आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव होना काफी नॉर्मल हो गया है. और तो और स्ट्रेस अब हमारी आम जिंदगी का हिस्सा बन गया है. स्ट्रेस को एक नेगेटिव शब्द से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन आपको हैरानी होगी कि स्ट्रेस भी अच्छा होता है. जी हां, जॉर्जिया यूनिवर्सिटी में युथ डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट के एक हालिया शोध से पता चलता है कि आपके ऑफिस की तरफ से मिल रही वर्क डेडलाइन आपके दिमाग के लिए फायदेमंद हो सकती हैं.
मेंटल हेल्थ के लिए होता है अच्छा
साइकिएट्री रिसर्च के मुताबिक, कम लेवल का स्ट्रेस आपको किसी भी तरह के मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर से बचाता है. इसके अलावा भविष्य में होने वाली तनावपूर्ण घटनाओं से निपटने के लिए आपको पहले से ही तैयार करता है.
स्टडी के प्रमुख लेखक और कॉलेज ऑफ फैमिली एंड कंज्यूमर साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर असफ ओश्री ने इसके बारे में कहते हैं, "अगर आप ऐसे माहौल में रहते हैं जहां आपको कुछ लेवल का स्ट्रेस है तो आप इससे लड़ने या इससे डील करने का एक मैकेनिज्म अपना लेते हैं जो बाद में आपके काम आता है.”
1200 युवाओं को किया गया शामिल
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि स्ट्रेस जो महत्वपूर्ण चीजों जैसे एग्जाम के समय में होने वाला तनाव, किसी मीटिंग से पहले जो स्ट्रेस होता है वो, या किसी नौकरी की तैयारी से पहले होने वाला स्ट्रेस आपके लिए फायदेमंद होता है. यह आपके काम करने के तरीके को और बेहतर बना सकता है.
बता दें, इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने 1,200 से अधिक युवाओं को शामिल किया. इसमें विश्लेषण किया गया कि अनियंत्रित और तनावपूर्ण लोग अपने जीवन को कैसे जी पाते हैं. इसमें लोगों से कुछ सवाल जवाब किये गए थे.
अच्छे तनाव के बारे में आपको क्या जानने की जरूरत है?
असोसिएट प्रोफेसर असफ ओश्री के मुताबिक, ज्यादा स्ट्रेस और सही मात्रा वाले स्ट्रेस में एक बहुत ही पतली सी लाइन होती है, जो इन दोनों को अलग करती है. असफ कहते हैं, “ये ठीक इस तरह है जैसे आप जब कुछ मुश्किल काम अपने हाथ से करते हैं तो उससे आपकी स्किन दबती है, लेकिन कुछ समय में आपकी स्किन उस प्रेशर को अपना लेती है. वहीं, अगर आप अपनी स्किन को थोड़ा और ट्रिगर करते हैं तो इससे उंगली कट भी सकती है. बस अच्छी मात्रा वाला स्ट्रेस भी ठीक इसी तरह काम करता है.”
हालांकि, दूसरी तरफ, बहुत ज्यादा स्ट्रेस के बारे में सतर्क रहना भी उतना ही जरूरी है. ऐसे कई अन्य कारक हैं जो हमारे शरीर और दिमाग को बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं. ऐसे में इस बात को लेकर जागरूक रहना बहुत जरूरी है.