कोरोना को हराना नामुमकिन नहीं हैं, पिछले दो सालों से हम सभी ने इस लाइन को खूब सुना और इस पर अमल भी करने की कोशिश की. लेकिन अब डब्लूएचओ ने इस बात की पुष्टी कर दी है. डब्लूएचओ का कहना है कि साल 2022 तक कोरोना नॉर्मल फ्लू में तब्दिल हो जाएगा. WHO ने ये कहा है कि कोरोना के मामले तो आएंगे लेकिन अब कोरोना से किसी की मौत नहीं होगी. WHO का ये दावा ऐसे समय पर आया है कि जब ओमिक्रॉन को लेकर देश-दुनिया में मामले बढ़ते जा रहे हैं. ये दावा WHO से जुड़े 100 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने किया है.
WHO की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 तक कोरोना से लड़ने में कई दवाएं कारगर साबित होंगी. ये दवाएं कोरोना को वैसे ही काबू करेंगी जैसे शुरूआत में वैक्सीन ने कोरोना का काबू किया था. WHO का कहना है कि 6 महीनें के अंदर ऐसी सैंकड़ों दवाएं मौजूद होने वाली हैं, जो कोरोना को काबू करेंगी. WHO का कहना है कि 2022 तक कोरोना वायरस उस स्थिती में पहुंच जाएगा जैसे 1918 में स्पेनिश फ्लू और 2009 में स्वाइन फ्लू था. यानी ये दोनों ही महामारियां खत्म तो नहीं हुई हैं, लेकिन दवाओं की मदद से इन्हें कमज़ोर बना दिया गया है.
2022 में कोरोना वायरस के साथ ऐसी होगी जिंदगी
कोरोना सिजनल बीमारी जैसा होगा
अगले साल तक 90 फिसद व्यस्क आबादी का वैक्सीनेशन हो जाएगा. 100 से ज्यादा देशों की 80 फिसद आबादी बूस्टर डोज़ भी लगवा चुकी होगी. इसके बावजूद कोरोना साल में एक दो बार पीक पर होगा. ज्यादातर देशों में ये सक्रंमण सर्दी में होगा. लेकिन इसमें मौतें ना के बराबर होंगी. मौतों में कमी का कारण दवाओं का मौजूद रहना होगा. WHO ने ये साफ किया है कि ये संक्रमण पूरी तरह रूकेगा नहीं, लेकिन सक्रमितों को बचाना आसान होगा, और 99 फिसद मरीजों को अस्पताल भी नहीं जाना पड़ेगा.
दुनिया मास्क फ्री होगी
John Hopkins University के महामारी एक्सपर्ट डॉक्टर शॉन टूलव बताते हैं कि वायरस के सिजनल बीमारी में बदलते ही दुनिया मास्क फ्री हो जाएगी. कुछ देश मास्क की अनिवार्यता को खत्म भी करना शुरू कर चुके हैं. डॉक्टर शॉन ने आगे बताया कि कोरोना के मरीजों को 2-3 हफ्तें तक मास्क पहनने की जरूरत होगी.
हर साल बूस्टर डोज़ लगाना कई देशों की मजबूरी बन जाएगी
आज दुनिया भर के ज्यादातर देश बूस्टर डोज़ लगा रहे हैं. सिर्फ वही डोज़ बूस्टर डोज़ नहीं लगवा रहे हैं जहां पर शुरूआत की दोनों डोज़ अभी तक नहीं लग पाई हैं. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने 9 महीने या एक साल बाद बूस्टर डोज़ लगाने की सिफारिशें की हैं.
अगले साल हर बच्चा हो सकता है वैक्सीनेटेड
100 से ज्यादा देशों में बच्चों का वैक्सीनेशन जारी है. चीन इजराइल जैसे कुछ देश बच्चों के वैक्सीनेशन को मंजूर भी कर चुके हैं. लेकिन बारत के अलावा कई एशियाई देशों में अभी भी बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है. WHO ने उम्मीद जताई है कि 2022 तक हर एक देश का बच्चा-बच्चा वैक्सीनेटेड हो जाएगा, और कोरोना की जांच भी सस्ती हो जाएगी.