड़कर एड़ियों को हिप्स के पास ले आएं. ध्यान रहे कि आपके तलवे जमीन से सटे होने चाहिए.अब हाथों को सीधा रखते हुए एड़ियों के पास ले जाएं. हो सके तो हाथों से एड़ियों को पकड़ लें वरना हाथ को जमीन पर ही रखें. इसके बाद सांस लेते हुए अपनी कमर को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं. इस दौरान ठुड्डी छाती से सटी और कंधे, सिर व गर्दन जमीन पर टीके होने चाहिए. शरीर के साथ किसी तरह की जोर जबरदस्ती न करें. हो सकता है कि शुरुआत में ये आपसे न हो लेकिन धीरे-धीरे आप सीख जाएंगे. बच्चों को उतना ही करना चाहिए, जितना वो आसानी से कर सकें.
ताड़ासन
ताड़ासन को करने में पूरे शरीर की मांसपेशियों स्ट्रेच होती है. यह बच्चों की पूरी फिटनेस को बनाए रखने में मदद करता है. इस आसन से बच्चों की हाइट भी तेजी से बढ़ती है.सबसे पहले दोनों पैरों को जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं. फिर दोनों हाथों की उंगलियों को एक-दूसरे में फंसाएं और बाजुओं को ऊपर की ओर तानें. इस दौरान हथेलियों आसमान की तरफ होनी चाहिए. अब सांस लेते हुए एड़ियों को ऊपर की ओर उठाते हुए पंजों पर खड़े हो जाएं. करीब 5 से 10 सेकंड इस मुद्रा में रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें.
वृक्षासन
इस आसन को ट्री-पोज भी कहा जाता है. इस योगासन में शरीर को एक पैर पर संभालना होता है और शरीर की आकृति वृक्ष जैसी होती है. इस आसन से कमर और पीठ के दर्द में भी आराम मिलता है. सबसे पहले दोनों पैरों को आपस में जोड़कर सीधे खड़ें हो जाएं. फिर बनाते हुए बाएं घुटने को मोड़ते हुए तलवे को दाईं जांघ पर अंदर की तरफ रखें. इसके बाद दोनों हाथों को ऊपर आसमान की तरफ उठाएं और नमस्कार की मुद्रा बनाएं. जितनी देर तक हो सके इस मुद्रा में बने रहें. कुछ सेकंड इस अवस्था में बने रहने के बाद प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं. फिर इस प्रक्रिया को दूसरे पैर से दोहराएं.
भुजंगासन
भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहते हैं. यह स्पाइनल कॉलम को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है और इसे लचीला बनाता है. योगा मैट पर पेट के बल सीधे लेट जाएं. फिर हथेलियों को जमीन की तरफ करते हुए कंधे के पास फर्श से सटा लें. अब सांस लेते हुए सिर को जितना हो सके उतना ऊपर की ओर उठाएं और आकाश की तरफ देखें. इस आसन में शरीर का ऊपरी भाग नाभि तक उठाया जाता है. शरीर के साथ जबरदस्ती न करें. शरीर का जितना हिस्सा जितनी देर तक उठा सकते हैं, उतनी देर तक ही इस मुद्रा में बने रहें. साथ ही सामान्य रूप से सांस लेते रहें.
अब सांस छोड़ते हुए वापस रिलेक्स की मुद्रा में आ जाएं.