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जन्म से ही कूबड़ की समस्या से जूझ रहे युवक को मिली नई जिंदगी, 11 घंटे तक सर्जरी कर डॉक्टरों ने किया ठीक

लखनऊ के एरा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक युवक को नया जीवन मिला है. 23 साल का युवक बचपन से ही अपनी पीठ पर कूबड़ से परेशान था. लेकिन अब सर्जरी के बाद वह सामान्य जीवन जी सकता है.

Respresentational Picture (Image: Unsplash) Respresentational Picture (Image: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • कंजनाइटल काइपोसिस नामक बीमारी से पीड़ित था युवक

  • 11 घंटे तक चली सर्जरी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित एरा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने एक कारनामा करके दिखाया है. अस्पताल में एक बहुत ही खास सर्जरी की गई है. दरअसल, आगरा का रहने वाला एक 23 वर्षीय युवक जन्म से ही पीठ पर निकले कूबड़ की समस्या से जूझ रहा था. लेकिन इस अस्पताल में उसे एक नया जीवन दिया गया है. 

सर्जरी के बाद अब नौजवान युवक झुक कर नहीं बल्कि आम इंसान की तरह सीधे खड़े होकर चलने फिरने लगा है. इस सर्जरी के बारे में अस्पताल के सर्जन से बात की गई. 

कंजनाइटल काइपोसिस है बिमारी का नाम
एरा मेडिकल कॉलेज के स्पाइन सर्जन डॉक्टर अभिनव श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज कंजनाइटल काइपोसिस नामक बीमारी से जूझ रहा था. इस बीमारी में व्यक्ति की पीठ पर कूबड़ निकल आता है, जिससे उसे चलने-फिरने और खेलने-कूदने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिस कारण वह आम इंसान की तरह अपना जीवन नहीं जी पाता है. 

डॉ अभिनव ने बताया कि यह युवक दिल्ली तक के बड़े-बड़े डॉक्टरों और चिकित्सा संस्थानों को दिखा चुका था. लेकिन उसका इलाज नहीं हो पाया. ऐसी स्थिति में जब वह एरा मेडिकल आया तो उसे ऑपरेशन की सलाह दी गई. और फिर वह विगत 12 जुलाई को भर्ती हो गया. डॉ अभिनव ने बताया कि भर्ती के बाद जरूरी जांचों को किया गया और युवक की रिपोर्ट देखी गई. फिर इसके बाद सर्जरी करने का फैसला लिया गया. जिसमें युवक और उसके परिजनों ने भी सहमति जताई. 

11 घंटे चली सर्जरी 
डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि स्पाइन की सर्जरी 11 घंटे तक चली. रीढ़ के ऑपरेशन में काफी सावधानियां बरतनी होती है क्योंकि ऑपरेशन के दौरान लकवा मारने का भी डर बना रहता है और ऐसे में लकवा से बचने के लिए मरीज के पैरों में न्यूरो मॉनिटर लगाया गया. ताकि नसों पर अधिक खिंचाव ना आए. 

डॉ अभिनव ने आगे बताया कि सर्जरी के दौरान रीड की हड्डी के निचले हिस्से से 10 से 11 हड्डियों को काटकर हटाया गया और उसके स्थान पर एक जाल लगाया गया. इस जाल को हड्डियों से पूरी तरीके से सील कर दिया गया था ताकि जाल पूरी तरीके से भरा रहे, कहीं गैप ना रहे. ऐसी स्थिति में कुछ समय में यह हड्डियां सामान हड्डियों की तरह हो जाएंगी और उसी रूप में ढल जाएंगी.

सामान्य जीवन जी सकता है युवक
स्पाइन सर्जन अभिनव बताते हैं कि कंजनाइटल काइपोसिस बीमारी से जूझ रहे मरीज की हड्डी आगे की ओर झुकी हुई थी. जिसके चलते मरीज के सीने की नसों पर दबाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था और पैरों में कमजोरी भी लगातार बढ़ती जा रही थी. कमजोर पैरों की वजह से उसका चलना फिरना औऱ सीधे खड़े रहना मुश्किल हो गया था. 

ऐसी स्थिति में मरीज का ऑपरेशन कर स्पाइन की हड्डियों को काटकर हटा दिया गया और एक हड्डियों से भरा जाल लगा दिया गया. अब मरीज की स्पाइन बोन को सीधा कर दिया गया है. जिसके चलते मरीज अब समान लोगों की तरह खड़ा होने लगा है. डॉ श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि 3 माह बाद युवक सामान्य व्यक्तियों की तरह खेलकूद भी कर सकता है. 

(सत्यम मिश्रा की रिपोर्ट)