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What is Water Fasting: 21 दिन में किया 13 KG वजन कम.... जानिए क्या है यह नया वेटलॉस ट्रेंड

वजन कम करने के लिए एक शख्स ने Water Fasting का तरीका अपनाया और इससे उसे अच्छा फायदा भी मिला. इस शख्स ने 21 दिनों में 13 किलो वजन कम करके सबको हैरान कर दिया है.

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आज के जमाने में लोग फिटनेस के प्रति जागरूक हो रहे हैं. वेट मैनेजमेंट के लिए लोग तरह-तरह के डाइट प्लान अपनाते हैं. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कुछ अलग टेक्निक के बारे में, जिसे अपनाकर कोस्टा रिका के एक शख्स ने सिर्फ 21 दिनों में 13 किलो वजन कम किया है. कोस्टा रिका के रहने वाले अदीस मिलर का दावा है कि उन्होंने तीन सप्ताह तक वाटर फास्टिंग करके 13.1 किलोग्राम वजन कम किया. सोशल मीडिया पर मिलर ने अपने अनुभव के बारे में शेयर किया.

अपने अनुभव के बारे में उन्होंने इंस्टाग्राम पर शेयर किया, “21 दिन का जल उपवास (कोई भोजन या नमक नहीं). मैंने 13.1 किलोग्राम (28 पाउंड) वजन कम किया. शरीर की 6 प्रतिशत चर्बी कम हुई."

क्या है Water Fasting 
हेल्थ डॉट कॉम के अनुसार, वाटर फास्टिंग यानी जल उपवास, जिसमें एक सेट टाइम पीरियड के लिए सिर्फ पानी पीते हैं. आमतौर पर यह 24 से 72 घंटे तक की समयावधि के लिए किया जाता है. इस फास्ट में पानी के अलावा और कुछ पीने या खाने की परमिशन नहीं होती है. हालांकि, यह कोई नई अवधारणा नहीं है. इसकी जड़ें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं से जुड़ी हैं. लेकिन कुछ समय से वेट मैनेजमेंट में फास्टिंग के फायदों के देखते हुए दुनियाभर में इसका ट्रेंड चल पड़ा है. 

वाटर फास्टिंग के पीछे की साइंस यह है कि, इस टाइम पीरियड के दौरान, शरीर केटोसिस की स्टेट में जाता है, जहां बॉडी कार्बोहाइड्रेट और शुगर न मिलने के कारण फैट को बर्न करती है, इससे वजन कम होता है. 

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जल उपवास से जुड़े लाभ
फर्स्टपोस्ट के अनुसार, कार्डियोमेटाबोलिक हेल्थ को बढ़ावा देने से लेकर इंसुलिन सेंसटिविटी को बढ़ाने तक, वाटर फास्टिंग कई तरह के फायदे दे सकता है. लेकिन इसे सही से किया जाना चाहिए. 

ब्लड शुगर लेवल्स को बेहतर करना: फास्टिंग इंसुलिन सेंसटिविटी को बढ़ाकर ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है. इससे बॉडी को इंसुलिन को एफिशिएंटिली इस्तेमाल करने की क्षमता में सुधार करने में मदद मिलती है, जो ब्लड शुगर के लेवल को रेगुलेट करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन है. यह प्रीडायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज जैसी स्थितियों में मदद कर सकता है.

बेहतर हार्ट हेल्द: अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिसिन की एक हालिया स्टडी के मुताबिक, कभी-कभार उपवास ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके और पोषण संबंधी कीटोसिस को बढ़ावा देकर दिल की बीमारी से बचा सकता है. जर्नल में एक अन्य शोध इस बात पर बात करता है कि कैसे दिल का दौरा पड़ने के बाद उपवास करने से हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल लेवल, मधुमेह और मोटापे जैसे रिस्की कारकों में सुधार हो सकता है. 

ऑटोफैगी को बढ़ावा दें: इस फास्टिंग के फायदों में से एक ऑटोफैगी नामक प्रक्रिया को शुरू करने की क्षमता है, यह एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें आपकी सेल्स  के पुराने हिस्से टूट जाते हैं और रिसायकल होते हैं. पबमेड पर एक स्टडी के अनुसार, ऑटोफैगी उम्र बढ़ने की प्रोसेस को धीमा करने और लंबी उम्र बढ़ाने में मदद कर सकती है. यह न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर और मेटाबॉलिक बीमारी सहित कई स्थितियों को रोकने में मदद कर सकता है.

कैसे करें वाटर फास्ट 
जल उपवास या वाटर फास्ट को मॉडर्न मेडिसिन में ज्यादा सपोर्ट नहीं दिया गया है, इसलिए इसके लिए कोई आधिकारिक चिकित्सा प्रोटोकॉल नहीं है. हेल्थ डॉट कॉम के अनुसार, लोग शुरुआत में 24-72 घंटे (1-3 दिन) का उपवास कर सकते हैं. आमतौर पर एक दिन के उपवास से शुरुआत की जा सकती है. यह सलाह दी जाती है कि आराम करते समय उपवास शुरू करें और थकाने वाली शारीरिक गतिविधियों से बचें.

व्रत करने से पहले तैयारी करें जैसे आप शुरू करने से पहले कुछ खा लें ताकि आपके लिए ज्यादा मुश्किल न हो. व्रत के दौरान अन्य सभी बेव्रेज और खाने से परहेज करते हुए सिर्फ पानी का सेवन करना चाहिए. जल उपवास के बाद, व्यक्ति को ज्यादा खाना खाने की इच्छा से बचना चाहिए, क्योंकि उपवास के बाद ज्यादा खाना खाना सेहत के लिए ठीक नहीं. 

इससे हो सकते हैं नुकसान
हालांकि, वाटर फास्टिंग वजन घटाने के लिए एक आकर्षक तरीका लग सकता है लेकिन यह हर किसी के लिए नहीं है. बच्चों, 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं और गाउट या इंसुलिन-निर्भर डायबिटीज सहित कुछ हेल्थ- कंडीशन वाले लोगों को जल उपवास से बचना चाहिए.

  • व्रत करने से इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर बिगड़ सकता है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है. इसक लक्षणों में चक्कर आना, मतली, सिरदर्द, कब्ज, ब्लड प्रेशर कम होना और कम प्रोडक्टिविटी शामिल हो सकते हैं. 
  • लंबे समय तक उपवास करने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है क्योंकि शरीर एनर्जी संरक्षित करता है, यह पाचन को भी बाधित कर सकता है, जिससे सूजन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं. 
  • लंबे समय तक जल उपवास करने से मसल्स को नुकसान हो सकता है. पर्याप्त प्रोटीन के सेवन के बिना, शरीर जरूरी अमीनो एसिड लेने के लिए मसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है.