The Lancet Diabetes and Endocrinology में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, भारत में 101 मिलियन लोगों को डायबिटीज है, जो देश की आबादी का 11.4% हिस्सा हैं. स्टडी में यह भी पाया गया कि 136 मिलियन लोग, या आबादी का 15.3% हिस्सा, शायद प्री-डायबिटीज जूझ रहे हैं. यह स्टडी मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर की है. यह स्टडी लोगों की चिंता बढ़ाती है क्योंकि आज डायबिटीज दुनिया की सबसे कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम है.
लेकिन आप इस हेल्थ प्रॉब्लम को सही डाइट से कंट्रोल कर सकते हैं. गुरुग्राम में रहने वाली न्यूट्रिशनिस्ट, अर्चना बत्रा का कहना है कि डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले अपने खान पान पर ध्यान देना चाहिए. बैलेंस्ड डाइट से आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं. आपको बता दें कि डायबिटीज कंट्रोल करने में संतुलित सात्विक आहार अहम भूमिका निभा सकता है और इसकी प्रेरणा आपको दुनियाभर में मशहूर इस्कॉन मंदिर से मिलती है.
श्री राधा-रासबिहारी को लगता है संतुलित आहार का भोग
इस्कॉन मंदिर दुनिया भर में मशहूर हैं और भारत के अलग-अलग शहरों में ये मौजूद हैं. इस्कॉन मंदिर में मुख्य तौर पर श्री राधा-रासबिहारी जी की पूजा होती है. श्री कृष्ण की पूजा में भोग का अत्याधिक महत्व है. आपको बता दें कि मंदिर में हर रोज संतुलित और सात्विक आहार का भोग लगाया जाता है. भोग की एक खास बात यह है कि इसमें साल के 365 दिन करेले की सब्जी और छाछ को जरूर शामिल किया जाता है.
रासबिहारी के भोग का यह प्रोटोकॉल दुनियाभर के इस्कॉन मंदिरों में फॉलो होता है. बताया जाता है कि मंदिर के 'वैष्णव आचार्यों के गीत' नामक किताब में भी भगवान को भोग लगाए जाने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जिक्र किया गया है. ऐसे में, भगवान को भोग में दिए जाना वाला संतुलित आहार इस बात की प्रेरणा देता है कि हम भी इस तरह का खाना खाकर खुद को स्वस्थ और डायबिटीज से फ्री रख सकते हैं. जिनको प्रीडायबिटीज है या डायबिटीज है, वे संतुलित आहार लेकर इसे कंट्रोल कर सकते हैं.
भोजन में होने चाहिए ये छह रस
बात अगर आयुर्वेद की करें तो इसके हिसाब से हमें ऐसा आहार लेना चाहिए जो शरीर के तीन तत्व- वात, पित्त और कफ का संतुलन बनाए रखे. जब ये तीनों तत्व कम-ज्यादा होते हैं या संतुलित नहीं रहते तब हमारे शरीर में बीमारियां जन्म लेती हैं. इससे बचने के लिए आयुर्वेद में छह रसयुक्त भोजन खाने की सलाह दी जाती है.
ये छह रस हैं- मधुर (मीठा), लवण (नमकीन), अम्ल (खट्टा), कटु (कड़वा), तिक्त (तीखा) और कषाय (कसैला). अगर ये 6 रस आपके खाने में मौजूद हैं तो आपका शरीर स्वस्थ रहेगा.
करेले की सब्जी और छाछ
करेले की सब्जी और छाछ का हर दिन रासबिहारी को भोग लगाया जाना ही डायबिटीज कंट्रोल करने का संदेश हो सकता है. दरअसल, करेला और छाछ, दोनों ही डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छे माने जाते हैं. हेल्थलाइन के मुताबिक, करेला आपके शरीर में ब्लड शुगर को कम कर सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि करेले में इंसुलिन की तरह काम करने वाले गुण होते हैं. करेला खाने से आपकी सल्स को ग्लुकोज को इस्तेमाल करने और इसे लिवर, मसल्स और फैट तक ले जाने में मदद मिलती है.
करेला आपके शरीर में न्यूट्रिएंट्स को ग्लुकोज़ में नहीं बदलकर ब्लडस्ट्रीम में नहीं जाने देता है. हालांकि, मेडिकल में करेला प्रीडायबिटीज या डायबिटीज के लिए एप्रुव्ड ट्रीटमेंट नहीं है. जर्नल ऑफ एथनोफार्माकोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, करेला टाइप 2 डायबिटीक मरीजों में में फ्रुक्टोसामाइन के स्तर को कम करता है. लेकिन यह कितना प्रभावी है इसके लिए अभी और रिसर्च और स्टडी करने की जरूरत है. लेकिन करेले को स्वस्थ और संतुलित आहार के हिस्से के रूप में खाया जा सकता है. आप अपने डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद एक सीमित मात्रा में इसे डाइट में शामिल कर सकते हैं.
न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना का कहना है छाछ लोगों के लिए दूध से बेहतर हो सकती है. छाछ को अपनी डाइट में शामिल करने से आपको कई फायदे मिल सकते हैं. छाछ में फैट कम होता है लेकिन प्रोटीन और कार्ब्स की अच्छी मात्रा होती है. इसमें विटामिन A, विटामिन D, कैल्सियम, पोटेशियम, रिबोफ्लेविन, प्रोबायोटिक्स और फॉस्फोरस होते हैं. छाछ में लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो इसे डायबिटीज के मरीजों के फायदेमंद बनाता है. छाछ को बिना शुगर मिलाकर पीने से ज्यादा फायदा होता है.