Long Covid Symptoms: कोविड-19 का प्रकोप अभी भी जारी है हालांकि मामले पहले की तरह नहीं आ रहे हैं. कोरोना केस में गिरावट दर्ज की गई है. इसीलिए लोगों को लगातार कहा जा रहा है कि वे अभी भी लापरवाही न बरतें बल्कि सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें. जो लोग कोरोना से उबर गए हैं उनमें अभी भी कुछ समस्याएं और कमजोर इम्म्यून सिस्टम की परेशानी देखी जा रही है. इन्हें हमने लॉन्ग कोविड का नाम दिया है. हालांकि, हर इंसान में लॉन्ग कोविड से ठीक होने का समय अलग-अलग है.
कई दिनों तक रह सकते हैं लॉन्ग कोविड सिम्पटम्स
डॉक्टरों के मुताबिक, आपका लॉन्ग कोविड किनी जल्दी ठीक हो रहा है ये इसपर निर्भर करता है कि आपको कितना गंभीर कोरोना वायरस हुआ था. शोधकर्ताओं ने पाया है कि कई लोग जिन्हें शुरू में हल्के लक्षणों का सामना करना पड़ रहा था वे भी लंबे समय तक चलने वाली समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
हालांकि, कई लॉन्ग कोविड सिम्पटम्स हैं जो लोगों को कोरोना से ठीक होने के बाद हो सकते हैं. इनमें सबसे आम है ज्यादा थकान होना.
लॉन्ग कोविड से होने वाली थकान की पहचान कैसे करें?
बहुत से लोग व्यायाम के बाद या लंबे समय तक एकाग्र रहने के बाद थकान महसूस करते हैं. हालांकि, कभी-कभी थकान इस तरह की होती है जो नॉर्मल नहीं लगती. आराम और अच्छी नींद के बावजूद भी लॉन्ग कोविड से होने वाली इस थकान को आप महसूस कर सकते हैं. इससे आप पूरा दिन सुस्त महसूस कर सकते हैं. और किसी भी काम पर ध्यान लगाने में आपको परेशानी हो सकती है.
कब दिखाएं डॉक्टर को?
वायरल इन्फेक्शन जैसे कोविड आदि के बाद थकान महसूस करना आम बात है. आमतौर पर संक्रमण के दो या तीन सप्ताह के बाद ये ठीक हो जाती है. ऐसे में आपको तब अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए जब आपको लगे की आपकी ये थकान कम होने के बजाय और भी ज्यादा बढ़ रही है. अगर ये संक्रमण से ठीक होने के चार हफ्ते बाद भी ऐसी ही है तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए. थकान बढ़ने के साथ-साथ, लोग कभी-कभी कई अन्य लक्षणों का अनुभव करते हैं जो शारीरिक तनाव के बाद बिगड़ सकते हैं. इसमें ब्रेन फॉग, मांसपेशियों में दर्द या सिरदर्द शामिल हैं. डॉक्टर्स इन्हें पोस्ट एक्सटर्नल लक्षण कहते हैं.
हालांकि ये अपने आप में खतरनाक नहीं हैं लेकिन आपके जीवन की गुणवत्ता और रोजमर्रा की गतिविधियों को प्रभावित कर सकते हैं. अगर आप किसी दूसरी वजह से थकान महसूस कर रहे हैं तो डॉक्टर इसे पहचानने में आपकी मदद कर सकते हैं. बहुत से ऐसे लोग जो कोरोनावायरस से उबर चुके हैं, उनमें बाद में क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome) विकसित हो सकता है.
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम क्या है?
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम एक काम्प्लेक्स बीमारी है. जिससे मरीज को ज्यादा थकान होने लगती है और फिर उसकी फिजिकल और मानसिक गतिविधियों पर फर्क पड़ता है. क्रोनिक फटीग सिंड्रोम अक्सर कोविड-19 जैसे इनफेक्शन से शुरू होता है. और फिर ये धीरे धीरे व्यक्ति को प्रभावित करता है. यह बीमारी बच्चों को भी प्रभावित कर सकती है. इस सिंड्रोम का सबसे आम लक्षण बहुत ज्यादा थकान महसूस करना है. ये बीमारी महिलाओं में काफी आम है.