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सोने से भी आ रही है नेगेटिविटी? कहीं गलत दिशा में तो नहीं सो रहे हैं आप..... जानें वास्तु के हिसाब से सोने की सही दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व या दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोना सेहत के नजरिये से काफी महत्वपूर्ण है. वहीं, अगर इससे उलट दिशा में यानी अगर अगर हम दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोते हैं तो ये हमारी सेहत पर प्रभाव डालती है. हम जीवन में नेगेटिव हो जाते हैं.

सोने की सही दिशा सोने की सही दिशा
हाइलाइट्स
  • पूर्व दिशा होती है देवताओं की दिशा

  • पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के भीतर चुंबकीय शक्ति होती है

क्या आप जानते हैं कि केवल आसपास से ही नहीं बल्कि सोने से भी नेगेटिविटी आ सकती है? जी हां, गलत दिशा में सोने से भी हम नेगेटिविटी के शिकार हो सकते हैं, जिसकी वजह से हम पूरा दिन उदास हो सकते हैं. दरअसल, हम अपने घरों में बिस्तर के हिसाब से ही कैसे भी अपनी सुविधा के हिसाब से सो जाते हैं. कुछ समय बाद यही, गलत दिशा में सोना हमारी परेशानी का कारण बन जाता है. हम घंटों-घंटों सोने के बाद भी फ्रेश महसूस करने की बजाय थका हुआ महसूस करने लग जाते हैं.

वास्तु शास्त्र में बताए गए हैं कई तरीके 

लेकिन वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे तरीके बताये गये हैं, जिन्हें अपनाने से आप आसानी से अपने उदास मन और नेगेटिव विचारों से निजात पा सकते हैं. वास्तु के हिसाब से दिशा का बहुत महत्व है. आपका बिस्तर आपका घर, आपका कमरा किस दिशा में है का इसका प्रभाव आपके मूड और स्वास्थ्य पर पड़ता है. 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व या दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोना सेहत के नजरिये से काफी महत्वपूर्ण है. वहीं, अगर इससे उलट दिशा में यानी अगर अगर हम दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोते हैं तो ये हमारी सेहत पर प्रभाव डालती है. हम जीवन में नेगेटिव हो जाते हैं.

पूर्व दिशा होती है देवताओं की दिशा 

आपको बता दें, हिंदू धर्म ग्रंथों में दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा बताया गया है. वहीं पूर्व दिशा को देवताओं की. इसलिए इन दोनों दिशाओं की तरफ अगर कोई पैर रखकर सोता है तो इसका प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है. 

विज्ञान की नजर से कौन-सी है सोने की सही दिशा 

दरअसल, केवल वास्तु शास्त्र ही नहीं बल्कि हमारा विज्ञान भी यही कहता है. गौरतलब है कि पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के भीतर चुंबकीय शक्ति (Magnetic power) होती है. 

साथ ही, अगर मानव शरीर की संरचना के हिसाब से देखें, तो सर को उत्तर दिशा और पैरों को दक्षिण दिशा माना जाता है. इसे इस तरह से लिया जाता है, कि जब हम उत्तर दिशा की तरफ सिर और दक्षिण दिशा की ओर पांव रखकर सोते हैं तो ये पोजीशन प्रतिरोधक का काम करती है. चुंबकीय शक्ति के सिद्धांत के मुताबिक, विपरीत दिशाएं एक-दूसरे को आकर्षित (Attract) करती हैं और समान दिशाएं प्रतिरोधक  (Repel), जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य और दिमाग पर पड़ता है और हम उदास, सुस्त और परेशान सा महसूस करते हैं. 

यह माना गया है कि दक्षिण दिशा की ओर पैर रखकर सोने से व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा खत्म होती है।. इससे सुबह उठने पर अजीब सी थकावट महसूस होती है, जबकि दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर सिर रखकर सोया जाए तो सुबह तरोताजा महसूस किया जा सकता है।