रात दिन दौड़ती भागती सड़कें, बेशुमार गाड़ियां, बेहिसाब शोर...घर से निकलते ही ये शोर हमारे साथ चलता है. कहीं भी चले जाइए, ट्रैफिक की आवाजों से मुक्ति नहीं मिलती है. दिन भर इस शोर का सामना करने के बाद खुद का घर एक महफूज जगह हो सकती है. लेकिन अगर आपका घर भी किसी व्यस्त सड़क के किनारे है, या जहां से हर पल शोर करती गाड़ियां गुजरती हों, सुबह शाम या रात .हर वक्त आपके कानों तक गाड़ियों के हॉर्न या उनके इंजन की घरघराती हुई आवाज पहुंचती हो. तो ये आपके लिए खतरे से कम नहीं है. धीरे धीरे ये शोर कान की एक गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है. दरअसल, डेनमार्क की एक रिसर्च में दावा किया है कि ट्रैफिक के शोर से टिनिटस का खतरा बढ़ रहा है.
क्या है टिनिटस बीमारी?
इस बीमारी की बात करें तो इसमें कान में कुछ गूंजने या आवाज जैसा महसूस होता है. कान में सीटी बजने या चहचहाने की आवाज आती है. आमतौर पर एकांत में या सोने के वक्त ऐसा ज्यादा महसूस होता है. लेकिन, अगर ये समस्या बढ़ जाती है तो कानों के सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. इससे एकाग्रता में दिक्कत आता है और मरीज डिप्रेशन का शिकार हो सकता है.
घर बिजी सड़क के किनारे है, तो है बड़ा खतरा
वैसे तो टिनिटस की समस्या कई और वजहों से भी हो सकती है. लेकिन इसके होने की बड़ी वजह ट्रैफिक नॉइस है. खासकर वैसे लोग जिनका घर बिजी सड़क के किनारे है, उनके लिए खतरा बड़ा है. डेनमार्क की यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि व्यस्त सड़क पर होने वाले शोर से लोगों में तनाव हो रहा है. वो पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं. इसीलिए वो लगातार कान में सीटी जैसी आवाज महसूस कर रहे हैं. शोध के मुताबिक जिन लोगों के घर व्यस्त सड़क के किनारे हैं उनमें टिनिटस होने की संभावना 6 फीसदी ज्यादा है.
हजारों लोगों पर की गई रिसर्च
सड़क के किनारे रहने वाले करीब 70 हजार लोगों पर ये रिसर्च की गई है. जिनमें 40 हजार लोगों में टिनिटस की समस्या पाई गई. हालांकि ये रिसर्च डेनमार्क की है, लेकिन जानकार मानते हैं कि भारत में भी ट्रैफिक नॉइस की वजह से टिनिटस की समस्या तेजी से बढ़ रही है. नए रिसर्च की मानें तो खतरा उनके लिए ज्यादा है जो अपने घर में भी ट्रैफिक के शोर की वजह से रात में चैन की नींद नहीं सो पाते. इसलिए जरूरी है कि रात में अच्छी नींद आने का बेहतर इंतजाम किया जाए.
ऐसे करें बचाव
बचाव के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं. जैसे मसलन बेडरूम सड़क की तरफ नहीं होना चाहिए. साथ ही शोर से बचने के लिए साउंडप्रूफ खिड़कियां लगानी चाहिए. डॉक्टर्स के मुताबिक अगर ट्रैफिक के शोर की वजह से नींद नहीं आती तो समस्या सिर्फ कानों की नहीं है. बल्कि ये मानसिक समस्या की वजह भी बन सकता है इसलिए जरूरी है कि इसे लेकर सावधान रहा जाए.