हाल की खबरों में, तमिलनाडु में एक लड़के का 'स्मोकिंग बिस्किट' खाने वाला वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें लड़का लिक्विड नाइट्रोजन बिस्किट खाते ही दर्द से चिल्लाने लगता है. इसके बाद से ही खाने की चीजों में लिक्विड नाइट्रोजन के उपयोग और उसके नुकसान को लेकर चिंताएं बढ़ गईं हैं. अब लगातार इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह कितनी सेफ है?
लिक्विड नाइट्रोजन क्या है?
लिक्विड नाइट्रोजन बिना रंग और बिना किसी सूंघ वाला क्रायोजेनिक लिक्विड है. इसका तापमान -196 डिग्री सेल्सियस के आसपास बेहद कम होता है. इसे इंडस्ट्रियल और मेडिकल एप्लिकेशन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. लिक्विड नाइट्रोजन के अलग-अलग उपयोग हैं. जैसे- मरम्मत के लिए पाइपों को फ्रीज करना, इलेक्ट्रॉनिक चीजों को बनाना, स्पर्म बैंकों में सीमन को स्टोर करना और यहां तक कि क्रायोथेरेपी के माध्यम से कैंसर जैसी कुछ चिकित्सीय स्थितियों का इलाज करना शामिल है.
खाद्य उद्योग में, लिक्विड नाइट्रोजन का उपयोग सब्जियों और पशु उत्पादों को स्टोर करने के लिए डीप-फ्रीजिंग के लिए किया जाता है. इसका उपयोग रेस्टोरेंट में विजुअल इफेक्ट और अलग-अलग डिश की प्रेजेंटेशन को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है.
लिक्विड नाइट्रोजन पहुंचाता है सेहत को नुकसान
जहां लिक्विड नाइट्रोजन के कई फायदे हैं, वहीं इसके नुकसान भी कम नहीं हैं. लिक्विड नाइट्रोजन के सीधे संपर्क में आने पर चोटें, जलन और यहां तक कि अंगों में छेद भी हो सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लिक्विड नाइट्रोजन की ठंड होंठ, जीभ, गले, फेफड़े और पेट को नुकसान पहुंचा सकती है. गंभीर मामलों में, यह बेहोशी का कारण बन सकता है या घातक भी साबित हो सकता है.
लिक्विड नाइट्रोजन को कैसे करें मैनेज
लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल करते हुए कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है. उचित वेंटिलेशन और ट्रेनिंग इसके लिए अहम है. खासकर रेस्टोरेंट किचन और होटलों में जहां इसका उपयोग किया जाता है. मैकेनिकल रेफ्रिजरेशन या CO2 के साथ क्रायोजेनिक फ्रीजिंग तरीकों को सुरक्षित विकल्प माना जा सकता है.
इसकी खतरनाक प्रकृति के कारण केवल ट्रेन्ड प्रोफेशनल, जैसे डॉक्टरों, को ही लिक्विड नाइट्रोजन का मैनेजमेंट करना चाहिए. हेल्थ को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए इसके उपयोग से पहले लिक्विड नाइट्रोजन को खाने से पूरी तरह से उड़ जाने दिया जाए.