पिछले कुछ दिनों में भारत में फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. जिसमें अधिकतर लोगों में सर्दी, खांसी और हल्के बुखार के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. जिससे ठीक होने के लिए लोग डॉक्टर से परामर्श किए बिना ही एंटीबायोटिक टेबलेट लेने के लिए मेडिकल स्टोर पर जा रहे हैं. जिसको लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) डॉक्टर से परामर्श लिए बिना एंटीबायोटिक टेबलेट ना लेने की सलाह दी है. दरअसल हाल में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण देखने को मिले है.
इन्फ्लुएंजा फ्लू वायरस के लक्षण
ICMR ने इन्फ्लुएंजा फ्लू वायरस होने के पीछे का कारण बताया है. जिसके मुताबिक इन्फ्लुएंजा फ्लू वायरस ए, बी और सी के कारण होता है. इन्फ्लुएंजा फ्लू वायरस में बुखार, ठंड लगना, गले में खराश, खांसी, नाक बहना और छींक आना, थकान और शरीर में दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इसका सबसे आम लक्षण लगातार खांसी का आना है. ये खांसी लंबे समय तक खांसी वायु प्रदूषण के कारण हो सकती है जो श्वसन प्रतिरक्षा को कम करती है. इसके साथ ही इसमें सांस लेने में तकलीफ भी होती है.
वायरस से बचने के लिए करें ये उपाय
इन लोगों का खतरा अधिक
डॉक्टर के मुताबिक इन्फ्लुएंजा फ्लू वायरस में 102-103 डिग्री तक का बुखार हो सकता है. जिसके चलते आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है. साथ ही शरीर में दर्द और अन्य सांस से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. वैसे तो इन्फ्लुएंजा-ए में आमतौर पर अपने आप कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है. लेकिन बढ़ते तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बीमारी के गंभीर रूप लेने का जोखिम बना हुआ है.