कोरोना वायरस का कहर खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. चीन में बढ़ते मामलों के बाद यह एक बार फिर से देश-दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है. भारत सरकार भी कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी कर चुकी है.ऐसे में हमें भी विशेष सतर्क रहने की जरूरत है. यदि कोरोना के तीन प्रमुख लक्षणों में से एक भी दिखे तो तुरंत चेकअप कराना चाहिए.
गले में खराश
एक रिसर्च के मुताबिक कोरोना होने पर दूसरे लक्षणों की तुलना में गले में खराश सबसे पहले दिखने लगती है. ऐसा इसलिए क्योंकि वायरस गले या नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है, जिससे सबसे पहले ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमित होता है. संक्रमित लोग बीमारी के पहले हफ्ते में इसी लक्षण को महसूस करते हैं. इस कारण लगातार खांसी हो सकती है. इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए, तुरंत कोरोना का टेस्ट करना चाहिए.
बुखार
कोरोना वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है. यदि बुखार अधिक दिनों से है तो तुरंत कोराना का टेस्ट कराना चाहिए.इसके बाद डॉक्टर से इलाज करानी चाहिए.ऐसा नहीं करने पर आपकी जान पर आ सकती है.
गंध और स्वाद का पता नहीं चलना
गंध और स्वाद का पता नहीं चलना कोरोना संक्रमण के अहम लक्षणों में से एक है. अधिकतर लोग संक्रमण के लक्षणों का इसी से पता लगाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि बुखार और खांसी के अलावा यह भी वायरस संक्रमण का महत्वपूर्ण लक्षण है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. एक सर्वे के अनुसार 85 प्रतिशत कोरोना के मरीजों में खांसी, बुखार व गंध और स्वाद का पता नहीं चलने में से कम से कम एक लक्षण देखा जाता है.
सांस लेने में लकलीफ
चीन में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के नए सब-वैरिएंट BF.7 ने तबाही मचा रखी है. भारत में इस वेरिएंट के भी कुछ मामले सामने आ चुके हैं. BF.7 मुख्य रूप से ऊपरी श्वसन संक्रमण का कारण बनता है. इससे संक्रमित होने से सीने के ऊपरी हिस्सों और गले के पास दर्द होता है. इस वैरिएंट से संक्रमित मरीज को गले में खराश, छींक, बहती नाक, बंद नाक की शिकायत हो सकती है. ZOE हेल्थ स्टडी के मुताबिक, गंध की कमी और सांस लेने में लकलीफ होना कोविड-19 के बीएफ-7 वैरिएंट के कॉमन लक्षण हैं. कोरोना के अन्य वैरिएंट में भी यह सबसे कॉमन लक्षण था. एनोस्मिया कोविड-19 का एक मुख्य संकेत हुआ करता था लेकिन जिन लोगों को कोविड हो रहा है उनमें से सिर्फ 16 प्रतिशत लोग ही इसे अनुभव कर रहे हैं.
कोविड-19 कैसे फैलता है?
किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 उन लोगों से हो सकता है जिनमें इस वायरस का संक्रमण है. जब कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति खांसता, छीकता है या सांस छोड़ता है तो उसके नाक या मुंह से निकली छोटी बूंदों से यह रोग दूसरे में फैल सकता है. ये नन्ही बूंदें उस व्यक्ति के आस-पास की दूसरी चीजों और सतहों पर भी गिर सकती हैं. दूसरा व्यक्ति उस सामान या सतह के संपर्क में आने के बाद यदि अपने मुंह, नाक या आंख को टच करता है तो वह कोविड-19 से संक्रमित हो सकता है. लोग संक्रमित व्यक्ति के खांसने या सांस छोड़ने से निकली बूंदों को सांस के जरिए अंदर लेने से भी संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि बीमार व्यक्ति से 3-6 फीट या 1-2 मीटर दूर रहा जाए.
क्रिसमस और नए साल के जश्न मनाने के दौरान बरतें सतर्कता
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिलेवार समीक्षा रिपोर्ट का हवाला देते हुए राज्यों से कहा है कि आगामी क्रिसमस और नए साल के जश्न में कोविड सतर्कता नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है. अगले एक सप्ताह में शिमला, मनाली, नैनीताल जैसे शहरों में पर्यटकों की भीड़ बढ़ सकती है. शिमला में इस समय कोरोना की संक्रमण दर दो से तीन फीसदी के बीच है, जबकि नैनीताल में यह चार फीसदी तक है.गोवा के दक्षिण और उत्तरी क्षेत्र में यह दर एक से दो फीसदी के बीच है, लेकिन आशंका है कि अगले कुछ दिन में यहां संक्रमण बढ़ भी सकता है. ऐसे में सख्ती बरतना बहुत जरूरी है.