मेडिकल साइंस काफी आगे बढ़ चुका है और इसी के परिणाम हैं कि आज हम कई बड़े और अहम शोध कर पा रहे हैं. ये कुछ ऐसे रिजल्ट्स हैं जो कई सालों पहले लगभग नामुमकिन से लगते थे. मध्य प्रदेश के इंदौर में डॉक्टरों ने एक ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है. यहां एक 52 वर्षीय ब्रेन डेड महिला के हाथ मुंबई की एक किशोर लड़की को ट्रांसप्लांटेशन के लिए डोनेट किए गए.
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि यह अपने आप में पहला ऐसा मामला है और अंगदान के क्षेत्र में ये क्रांति ला सकता है. उन्होंने बताया कि महिला के परिवार ने उसकी स्किन, आंखें, फेफड़े, लीवर और किडनी दान करने की सहमति दे दी है. इंदौर निवासी विनीता खजांची को 13 जनवरी की सुबह मस्तिष्क की गंभीर बीमारी के बाद इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और दो दिन बाद उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था.
लड़की को लगाए जाएंगे हाथ
इंदौर सोसाइटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के सचिव डॉ. संजय दीक्षित ने बताया, "राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब ब्रेन डेड व्यक्ति के दोनों हाथ दान किए गए हैं. यह अंगदान के क्षेत्र में एक क्रांति की तरह है." उनका संगठन अंग दान की सुविधा के लिए प्रयास करता है. डॉ दीक्षित, जो राजकीय महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के डीन भी हैं, ने कहा कि खजांची के हाथ विशेष विमान से सोमवार को मुंबई भेजे गए थे. उन्होंने बताया कि 18 वर्षीय लड़की जन्म के समय ही बिना लिंब्स के पैदा हुई थी. अब एक निजी अस्पताल में प्रत्यारोपण के माध्यम से उसे हाथ लगाए जाएंगे.
खजांची की दो बेटियां हैं और उनके पति सुनील ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करते हैं. उनकी बड़ी बेटी निरिहा ने कहा, "मेरी मां के दिल में लड़कियों के लिए हमेशा एक खास जगह रही है. ये संयोग ही है कि उनकी मौत के बाद उनके दोनों हाथ एक 18 साल की लड़की में ट्रांसप्लांट किए जाने वाले हैं."
अंगदान को देना है बढ़ावा
अंगदान को बढ़ावा देने वाले एक एनजीओ मुस्कान ग्रुप के एक स्वयंसेवक संदीपन आर्य ने कहा कि खजांची के फेफड़े एक विशेष विमान से चेन्नई लाए गए और दो जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित किए जाएंगे, जबकि उनका लीवर और दो गुर्दे इंदौर में प्राप्तकर्ताओं के पास जाएंगे.आर्य ने कहा कि खजांची की त्वचा और आंखों को अंग बैंकों में सुरक्षित रखा गया है.