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केंद्र सरकार का बड़ा एलान! हर जिले में खुलेगा एक मेडिकल कॉलेज, छात्रों की सीटें होंगी डबल

मोदी सरकार ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. मंगलवार को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन पर एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि सबको उपयुक्त इलाज मिले इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 157 नए मेडिकल कॉलेज खोलने को स्वीकृति दे दी है.

Mansukh Mandaviya Mansukh Mandaviya
हाइलाइट्स
  • देश में खुलेंगे 157 नए मेडिकल कॉलेज

  • राज्यों को आत्मनिर्भर बनाएगा मिशन

मोदी सरकार ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. मंगलवार को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन पर एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि सबको उपयुक्त इलाज मिले इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 157 नए मेडिकल कॉलेज खोलने को स्वीकृति दे दी है. 

देश में खुलेंगे 157 नए मेडिकल कॉलेज
मंत्री ने कहा, "पीएम ने 157 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति दी है...मेडिकल छात्रों की सीट लगभग डबल हो गई है. हमने इस दृष्टिकोण के साथ काम किया कि सभी तक उपयुक्त इलाज पहुंचाया जा सके." उन्होंने आगे कहा, "सरकार ने 1,50,000 आयुष्मान हेल्थ और वेल्नेस सेंटर बनाए ताकि कैंसर और डायबटीज जैसी बीमारियों की प्राथमिक स्तर पर जांच और उचित इलाज हो सके." वहीं सस्ती दवाइयों के लिए भारत सरकार ने 8000 जन औषधी केंद्र खोले हैं, 20 लाख लोग इन स्टोर्स का फायदा उठा रहे है.

राज्यों को आत्मनिर्भर बनाएगा मिशन
उन्होंने कहा कि PM आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन ब्लॉक स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूर करने के लिए लाई गई महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना पर 5 साल में 64,000 करोड़ खर्च होंगे और ये देश को आने वाली आपदाओं से बचाएंगे. यह मिशन स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को एतिहासिक ऊंचाइयों तक ले जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सबको स्वस्थ रखने के लिए केंद्र सरकार का प्लान है कि वह हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलेगी, जबकि 22 एम्स का काम अभी पाइपलाइन में है. इससे हर जिले का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगा.

कोरोना पर अभी सतर्क रहने की जरूरत
वहीं कोरोना पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि नए वैरिएंट को लेकर एक टीम जांच में लगी हुई. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)और नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (NCDC)की टीम कई प्रकार से इस पर अध्ययन कर रही है. यह कितना संक्रामक है इस पर अभी मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता. कोई भी अगली लहर की भविष्यवाणी नहीं कर सकता. हमें सतर्क रहने की जरूरत है.