उत्तर प्रदेश में म्युनिसिपल स्कूल में के बच्चों के सेहत के बारे में जानना अब आसान होगा. देश में पहली बार लखनऊ में Digital Health Report Card बनाने की योजना की शुरुआत हो चुकी है. अब इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी. इसके बाद दूसरे स्मार्ट सिटीज में इसकी शुरुआत की जाएगी.
बच्चों के स्वास्थ्य की पूरी जानकारी मौजूद
लखनऊ के म्युनिसिपल स्कूल में छात्राओं के पास डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड (Digital Health Report Card) है. ये अपनी तरह का ऐसा पहला रिपोर्ट कार्ड है जिससे इन बच्चों के स्वास्थ्य की पूरी जानकारी मिल सकती है. अब लखनऊ के स्कूल में एकेडमिक रिपोर्ट कार्ड की जगह हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाया जा रहा है. पहले बच्चों को उनके दांत की समस्या के लिए डेंटिस्ट देख रहे हैं, उसके बाद उनकी आंखों का टेस्ट हो रहा है. यही नहीं मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनोवैज्ञानिक देख रही हैं. ये वो हेल्थ पैरामीटर हैं जिन पर बच्चों की प्रगति देख कर उनके हेल्थ रिपोर्ट कार्ड में वो दर्ज किया जा रहा है और क्या करना है ये भी बताया जा रहा है.
2023 में शुरू हुआ था ये प्रोजेक्ट
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार के नगर निगम के स्कूलों के बच्चों को इसका लाभ देने की घोषणा 2023 में की थी. उसके बाद लखनऊ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Lucknow smart city project) के तहत लखनऊ के 3 स्कूलों में इसका पाइलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया. शुरू में पेरेंट्स को डिजिटल हेल्थ कार्ड का आइडिया समझ में नहीं आया. बाद में उन्हें इस बारे में समझाया गया, अब ये सफलता से चल रहा है. पहली बार इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी. जिसके बाद यूपी के दूसरे स्मार्ट सिटीज़ के नगर निगम के स्कूलों के बच्चों के लिए ये लागू हो सकता है.
QR code के जरिए मिलती है सारी जानकारी
छात्रों के एकेडमिक रिपोर्ट कार्ड की तर्ज़ पर हर बच्चे का हेल्थ रिपोर्ट कार्ड तो होता ही है पर इसकी सबसे खास बात ये है कि इसका डेटा फीड कर 'डिजिटल कार्ड' भी बनाया जा रहा है. यानि किसी भी छात्र का स्वास्थ्य कैसा है? उसके QR code से स्कैन करके देखा जा सकता है. दावा है कि ये अपनी तरह का पहला प्रयोग है.
दूसरे स्मार्ट सिटीज में लागू हो सकता है
अभी लखनऊ के 2000 छात्रों को इसका लाभ मिल रहा है. स्कूल की प्रिन्सिपल और अभिभावक भी कहते हैं कि ये 'रिपोर्ट कार्ड' जरूरी है, जिससे न सिर्फ छात्रों के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी बल्कि आसानी से इलाज भी हो सकेगा. लखनऊ में इस योजना की सफलता के बाद दूसरे स्मार्ट सिटीज में भी ये लागू हो सकता है.