गठिया रोगियों को अक्सर अपने वजन के साथ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. बता दें, जिस व्यक्ति को अपने जोड़ों में सूजन का अनुभव होता है या उससे अकड़न और दर्द होता है, ये गठिया के लक्षण होते हैं. अगर देखभाल न की जाए तो यह स्थिति अक्सर उम्र के साथ बिगड़ती जाती है. दुनिया भर में ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) के मामले बढ़ रहे हैं. हालांकि, यूं तो जोड़ों में उम्र के साथ ये समस्या आती है लेकिन गठिया किसी ऐसे व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है जो मोटापे से ग्रस्त है. एक व्यक्ति जिसे ऑस्टियोआर्थराइटिस है और उसका वजन ज्यादा है तो उसमें जोड़ों की समस्या गंभीर रूप ले सकती है.
मोटापे से हो सकती है ज्यादा समस्या
बैंगलोर में एस्टर सीएमआई अस्पताल में डॉ. चेतना डी इंडिया टुडे के हवाले से कहती हैं कि मोटापा और एडिपोज टिश्यू जिन्हें हम फैट सेल भी कहते हैं, वे साइटोकिन्स या प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स नामक कुछ केमिकल पैदा करती हैं. ये हमारे शरीर में मोटापा पैदा कर सकते हैं जो जोड़ों में अधिक समस्याएं पैदा करते हैं.
डॉ. चेतना कहती हैं, "साइटोकिन्स प्रोटीन जोड़ों में सूजन को बढ़ाते हैं. रुमेटोइड गठिया रोगी जितना अधिक मोटा होता है, शरीर में IL6 और अन्य साइटोकिन्स का लेवल इतना ही ज्यादा होंगा. इससे जोड़ों में अतिरिक्त सूजन और अधिक क्षति के साथ समस्या हो सकती है.”
मोटापे को कंट्रोल करना जरूरी
ऐसे लोगों को दवा देने में भी आती से परेशानी
डॉ. चेतना कहती हैं, "मेथोट्रेक्सेट और लेफ्लूनोमाइड जैसी कई दवाओं का लिवर पर असर पड़ता है. इसलिए हम इन दवाओं को निर्धारित करते समय लगातार लिवर और एंजाइम की निगरानी करते हैं. मोटे होने के कारण, जो रोगी मोटे होते हैं उनका लिवर खराब हो जाता है और उसके ऊपर, इन दवाओं का उपयोग करना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसलिए, गठिया में सुधार के लिए मोटापे को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है."
कैसे गठिया रोगी वजन कम कर सकते हैं?
रिपोर्ट में कहा गया कि गठिया रोगी वजन कम करने के लिए व्यायाम और अपनी डाइट ठीक कर सकते हैं. डॉ. चेतना कहती हैं, "एक बहुत मोटे ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले व्यक्ति को घुटनों में दर्द होता है, उसे दौड़ने और जॉग और साइकिल चलाने की सलाह नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इससे दर्द और जोड़ों पर तनाव बढ़ जाएगा. वे कुछ एरोबिक एक्टिविटी कर सकते हैं जो वजन कम करने में उनकी मदद कर सकती हैं.” आगे डॉ. चेतना कहती हैं कि वे ऑन-द-स्पॉट साइकिलिंग और कुछ इनडोर स्वीमिंग या क्रॉस-ट्रेनिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं.