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क्या सच में मौसम है आपके जोड़ों और शरीर के दर्द की वजह, Muscle Pain को लेकर क्या कहती है स्टडी

जीवनशैली में ये बदलाव न केवल जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द के मैनेजमेंट के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि आपके पूरे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है. पीठ दर्द से पीड़ित लोग जो हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाते हैं, वे कम दर्द का अनुभव करते हैं. 

knee joint pain (Representative Image) knee joint pain (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • स्वास्थ्य पर पड़ता है मौसम का प्रभाव

  • लोग देते हैं मौसम को दोष क्यों देते हैं?

बारिश के मौसम में सुबह उठते ही शरीर के किसी न किसी हिस्से में दर्द जरूर महसूस होता है. दर्द के कारण कुत्ते को घुमाने या जिम जाने के बारे में सोचना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में हम मौसम को दोष देने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। यह आम धारणा है कि ठंड या बरसात के मौसम में जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है, लेकिन क्या यह सच है?

हालांकि, ऐसा नहीं है. स्टडी से पता चलता है कि मौसम की स्थिति जैसे तापमान या ह्यूमिडिटी का जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है. 

स्वास्थ्य पर मौसम का प्रभाव
मौसम निश्चित रूप से हमारे स्वास्थ्य पर अलग-अलग तरीकों से प्रभाव डाल सकता है. उदाहरण के लिए, ठंडा मौसम अस्थमा के लक्षणों को बदतर बना सकता है, और गर्म तापमान दिल की समस्याओं, जैसे दिल की धड़कन को बढ़ाना-घटाना या दिल के दौरे का खतरा बढ़ा सकता है. इन प्रभावों के कारण, कई लोग मानते हैं कि मौसम भी जोड़ों या मांसपेशियों के दर्द को प्रभावित करता है. दरअसल, घुटने, कूल्हे या हाथ के ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी स्थिति वाले हर तीन में से दो लोगों का मानना ​​है कि ठंड का मौसम उनके लक्षणों को ट्रिगर करता है.

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गठिया और पीठ दर्द जैसी मस्कुलोस्केलेटल स्थितियां दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं. यह देखते हुए कि ये स्थितियां कितनी बड़ी हैं, शोधकर्ताओं ने यह जांच करने का निर्णय लिया कि क्या ठंड के महीनों के दौरान लोगों को जो बीमारियां होती हैं, उसके लिए मौसम में बदलाव कितना जिम्मेदार है? 

दर्द और मौसम में लगाया जाए लिंक का पता  
लोगों का मानना है कि मौसम और दर्द के बीच पुराना संबंध है. हालांकि, इसको लेकर काफी कम स्टडी हुई है. जो शोध मौजूद हैं उनमें इसे लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है. 

इस स्टडी में दुनिया भर के 15,000 से अधिक लोगों के डेटा को देखा गया. इन लोगों ने दर्द की 28,000 से ज्यादा घटनाओं की सूचना दी. इनमें से ज्यादातर रिपोर्टों में पीठ दर्द, घुटने या कूल्हे का ऑस्टियोआर्थराइटिस शामिल था, लेकिन रुमेटीइड गठिया और गाउट वाले लोग भी शामिल थे. 

नहीं है कोई सीधा लिंक 
स्टडी में हवा के तापमान, ह्यूमिडिटी, एयर प्रेशर या बारिश में बदलाव और घुटने, कूल्हे या पीठ के निचले हिस्से में दर्द की संभावना के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है. इसका मतलब यह है कि ज्यादातर लोगों को मौसम के बदलाव से जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द का अनुभव नहीं होता है.

दूसरे शब्दों में, ठंड का मौसम आपके घुटने या पीठ दर्द के साथ नहीं होगा. इससे गठिया रोग भी नहीं होगा. 

लोग मौसम को दोष क्यों देते हैं?
हालांकि, सर्दी के मौसम में कई लोग अपनी दिनचर्या बदल लेते हैं. ठंड की वजह से वे कम व्यायाम कर सकते हैं, बैठने में ज्यादा समय बिताते हैं या नींद पूरी नहीं हैं. ये सभी कारक दर्द को बढ़ा सकते हैं. उदाहरण के लिए, लंबे समय तक बैठने से पीठ दर्द बदतर हो सकता है, और रात की खराब नींद से पीठ और घुटनों दोनों में दर्द हो सकता है.