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International Yoga Day 2022: आज से ही शुरू करें ये 5 योगाभ्यास, Energy होगी Boost और ऑफिस में बढ़ेगी प्रॉडक्टिविटी

हर साल 21 जून को दुनियाभर में International Yoga Day को तौर पर मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों के जीवन में योग के महत्व को समझाना है ताकि योग लोगों की लाइफस्टाइल का हिस्सा हो.

International Yoga Day (Photo: Unsplash) International Yoga Day (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • हर साल 21 जून को International Yoga Day मनाया जाता है

  • बहुत से सिलेब्रेटी, बिजनेसमैन और सोशल मीडिया इफ्लूएंसर भी योग का प्रचार कर रहे हैं

हम सबकी लाइफस्टाइल व्यस्तता भरी है और ऐसे में एक समय के बाद हम थकान महसूस करने लगते हैं. सुबह सोकर उठने के बाद भी एनर्जी फील नहीं होती है. ऐसे में, बहुत से लोग दिन भर एनर्जी बढ़ाने के लिए कॉफी या एनर्जी ड्रिंक लेते हैं . लेकिन आप नेचुरली भी एनर्जी बुस्ट कर सकते हैं जिससे आपकी अपने घर और दफ्तर के कामों में दिलचस्पी बढ़ेगी और आपकी प्रॉडक्टिविटी भी.  

यह नेचुरल तरीका है- योग. जी हां, योग का हम सबके जीवन में बहुत महत्व है और इसलिए ही न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी योग करने का प्रचलन बढ़ा है. हर साल 21 जून को International Yoga Day मनाया जाता है. देश के पीएम से लेकर सभी बड़े-छोटे राजनेता और अधिकारी इस दिन योग करके लोगों को संदेश देते हैं. बहुत से सिलेब्रेटी, बिजनेसमैन और सोशल मीडिया इफ्लूएंसर भी योग का प्रचार कर रहे हैं. 

इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं 5 ऐसे योगासन जिनसे न सिर्फ एनर्जी बूस्ट होगी बल्कि आप स्ट्रेस फ्री होंगे और काम में आपकी प्रॉडक्टिविटी बढ़ेगी. 

1. सुखासन

 


किसी भी आसन को शुरू करने से पहले सुखासन किया जाता है. सुखासन- सुख और आसन, दो शब्दों से मिलकर बना है. इसका मतलब है आराम की स्थिति में बैठना. इसके लिए, आप ध्यान की मुद्रा में बैठिए. आप आलती-पालथी मारकर बैठे, आपकी कमर एकदम सीधी होनी चाहिए. कंधों को तानकर बैठें. अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें और शांति के साथ इस एक मुद्रा में बैठें. 

सुखासन योगाभ्यास से थकान, स्ट्रेस, टेंशन, एंग्जाइटी और डिप्रेशन दूर होता है. 

2. ऊर्ध्व हस्तासन

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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यह आसन करने के लिए आप सबसे पहले जमीन पर मैट बिछा लें और इसपर सीधे खड़े हो जाएं. आपके दोनों पैरों के बीच दूरी नहीं होनी चाहिए. इन्हें जोड़कर रखें, साथ ही रीढ़ की हड्डी व गर्दन एकदम सीधी रखें. अब दोनों हाथों को सीधे रखते हुए एक साथ ऊपर की ओर ले जाएं.

ऊपर ले जाकर हाथों को जोड़ लें. आपकी पीठ, गर्दन व हाथ, एक सीध में हों. अब गर्दन को सीधा रखते हुए सिर को ऊपर की तरफ करें और हाथों की तरफ देखें. कुछ मिनट तक इस आसन में रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं. 

3. शलभासन

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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शलभासन, दो शब्दों- शलभ और आसन से मिलकर बना है. शलभ का मतलब है- टिड्डे या कीट (Locust ) और आसन का मुद्रा. शलभासन का मतलब है टिड्डे के समान मुद्रा होना.  इस योगासन से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है. शलभासन करने लिए सबसे पहले आप चटाई पर उलटे पेट के बल लेट जायें. अब अपने दोनों पैरो को सीधा रखें और अपने पैर के पंजे को सीधे ऊपर की ओर रखें. अपने दोनों हाथों को सीधा करें और उनको जांघों के नीचे दबा लें. 

अपने सिर और मुंह को सीधा रखते हुए अपने दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें. जितना हो सके उतना पैरों को ऊपर करें. 

4. धनुरासन


धनुरासन को धनुष आसन (Bow Pose) भी कहते हैं. इसमें चटाई पर पेट के बल लेटें और पैरों को सटाकर रखें. हाथों को पैरों के पास ले जाएं. अब धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ें और हाथों से टखने को पकड़ें. अब सीने से खुद को उठाएं और हाथों से पैरों को खींचकर जांघों को जमीन से ऊपर उठाएं. 

इस योग को करते समय सामने की तरफ देखें और चेहरे पर मुस्कान हो. इसमें आपका शरीर धनुष की तरह खिंचा हुआ रहे.

5. उष्ट्रासन


उष्ट्रासन को अंग्रेजी में Ushtrasana या Camel Pose कहते हैं. हम सब जानते हैं कि रेगिस्तान में भी ऊंट आसानी से रह सकता है. इसी तरह अगर इस आसन को हर रोज किया जाए तो इससे आपकी शारीरिक और मानसिक परेशानियां दूर होंगी. 

इस आसन में चटाई पर घुटनों के बल बैठें और अपने हाथ पीछे की तरफ पैरों पर रख लें. आपके घुटने और कंधे एक सीध में हों और पैरों के तलवे छत की तरफ हों. अब रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ जाने का दबाव डालें. अपनी कमर को पीछे की तरफ मोड़ें और हथेलियों से पैरों को मजबूती से पकड़ें. गर्दन पर बिल्कुल भी दबाव न हो.