पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक से लेकर काफी लोग कंफ्यूज रहते हैं. वे समझ नहीं पाते हैं कि इन दोनों में क्या फर्क है. इन दोनों में ही दिल की धड़कन का बढ़ना, रुक-रुककर सांस आना, अचानक से घबराहट होना जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं. हालांकि, ये दोनों ही अलग हैं और इनके होने के कारण भी. जैसे पैनिक अटैक को एंग्जायटी अटैक से ज्यादा खतरनाक माना जाता है, क्योंकि ये बिना किसी ट्रिगर के आता है. जबकि एंग्जायटी अटैक में रोगी को बेचैनी होने लगती है, डर लगने लगता है और अचानक से पसीना आने लगता है. इसका कारण ये भी है कि इन दोनों के लक्षण कुछ-कुछ एक जैसे ही होते हैं.
पैनिक अटैक के लक्षण और साइन क्या हैं?
वैसे तो पैनिक अटैक का समय 5 से 20 मिनट होता है लेकिन कई बार ये लगातार आ सकता है, जिससे ऐसा लगता है कि अटैक ज्यादा समय तक चल रहा है. इसके लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं-
1. अचानक हार्ट रेट बढ़ जाना
2. छाती में दर्द
3. चक्कर आना या हल्कापन महसूस होना
4. गर्मी लगना या ठंड लगना
5. जी मिचलाना
6. हाथ पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी
7. कंपन
8. सांस लेने में कठिनाई
9. पेट दर्द
10. पसीना आना
एंग्जायटी अटैक क्या है?
जैसे पैनिक अटैक अचानक से आता है, उससे उलट एंग्जायटी धीरे धीरे और लंबे समय तक चलने वाला अटैक है. एंग्जायटी अटैक के लक्षण कुछ मिनटों या घंटों में समझ आने लगते हैं. ये पैनिक अटैक की तुलना में आम तौर पर कम खतरनाक होता है. इतना ही नहीं बल्कि पैनिक अटैक के लक्षण एंग्जायटी के लक्षणों से ज्यादा समय तक बने रह सकते हैं. ये वे दिनों, हफ्तों या महीनों तक बने रह सकते हैं.
इसके लक्षण हैं-
1. घबराहट
2. चिड़चिड़ापन
3. दिल जोर-जोर से धड़कना
3. तेजी से सांस लेने लगना
4. पसीना आना
5. डर लगने लगना
5. फोकस करने में मुश्किल आना
6. नींद आने में दिक्कत
क्यों आता है पैनिक अटैक या एंग्जायटी अटैक?
मेडिकल की दुनिया में अभी भी पैनिक और एंग्जायटी अटैक के असल कारणों का पता नहीं लग पाया है. इसके लिए जेनेटिक, मेडिकल या बाहरी फैक्टर्स बड़ा कारण हो सकते हैं. इन दोनों अटैक की बात करें तो इसके कई कारण हो सकते हैं-
1. आसपास होने वाला तनाव
2. शराब या नशीली दवाओं का सेवन
3. क्रोनिक स्थिति
4. दवा के साइड इफेक्ट
5. किसी चीज का फोबिया/डर
6. कैफीन का ज्यादा इस्तेमाल
इससे कैसे बचा जा सकता है?
1. स्ट्रेस को मैनेज करके इससे बचा जा सकता है.
2. शराब और कैफीन का सेवन सीमित करें.
3. स्वस्थ और संतुलित आहार लें.
4. रात में 8 घंटे सोएं
5. ध्यान, योग या गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करें
पैनिक या एंग्जायटी अटैक के दौरान क्या करें?
1. पैनिक या एंग्जाइटी अटैक के लक्षण बेहद भयावह हो सकते हैं. इस स्थिति को स्वीकार करें और यह याद रखें कि ये लक्षण जल्द ही खत्म हो जाएंगे. इससे आपकी चिंता और डर कम होगा.
2. सांस लेने में मुश्किल आना इन हमलों के सबसे आम और खतरनाक लक्षणों में से एक है. सांस को नियंत्रित करने की तकनीक सीखने से अटैक के दौरान मदद मिल सकती है.
3. रिलैक्सेशन के तरीके, जैसे कि प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन और गाइडेड इमेजरी, घबराहट और एंग्जायटी को कम कर सकते हैं.
(नोट: यहां बताई गई सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. कुछ भी अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें)