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इडली बनाने में प्लास्टिक शीट का करते हैं इस्तेमाल? कैंसर का हो सकता है खतरा, अपनाएं ये हेल्दी ऑप्शन्स

कर्नाटक सरकार ने इडली बनाने में प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि प्लास्टिक के उपयोग से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है.

इडली बनाने में प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल पर बैन इडली बनाने में प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल पर बैन
हाइलाइट्स
  • कर्नाटक सरकार ने इडली बनाने में प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल पर बैन लगाया.

  • स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने प्लास्टिक के उपयोग से कैंसर के खतरे की चेतावनी दी

कर्नाटक सरकार ने इडली बनाने में प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कर्नाटक फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की जांच में 52 होटल मिले हैं, जहां पर प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल हो रहा था. इससे पहले भी कर्नाटक सरकार ने आर्टिफिशियल फूड कलर को बैन किया था.

ऐसी इडली खाने से कैंसर का खतरा
कर्नाटक फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम ने राज्यभर में 52 होटलों में इडली बनाने के लिए पॉलीथीन शीट के अवैध इस्तेमाल का खुलासा किया है. जांच में पाया गया कि ऐसी इडली खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा हो सकता है. स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, "प्लास्टिक के उपयोग से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है."

सूती कपड़े की जगह अब प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल
बेंगलुरु के कई इलाकों में इडली तैयार करने के लिए पारंपरिक सूती कपड़े की जगह अब प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा इनमें हानिकारक केमिकल और सिंथेटिक कलर्स का भी इस्तेमाल किया गया है. जांच में यह भी सामने आया कि कुछ दुकानदार और होटलों में इडली बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला चावल और उड़द दाल खराब क्वालिटी का है.

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सरकार की सख्ती
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने साफ कर दिया है कि अगर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया गया तो इडली बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा. उन्होंने कहा, "हमने 251 होटलों से सैंपल इकट्ठा किए थे और जांच में 52 होटलों में प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल पाया गया."

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टिक शीट के उपयोग से इडली में प्लास्टिक की मात्रा बढ़ सकती है, जो हमारी सेहत के लिए बहुत हानिकारक है. इससे पेट में दर्द, ब्लोटिंग, इंडाइजेशन, हार्मोनल इम्बैलेंसेज, इनफर्टिलिटी और कैंसर के रिस्क बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि इडली बनाने के लिए पारंपरिक कपड़े या बनाना लीफ का उपयोग करना चाहिए.

आर्टिफिशियल कलर पर भी बैन लगा
पिछले साल कर्नाटक सरकार ने गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी में यूज़ किए जाने वाले आर्टिफिशियल कलर पर बैन लगा दिया था. गोभी मंचूरियन के 171 सैंपल में से 107 सैंपल में आर्टिफिशियल कलर मिले थे, जबकि कॉटन कैंडी के 25 सैंपल्स में से 15 सैंपल में आर्टिफिशियल कलर पाए गए. सरकार का कहना था कि इन आर्टिफिशियल कलर्स में कैंसर युक्त केमिकल होते हैं जो की शरीर के लिए हानिकारक हैं.

कर्नाटक फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की जांच में इडली बनाने के दौरान लिए गए सैंपल में कुछ मानक पर खरे नहीं पाए गए, जिसका सीधा असर हमारे और आपके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. ऐसे में जरूरी है कि इडली बनाने में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक शीट को लेकर सतर्क हो जाएं और दूसरों को भी सावधान करें.