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Macular degeneration: 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में गंभीर बीमारी, जानिए इसके कारण और रोकने के उपाय

मैक्यूलर डिजनरेशन 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में गंभीर बीमारी की तरह उभर रही है. इसमें उनकी देखने की शक्ति कमजोर हो जाती है.

Macular degeneration Macular degeneration
हाइलाइट्स
  • मैक्यूलर डिजनरेशन को दूर रखने के लिए हरी सब्जियों का करें सेवन

  • धूम्रपान करना कर दें बंद

हमारी आंख शरीर का सबसे नाजुक अंग होता है. जिसकी देखरेख हमें बहुत ही सावधानी से करना चाहिए. आंख के रेटिना के बीच में पाया जाने वाले को मैक्युला कहते है. जो उम्र घटने के साथ ही यह कमजोर होने लगती है. जिसके चलते मैक्युला समय के साथ खराब भी हो सकती है. जिसके खराब होने पर सीधा प्रभाव हमारी आँखों की देखने की शक्ति पर पड़ता है. वहीं यह समस्या 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में गंभीर, अपरिवर्तनीय दृष्टि हानि देखने को मिलती है. 

कारण
आंखों के जल्द खराब होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है. धूम्रपान आपके इलाज पर काफी असर डालता है. इसके साथ ही यह आपके आंखों पर भी काफी प्रभाव डालता है. आंखों की देखने की क्षमता बेहतर रखने के लिए धूम्रपान करने वालों को जल्द ही इसे बंद कर देना चाहिए.

उपाय
मैक्युला की क्षति को रोकने के लिए हम आपको कुछ उपाय बता रहे हैं. जिससे आपकी आंखों की देखने की क्षमता हमेशा बरकरार रहेगी. 
छोड़ दें धूम्रपान-  धूम्रपान करने वाले लोगों में AMD दोगुनी गति से बढ़ता है. इसके साथ ही यह आपके सेहत पर भी काफी असर डालता है. वहीं यह आपके आंखों के ऊपर भी प्रभाव डालता है. जिसके चलते आपके रेटिना के मैक्युला भी खराब होते है. जिससे आपकी देखने की क्षमता कमजोर होती है. इसलिए धूम्रपान करने वालों को इसे छोड़ देना चाहिए. 

हरी सब्जियों का करें सेवन- रेटिना के मैक्युला को बेहतर रखने के लिए हरी सब्जियों का सेवन करें. हरी सब्जियों में सबसे ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट विटामिन पाया जाता है. जो आंखों के लिए काफी फायदेमंद होती है. अपने भोजन में आप पालक, केला, अंडे की जर्दी, पीला मकई, नारंगी या पीली मिर्च, केल, ब्रोकोली, पालक, कीवी, अंगूर, तोरी और स्क्वैश के साथ ही वसा युक्त मछली जैसे सैल्मन, सार्डिन, ट्यूना या मैकेरल को शामिल कर सकते है. 

लें सकते हैं सप्लीमेंट- आप मल्टीविटामिन लेने पर विचार कर सकते है. वहीं इसे लेने के लिए आपको डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें. मल्टीविटामिन लेना उपचार या इलाज नहीं है लेकिन यह एएमडी के अधिक गंभीर जोखिमों को कम कर सकते है. 

धुप में निकलने पर लगाए सनग्लासेस- सूरज की किरणों में पाई जाने वाली पराबैंगनी किरणें आपकी आँखों पर ज्यादा असर डाल सकती है. जिससे आपके आँखों के देखने की शक्ति पर असर पड़ता है. ऐसा होने से आँखों को बचाने के लिए आपको धूप में  निकलने पर यूवी और नीली रोशनी से सुरक्षा प्रदान करते वाले चश्मों का इस्तेमाल करना चाहिए. वहीं अमेरिका मैकुलर डिजनरेशन फाउंडेशन "यूवी 400" लेबल के चश्मे पहनने की सलाह देता है. 

ब्लड प्रेशर रखें मेंटेन- हाई ब्लड प्रेशर के चलते भी आपकी अकणों पर असर पड़ता है. दरअसल हाई ब्लड प्रेशर के चलते रक्त का परिसंचरण भी आँखों में रक्त के प्रवाह को प्रबंधित कर सकता है. ब्लड प्रेशर ठीक रहने से आपकी आंखें भी बेहतर रहती है.